
औरंगजेब: एक क्रूर शासक का विवादास्पद इतिहास
Aurangzeb वह राजा था जिसने खुद के ही पिता को जेल में कैद करवा लिया। इतना क्रूर था कि उसने अपने ही भाइयों की हत्या करवाई। उसने कई हिंदू मंदिरों को तुड़वाया और लोगों की आस्था को भंग किया साथ ही हिंदुओं से बहुत बड़ी मात्रा में कर भी वसूला।
Aurangzebका इतिहास
औरंगजेब मुगल साम्राज्य का छठा बादशाह था। बताया जाता है कि औरंगजेब सबसे क्रूर राजाओं में से एक माना जाता है।
औरंगजेब का जन्म 3 नवंबर 1618 को गुजरात के दाहोद में हुआ था, औरंगजेब ने 1658 से 1707 तक भारत में राज किया।
इतना ज्यादा निर्देश बादशाह होने के बाद भी उनके शासन काल में उनका राज्य कहीं ऊंचाइयों पर पहुंचा हुआ था। औरंगजेब का पूरा नाम मोही अल-दीन मोहम्मद था।
आपको बता दे औरंगजेब को आलमगीर की उपाधि से सम्मानित भी किया गया था।
सबसे क्रूर बादशाह
भारत के इतिहास से पता चलता है कि औरंगजेब कितना क्रूर बादशाह था। उसकी क्रूरता ने ना ही बच्चे देखें और ना ही मासूम औरत।
औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान न जाने कितने मंदिर तुड़वाए। और हिंदुओं पर दोगुना कर भी लगाया।
औरंगजेब शाहजहां और मुमताज का बेटा था। औरंगजेब के तीन भाई थे जिनका नाम शिकोह, शाह शुजा, मुराद बख्श था। इतिहास का कहना है कि औरंगजेब ने अपने पिता को शासन की गद्दी के लिए कारागार में बंदी बना लिया। उसने अपने भाई को मरवाया और दूसरे भाई को जहर देकर मरवा दिया।
औरंगजेब की हरकत से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जो अपने परिवार का ना हो सका वह भला किसका होगा?
Aurangzeb मुगल साम्राज्य का एक ऐसा बादशाह था जिसे सबसे ज्यादा नफरत मिली।
उसको नफरत करने के कई कारण है जैसे उसने हिंदुओं से कर वसूले, हिंदुओं की आस्था के साथ खेला, उनके मंदिरों को तुड़वाया, उसने हिंदुओं पर अलग-अलग तरीके की पाबंदियां लगाई और लाखों हिंदुओं का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन भी कराया।
बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर तुड़वाया
औरंगजेब ने भारत में न जाने कितने ही मंदिर तुड़वाया जिसमें से, बाबा काशी विश्वनाथ का मंदिर और सोमनाथ मंदिर शामिल है। इन मंदिरों के टूटने से हिंदू साम्राज्य के लोग आग बबूला हो गए और दिल से औरंगजेब को नफरत करने लगे।
औरंगज़ेब ने अपनी सियासी राज्य को बढ़ाने के लिए कई गांवों को लूटा और कई महिलाओं का रेप भी करा। इतना सब करने के बावजूद भी और उसको शिवाजी महाराज से हार का सामना करना पड़ा।
Aurangzeb के पुत्र
औरंगजेब मुगल साम्राज्य का छठा वंशज था औरंगजेब की मृत्यु के बाद उनका बेटा बहादुर शाह बादशाह बना। वह औरंगजेब का सबसे बड़ा पुत्र था जो 63 वर्ष की उम्र में राजकुमार मुअज्जम बहादुर शाह की उपाधि लेकर सम्राट बना।
Aurangzeb की मृत्यु
औरंगजेब मुगल सम्राट अकबर के बाद सबसे अधिक समय तक रहने वाला मुगल शासक था। उसने अपने साम्राज्य को एक बड़े पैमाने तक पहुंचा। इसके अलावा उसने दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में विजय भी प्राप्त करें और अपने साम्राज्य को साढे 12 लाख वर्ग मील तक फैलाया।
आपको बता दे औरंगजेब की मृत्यु कोई सामान्य मृत्यु नहीं थी। अर्थात वो खुद नहीं मारा बल्कि किसी के द्वारा मारा गया था। औरंगजेब को बुंदेला राजा वीर छत्रपाल द्वारा मारा गया। उन्होंने इस कार्य को सफलता पूर्वक किया और जैसे-जैसे महाप्रभु जी ने कहा ठीक उसी प्रकार औरंगजेब के शरीर पर एक चीर दिया, जिससे वह 3 महीने तक बिस्तर पर तड़पता रहा और इसी तरह तड़प तड़प कर 1707e में इस दुनिया को छोड़कर चला गया।
Aurangzeb से जुड़ी दिलचस्प बात
आपको सुनकर हैरानी होगी कि औरंगजेब टोपिया सिलने का काम करता था। औरंगज़ेब एक ऐसा शासक था जो एक बादशाह होने के साथ-साथ भी टोपिया बनता था, इतिहासकारों का मानना है तो इस्लाम में टोपी या पहनने का इतिहास पुराना है और उसे धार्मिक आस्था से जोड़ा जाता है। औरंगज़ेब टोपिया सिलता था और उन टोपिया से जो पैसे मिलते थे उसे अपना गुजारा करता था। इतिहास की माने तो औरंगजेब ने अपने अंतिम संस्कार के लिए भी धन इकट्ठा कर हुआ था। औरंगजेब भले ही बहुत कठोर राजा था पर वह सदा जीवन जीने में भरोसा रखता था। उसने हमेशा अपने शाही जीवन और सुख को दूर रखा।
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