
रुपये की कमजोरी और जीएसटी पर संसद में वित्त मंत्री का जवाब
मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रुपये की गिरावट, जीएसटी सुधार और बजट से जुड़ी कई अहम चुनौतियों पर सवालों के जवाब दिए। उन्होंने साफ किया कि रुपये की वैल्यू में गिरावट के पीछे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और घरेलू कारकों का महत्वपूर्ण योगदान है।
रुपये की गिरावट पर वित्त मंत्री का स्पष्टीकरण
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 3.3% कमजोर हुआ है। लेकिन यह गिरावट कुछ अन्य एशियाई देशों की मुद्राओं की तुलना में कम रही है।
- दक्षिण कोरियाई वॉन 8.1% और इंडोनेशियाई रुपिया 6.9% तक गिर चुके हैं।
- यूरो और ब्रिटिश पाउंड में भी क्रमशः 6.7% और 7.2% की गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार रुपये की स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है और विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत बनाए रखने पर विशेष ध्यान दे रही है।
जीएसटी से करदाताओं को मिली राहत
वित्त मंत्री ने जीएसटी के महत्व को स्पष्ट करते हुए बताया कि इसके लागू होने के बाद से देश में अप्रत्यक्ष कर दरें 15.8% से घटकर 11.3% हो गई हैं। इससे न केवल व्यापारियों को राहत मिली है बल्कि उपभोक्ताओं पर कर का बोझ भी कम हुआ है।
- उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह में स्थिरता लाने के लिए सरकार ने कई सुधारात्मक उपाय किए हैं।
- छोटे व्यापारियों के लिए अनुपालन नियमों को सरल किया गया है।
बजट 2025 की चुनौतियां
निर्मला सीतारमण ने स्वीकार किया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण इस बार का बजट तैयार करना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।
उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक मंदी जैसे मुद्दों ने आर्थिक योजना बनाते समय सरकार के सामने कई मुश्किलें खड़ी कीं।
रुपये की मजबूती के लिए उठाए गए कदम
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार रुपये की मजबूती के लिए निर्यात को बढ़ावा देने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और मौद्रिक नीति में सुधार करने जैसे कदम उठा रही है।
- विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन के लिए रिजर्व बैंक सतर्कता बरत रहा है।
- निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए नई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
आर्थिक सुधारों पर सरकार का ध्यान
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश कर रही है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता के लिए राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।
वित्त मंत्री ने संसद को आश्वासन दिया कि सरकार रुपये की स्थिरता, व्यापार में सुधार और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जीएसटी दरों में कटौती और व्यापारिक सुधारों से जनता को राहत मिलने की उम्मीद है।
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