Rani Kapoor property dispute: संजय कपूर की विरासत किसकी? मां, पत्नी और बच्चों में कानूनी जंग शुरू
Rani Kapoor property dispute: दिल्ली की हाई-प्रोफाइल सोसाइटी इन दिनों एक बड़ी कानूनी जंग की गवाह बन रही है। मामला है बिजनेसमैन संजय कपूर की 30 हज़ार करोड़ रुपये की कंपनी सोना कॉम्स्टर (Sona Comstar) और उनकी संपत्ति का, जिसके उत्तराधिकारी को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है।
12 जून को 58 वर्षीय संजय कपूर की पोलो खेलते हुए अचानक मौत हो गई थी। बताया गया कि उन्हें हार्ट अटैक आया और अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी सांसें थम गईं। उनकी इस अचानक मौत ने परिवार, बिजनेस और करीबी दोस्तों को गहरे सदमे में डाल दिया। लेकिन कुछ ही हफ्तों में यह सदमा एक नए विवाद में बदल गया—विवाद उनकी विरासत और कंपनी के भविष्य का।
मां रानी कपूर का आरोप
संजय कपूर की मां रानी कपूर, जो 80 साल की हैं, उन्होंने कुछ समय पहले यह बयान दिया कि उन पर दस्तावेजों पर साइन करने का दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह वही कंपनी है, जिसे उनके पति और बेटे ने खड़ा किया था, लेकिन अब उन्हें ही अलग-थलग करने की कोशिश हो रही है।
हालाँकि, कंपनी की ओर से तुरंत बयान आया कि रानी कपूर का 2019 के बाद से कंपनी से कोई नाता नहीं है। इतना ही नहीं, कंपनी ने उनके खिलाफ लीगल नोटिस तक भेजा। इस पर संजय की बहन मंदिरा ने नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा,
“मेरी मां 80 साल की हैं। उनसे यह कहना कि उनका उस कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है, बहुत कठोर बात है। यह वही कंपनी है, जिसे हमारे पिता और भाई ने मिलकर बनाया। आज हमें बताया जा रहा है कि हम इस विरासत को रखने के योग्य नहीं हैं।”
करिश्मा कपूर के बच्चों की याचिका
संजय कपूर की निजी ज़िंदगी भी हमेशा सुर्खियों में रही। बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर से उनका तलाक हो चुका था। करिश्मा और संजय के दो बच्चे हैं—कियान और समायरा।
इन दोनों बच्चों ने अब दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उनका आरोप है कि उनकी सौतेली मां प्रिया सचदेव, जो संजय की दूसरी पत्नी हैं, ने वसीयत में जालसाजी की है। बच्चों ने कहा कि जिस वसीयत का हवाला दिया जा रहा है, वह असली नहीं है और न ही उन्हें कभी उसकी कॉपी दिखाई गई।
अदालत ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और प्रिया सचदेव को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे कहा है कि वह 12 जून तक अपनी जानकारी में मौजूद सभी चल-अचल संपत्तियों की लिस्ट जमा करें। अब मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी।
पहले ही मिले थे 14 करोड़ रुपये
कंपनी और संपत्ति के विवाद के बीच यह बात भी सामने आई है कि करिश्मा कपूर के बच्चों के लिए पहले ही 14 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे गए थे। इन बॉन्ड्स पर हर महीने करीब 10 लाख रुपये का ब्याज उन्हें दिया जा रहा था।
इसके अलावा, तलाक के वक्त संजय कपूर ने करिश्मा को अपने पिता का एक घर भी सौंपा था। यानी बच्चों के लिए पहले से ही आर्थिक इंतज़ाम किए गए थे। लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि इतने बड़े बिजनेस साम्राज्य में बच्चों का हिस्सा कितना होना चाहिए और क्या उन्हें इससे दूर रखा जा सकता है?
वसीयत पर सवाल
इस पूरे विवाद की जड़ वही कथित वसीयत है, जिसे प्रिया सचदेव के पास बताया जा रहा है। बच्चों का कहना है कि यह दस्तावेज़ असली नहीं है और इसे अदालत में सबूत के तौर पर मानना ठीक नहीं होगा।
उनका तर्क है कि अगर वसीयत असली है तो फिर उसकी मूल प्रति उन्हें क्यों नहीं दिखाई गई? क्यों केवल कहा जा रहा है कि यही आखिरी इच्छा थी?
बच्चों ने अदालत से गुज़ारिश की है कि जब तक जांच पूरी न हो, तब तक प्रिया सचदेव को वसीयत पर अमल करने से रोका जाए।
पारिवारिक विवाद का मानवीय पहलू
यह पूरा मामला सिर्फ करोड़ों-अरबों की संपत्ति का झगड़ा नहीं है। यह उस परिवार की कहानी है, जिसने अपने बेटे को अचानक खो दिया और अब उसकी विरासत पर बिखराव की कगार पर खड़ा है।
80 साल की मां, जो कहती हैं कि उन्हें कंपनी से बाहर किया जा रहा है। बहन, जो अपनी मां की पीड़ा पर सवाल उठा रही है। बच्चे, जो दावा कर रहे हैं कि उनके पिता की आखिरी इच्छा को बदल दिया गया। और पत्नी, जो कह रही हैं कि वही सही उत्तराधिकारी हैं।
यह कहानी सिर्फ अदालत के कागज़ों और लीगल नोटिस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें एक बूढ़ी मां की भावनाएँ, बच्चों की सुरक्षा का सवाल और एक परिवार की टूटती हुई तस्वीर शामिल है।
आगे क्या होगा?
9 अक्टूबर को जब दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी, तो शायद इस विवाद की दिशा कुछ साफ़ हो। अदालत यह तय करेगी कि संजय कपूर की विरासत किसके हाथ में जाएगी और कौन होगा सोना कॉम्स्टर का असली वारिस।
लेकिन इतना तय है कि यह मुक़दमा आने वाले महीनों तक चर्चा का विषय बना रहेगा। यह मामला हमें यह भी याद दिलाता है कि चाहे इंसान कितना भी बड़ा बिजनेस क्यों न खड़ा कर ले, अंत में उसकी विरासत को लेकर सबसे ज्यादा खींचतान अपने ही घर के भीतर होती है।
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