
आज यानी शुक्रवार सुबह इजराइल ने ईरान के एटमी तथा अन्य सैन्य अड्डों पर बढ़ा हमला कर दिया।
Israel-Iran conflict: आज यानी शुक्रवार सुबह इजराइल ने ईरान के एटमी तथा अन्य सैन्य अड्डों पर बढ़ा हमला कर दिया। इस हमले में ईरान के दो बड़े सैन्य अधिकारी समेत दो परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स को एक ईरानी अधिकारी ने बताया ये हमला ईरान की राजधानी तेहरान में शाहरक शाहिद महालती नाम की जगह पर हुआ है। इस जगह पर हाई रैंक के कई सीनियर अफ्सर रहते है। इस हमले में कई इमारतें भी ध्वस्त हो गयी। जिसके जवाब में ईरान ने भी अब बढ़ी कार्यवाई की है।
Israel-Iran conflict: 6 जगहों पर हुआ हमला
नतांज- यह जगह ईरान का मेन परमाणु फैसिलिटी सेंटर है। यहां पर कई सेंट्रीफ्यूज लगाए गए हैं जो परमाणु कार्यक्रम के लिए आवश्यक होते हैं।
करमानशाह- यह स्थान पश्चिमी ईरान में स्थित है। यहां पर मिलिट्री अड्डा है।
तेहरान- यह ईरान की राजधानी है और सबसे बड़ा शहर भी। यहां पर कई सरकारी संस्थान, सैन्य और राजनीतिक सेंटर है।
अराक- इस शहर में एक हैवी वॉटर रिएक्टर मौजूद है। यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा है।
इस्फ़ान- ईरान के इस शहर में यूरेनियम कन्वर्जन फैसिलिटी है। यहां पर कच्चे यूरेनियम को गैस में परिवर्तित किया जाता है।
तबरीज- यह ईरान के अज़रबैजान प्रांत की राजधानी है। कई मिलिट्री वेयरहाउस, मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट्स और आईआरजीसी से जुड़े कई अड्डे थे।
Israel-Iran conflict: नेतन्याहू ने कहा “ईरान हमारे लिए खतरा है”
इजराइली सेना की ओर से कहा गया था कि यह प्री एमटीव स्ट्राइक थी। यानी खतरे को भापकर ही इजराइल ने यह फैसला लिया है ताकि ईरान कोई बड़ी कार्यवाही ना कर पाए। इजरायली सेना ने यह भी दावा किया कि आगे और भी ऐसे कई हमले हो सकते हैं।
इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान चोरी छुपे परमाणु हथियार बना रहा था। यह हमारे देश के लिए एक बड़ा खतरा था। इसलिए हमारी सेना ने नतांज जैसे अहम परमाणु ठिकानो और ईरान के कुछ प्रमुख वैज्ञानिकों पर हमला किया है। नेतन्याहू ने आगे कहा कि इजराइल सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व की सुरक्षा के खातिर ही कदम उठाया। ईरान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और पूरी दुनिया को अस्थिर करना चाहता है।
Israel-Iran conflict: IAEA ने ईरान के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया था
आपको बता दे कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने गुरुवार को ईरान के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया था। एजेंसी का कहना था कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर तय नियमों का पालन नहीं कर रहा है।
IAEA के अनुसार ईरान के पास इतनी ज्यादा मात्रा में यूरेनियम है कि वह एक साल से भी कम वक्त में 10 परमाणु बम बना सकता है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि ईरान कई स्थानों पर परमाणु गतिविधियों की जानकारी देने से लगातार पीछे हट रहा है और वह जांच में सहायता नहीं कर रहा।
यह बीते 20 साल में पहली बार हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र की इस निगरानी संस्था ने ईरान को लेकर इतनी सख्त कार्रवाई की है।
Israel-Iran conflict: इजरायल ईरान के बीच तनाव बढ़ा
ईरान काफी लंबे समय से इजराइल को खत्म करने की बात करता रहा है और उन क्षेत्रीय लड़कों का समर्थन भी करता है जो इजरायल के खिलाफ होते हैं। दूसरी ओर इजरायल ईरान को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। उसका उद्देश्य ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकना है। बीते कुछ वर्षों में यह टकराव लगातार बढ़ा है। 2019 में इजराइल ने सीरिया, लेबनान और इराक में उन ठिकानो पर हमला किया जहां से ईरान अपने सहयोगियों को हथियार भेजता था। साल 2020 में इजराइल ने ईरान के एक बड़े परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फारीखजादेह की हत्या की थी।
Israel-Iran conflict: ईरान ने किया पलटवार
ईरान ने इजराइल पर जवाबी करवाई करते हुए हमले में 100 से ज्यादा ड्रोन दागे है। इजराइली सेना IDF का दवा है की उनके लड़ाकू विमान ड्रोन को रस्ते में ही गिरा रहे है। अभी तक एक भी ड्रोन इजराइल की सीमा में नहीं पहुँचा है। हालत पूरी तरह नियंत्रण में है।
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