
Tej Pratap Yadav Mistakes ने Tejashwi Yadav को क्यों बनाया Bihar Politics का बड़ा नेता
Tej Pratap Yadav Mistakes: बिहार की राजनीति में Yadav परिवार एक प्रभावशाली नाम रहा है। Lalu Prasad Yadav के दोनों बेटे – Tej Pratap Yadav और Tejashwi Yadav – राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन दोनों की दिशा और दशा बिलकुल अलग रही है। जहां तेजस्वी एक परिपक्व और मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं, वहीं तेज प्रताप कई विवादों और गलतियों की वजह से अपनी राजनीतिक पकड़ खोते जा रहे हैं।
1. शुरुआती राजनीतिक सोच और भूमिका
Tejashwi Yadav ने राजनीति में जल्दी और सही समय पर प्रवेश किया। उन्होंने 2010 में RJD के लिए प्रचार करना शुरू किया और 2015 में Deputy CM बनकर बड़ी जिम्मेदारी निभाई। वहीं Tej Pratap Yadav का राजनीतिक सफर अस्थिर और बिना किसी स्पष्ट दिशा के रहा।
Tejashwi Yadav Rise का एक बड़ा कारण था उनकी साफ-सुथरी छवि और मुद्दों पर आधारित राजनीति।
2. विवादों में घिरे Tej Pratap Yadav
Tej Pratap Yadav Mistakes की सूची लंबी है। उन्होंने कई बार ऐसे बयान दिए जो पार्टी और परिवार दोनों के लिए नुकसानदेह साबित हुए।
2017 में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी (“खाल उधेड़ देंगे”) हो या फिर पत्रकार से बदसलूकी का मामला – ये सब उनके खिलाफ माहौल बनाते गए।
3. निजी जीवन से उपजे राजनीतिक तूफान
तेज प्रताप की शादी और तलाक की कहानी भी खुलकर मीडिया में आई। उनकी पत्नी Aishwarya Rai से अलगाव और फिर हाल ही में Facebook पर एक महिला (Anushka Yadav) के साथ कथित रिश्ते का दावा – इन सबने उनकी छवि को और नुकसान पहुंचाया।
इन्हीं विवादों के कारण RJD Internal Politics में तेज प्रताप की स्थिति कमजोर होती गई।
4. Lalu Prasad Yadav का कठोर फैसला
25 मई 2025 को, Lalu Yadav ने एक कड़ा कदम उठाते हुए Tej Pratap Yadav को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिया। वजह थी उनके सोशल मीडिया पोस्ट और अनुशासनहीन आचरण।
यह न सिर्फ पारिवारिक तनाव को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पार्टी अब सिर्फ परिवारवाद से नहीं चलने वाली।

5. Tejashwi Yadav की मजबूत पकड़
दूसरी ओर, Tejashwi Yadav Rise इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक युवा नेता ज़मीनी मुद्दों और जनता की बातों को समझकर खुद को आगे बढ़ा सकता है।
उन्होंने बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जोर देकर युवा वोटर्स का विश्वास जीता है।
6. मजबूत गठबंधन बनाने की क्षमता
तेजस्वी ने समय के साथ Bihar Politics में कई अहम गठबंधन किए। 2022 में उन्होंने Nitish Kumar के साथ महागठबंधन बनाकर भाजपा को सत्ता से बाहर किया, जो उनकी राजनीतिक समझदारी को दर्शाता है।
7. जनता से सीधा संवाद
Tejashwi Yadav का सोशल मीडिया और ग्राउंड कनेक्शन काफी मजबूत है। वे युवाओं से जुड़ते हैं, वीडियो संदेश देते हैं, और जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
वहीं, तेज प्रताप का सोशल मीडिया अक्सर विवादों में ही छाया रहता है, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।
8. मुद्दों पर आधारित राजनीति बनाम नाटकीयता
जहां Tejashwi Yadav हमेशा नीतिगत मुद्दों और विकास की बात करते हैं, तेज प्रताप अकसर नाटकीय और व्यक्तिगत मुद्दों में उलझे रहते हैं। यही फर्क है जो एक को नेता और दूसरे को सिर्फ परिवार का सदस्य बना देता है।
Tej Pratap Yadav Mistakes ने उन्हें RJD और Bihar Politics में कमजोर बना दिया, जबकि Tejashwi Yadav Rise एक रणनीतिक और मुद्दों पर आधारित नेतृत्व की कहानी है।
लालू यादव के दोनों बेटे राजनीति में उतरे, लेकिन एक नेता बना और दूसरा सिर्फ ‘विवादों’ के लिए जाना गया।
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