
Ashadha Amavasya 2025: पितृ तर्पण, दान और शिव पूजन का शुभ दिन!
Ashadha Amavasya 2025: आषाढ़ मास की अमावस्या हर वर्ष जून या जुलाई के महीने में आती है। आषाढ़ अमावस्या के दिन विशेष रूप से महादेव की पूजा आराधना करने की मान्यता है। यह दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान पुण्य के लिए काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।
आषाढ़ अमावस्या कब है?
2025 में आषाढ़ मास की अमावस्या 25 जून को है। अमावस्या का दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए और पितरों का तर्पण व पिंडदान करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
इस बार उदया तिथि में अमावस्या मनाई जा रही है। 2025 में आषाढ़ मास की अमावस्या 24 जून यानी मंगलवार शाम 6:59 मिनट से शुरू होकर 25 जून यानी बुधवार को शाम 4:00 बजे तक रहेगी।
आषाढ़ अमावस्या का महत्व
- अमावस्या चाहे आषाढ़ मास की हो या किसी और मांस की, पितृ के तर्पण व पिंडदान के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
- आषाढ़ माह की अमावस्या में पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व होता है।
- अपने पितृ की आत्मा की शांति के लिए अमावस्या के दिन कई लोग पितरों के नाम से दान करते हैं और पीपल के पेड़ पर उनके नाम से दीपक भी जलते हैं।
- दान पुण्य के अलावा आषाढ़ अमावस्या के दिन दीपदान का काफी महत्व है।
- आषाढ़ मास के अमावस्या के दिन सूर्य को अर्थ देना चाहिए , महादेव का जल अभिषेक करना चाहिए तथा घर के दक्षिणी हिस्से में पितरों के नाम का दीपक जलाना चाहिए।
- अमावस्या के दिन यह सब करने से पितृ दोष कम होता है, और पितरों की आत्मा तृप्त होती है।
अमावस्या के दिन यह जरूर करें!
- आषाढ़ माह की अमावस्या के दिन दीप दान जरूर करना चाहिए।
- पितरों के नाम से दान पुण्य करना चाहिए।
- महादेव की पूजा आराधना कर शिवलिंग पर पंचामृत से जल अभिषेक करना चाहिए।
- पीपल की पेड़ की पूजा करें और शाम के समय दिया भी जलाएं।
- अपने घर के प्रथम द्वार पर दक्षिण की तरफ तिल के तेल से चार मुखी दिया जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए, अगर नदियों में जाना संभव न हो तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
आषाढ़ अमावस्या पर शुभ योग!
आषाढ़ मास की अमावस्या के दिन कई सारे शुभ संयोग बना रहे हैं। इस दिन सूर्य मिथुन राशि, चंद्रमा मिथुन राशि, शनि मीन राशि और राहु कुंभ राशि में है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, वृद्धि योग, वैसी योग, गुरु आदित्य योग, गजकेसरी योग और दंड योग भी बना रहे हैं। इन सभी योग के बनने से सभी कार्यों में सिद्ध होगी व्यक्तियों को धन लाभ होगा और आध्यात्मिक उत्पन्न के लिए यह दिन काफी शुभ माना जाता है।
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