
Panchkula Suicide Case: एक ही गाड़ी में तीन पीढ़ियों की सामूहिक आत्महत्या!
Panchkula Suicide Case: हरयाणा के स्तिथ पंचकूला से भयानक घटना सामने आयी है, जहा एक ही परिवार के 7 सदस्यों ने आत्महत्या की। परिवार पंचकूला में बागेश्वर धाम (धीरेन्द्र शास्त्री) की हनुमंत कथा सुनकर वापस आ रहे थे। परिवार के सातो सदस्यों ने गाडी में ही ज़हर खा कर अत्महत्या को अंजाम दिया।
पंचकूला में परिवार के 7 लोगो ने की आत्महत्या
देहरादून से पचकुला सेक्टर 27 गया था परिवार बागेश्वर धाम (धीरेन्द्र शास्त्री) की हनुमंत कथा सुनने, वह से वापस आते समय परिवार ने गाडी को एक घर के बहार रोका, वही पे परिवार के सातो लोगो ने गाडी को लॉक करके पिया सोडियम। परिवार आर्थिक समस्याओ से गुज़र रहा था, परिवार पे कर्ज जयादा था जिसे चुकाने में उन्हें समस्या हो रही थी, जिसके कारन बैंकवालों ने उन्ही ज़मीन भी ज़प्त कर ली थी। हालही में शुरू किया था उन्होंने टूर एंड ट्रेवल्स का बिज़नेस जो ठप पद गया था। इन परिशानिओ के कारन परिवार के सरे लोगो ने की आत्महत्या, 12-13 साल की दो बच्चियां, एक 14 साल का लड़का, बच्चो के माता पिता और उनके दादा और दानी ने सोडियम पी कर की आत्महत्या। गाडी को पूरी तरह से पहले परिवार के सभी लोगो को पिलाया और सबसे अंत में प्रवीण मित्तल ( जिसका परिवार था) ने पिया ज़हर। एक साथ तीन पीड़ी को किया ख़तम।
ज़हर खा कर मरा परिवार
वह के लोगो द्वारा देखा गया की गाड़ी में लोग एक दुसरे पर उलटी कर रक्खी है, गाडी का ड्राइवर जो 42 वर्ष का प्रवीण मित्तल जिसने बताया की उंसने और उसके परिवार ने सोडियम पी लिया है और उसके परिवार के सभी लोग मर चुके है और वो भी कुछ ही देर में मर जाएगा ये, Hyundai की 5 सीटर Aura गाडी थी जिसमे 7 लोग थे इससे पता चलता है की पूरा परिवार वहाँ पे आत्महत्या करने के इरादे से ही आया था जिसमे वे लोग सफल रहे जैसाकी ये पता लगने के बाद उनलोगो को असपटल ले जाया गया जहा पता चला की सबकी मृत्यु हो चुकी है। वहाँ के लोगो द्वारा प्रवीण को पानी देने की कोशिश की गयी लेकिन जैसा की वो ज़हर पि चुके थे, उनकी हालत ऐसी नहीं थी की वो गिलास भी पकड़ सके, ऐसा पता लगा है की प्रवीण पर भारी कर्ज थे और उन्होंने टूर एंड ट्रेवल्स का बिज़नेस भी शुरू करा था लेकिन वो भी ठप हो गया।
डीसीपी पंचकूला द्वारा जानकारी
पंचकूला की डीसीपी हिमाद्री कौशिक का कहना है इन 7 लोगो में से 6 लोगो को ओजस अस्पताल लाया गया, जहा पता चला की इन सभी की मौत हो चुकी है, और सातवे इंसान को पंचकूला के सेक्टर 6 के सिविल अस्पताल लाया गया जहा पे उसे भी मृत घोषित कर दिया गया।
यह पहला ऐसा कांड नहीं
ऐसा मामला 2018 में भी सामने आया था जहा पे एक ही परिवार के 11 लोगो ने एक साथ एक ही घर में फांसी लगा कर आत्महत्या की। परिवार में 18 से लेके 57 साल के लोग थे और एक 80 साल की महिला। इस परिवार का सामूहिक आत्महत्या करने का कारन परिवार की मानसिक स्तिथि ठीक ना होना, कहा जाता है की पूरा परिवार अंधविशवास में मैंने के कारन परिवार के सभी लोगो ने एक साथ आत्महत्या कर ली ।
आत्महत्या करना किसी बात का समाधान नहीं, लोगो अपनी समस्या का सामना करने का सहस होना चाइये नहीं की उससे पीछा छुड़ाने के लिए आत्महत्या करना। लोग आज के समय में अपने को नुकसान पहुंच का समाधान ढूंढते है, कोई पैसे के चक्कर में आत्मा हत्या करता है, कोई अंधविशवास तोह कोई प्रेम के चक्कर में। छोटे बच्चे जो स्कूल में पढ़ने वाले है वो भी आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेते है जहा पे वो पढाई की मानसिक तनाव के कारन खुदखुशी करना सही समझते है लेकिन ये नहीं सोचते नहीं की इतनी कम उम्र में अगर कोई Panchkula Suicideमाता पिता अपने बच्चो को खो तोह उनपे क्या बीतेगी।
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