
सर्वाइकल पेन: कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
cervical spondylosis : जब गर्दन में दर्द या कंधे में दर्द काफी दिनों तक रहने लगे यह दर्द बहुत ज्यादा दर्दनाक हो जाए तो इसे सर्वाइकल पेन कहते हैं। सर्वाइकल पेन हड्डियों से जुड़ी समस्या है, सर्वाइकल पेन को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस भी कहते हैं।
पहले के समय में सर्वाइकल का पेन जायदातर बुजुर्ग लोगों को हुआ करता था, पर आजकल सर्वाइकल हर उम्र के लोगों को अपने कब्जे में ले रही है।
जानिए क्या है सर्वाइकल पेन
सर्वाइकल का दर्द आजकल के लोगों में बहुत आम हो गया है , यह दर्द ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में बैठने से और काम ज्यादा करने से युवाओं को होता है। आजकल हमारे रहन-सहन का तरीका कई मामलों में सेहत को प्रभावित करने लग गया है, खराब लाइफस्टाइल की वजह से आजकल व्यक्तियों को कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, जैसे खराब लाइफस्टाइल की वजह से महिलाओं को मोटापा, पीसीओडी और पीसीओस जैसे बीमारियों से जूझना पड़ता है।
कई बीमारियां ऐसी हैं , जो कुछ साल पहले लोग बीमारियों की कैटेगरी में ही नहीं रखते थे जैसे बैक पेन, जोड़ियां में दर्द, सर दर्द और कमर दर्द , पर आजकल यह सर्वाइकल पेन की कैटेगरी में आ गई है , जो की काफी खतरनाक साबित हो रही है, सर्वाइकल पेन ज्यादा होने से व्यक्ति अपनी गर्दन घुमा तक नहीं पाता।
लगातार डेस्कटॉप में काम करने के कारण , कई घंटे तक फोन चलाने के कारण आप कब सर्वाइकल के शिकार बन जाए आपको पता तक नहीं चलेगा। सर्वाइकल पेन गर्दन से रिड की हड्डीयो और कमर की ओर बढ़ता है। इस परेशानी में आपके गर्दन और कमर में अकड़न महसूस होती है ।
सर्वाइकल पेन के कारण
सर्वाइकल में गलत लाइफस्टाइल की वजह से होता है । गलत रहन-सहन की वजह से होता है ।
आईये जानते हैं सर्वाइकल पेन के कारण।
- गलत पोजीशन में सोना।
- लगातार घंटे तक डेस्कटॉप पर काम करना ।
- देर तक फोन चलाना क्योंकि उसमें गर्दन झुकी रहती है।
- लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहना।
- सोते समय ऊंचे या बड़े टेकियों का इस्तेमाल करना।
- एक्सीडेंट, या लड़ाई झगड़े में चोट लगा न
- हड्डियां चटक जाना
बढ़ती उम्र
- अगर आप टेंशन या डिप्रेशन में है तो तनाव भी सर्वाइकल पेन का कारण हो सकती है।
सर्वाइकल पेन के लक्षण
सर्वाइकल पेन आजकल बच्चों से लेकर बड़ो तक होने लगा है। अगर कोई बच्चा आपको गर्दन दर्द , कमर दर्द या सर दर्द की बार-बार शिकायत करता है तो उसे नजर अंदाज न करें क्योंकि सर्वाइकल आजकल सभी वर्क के लोगों को हो रहा है।
यदि हम सर्वाइकल दर्द के लक्षण की बात करें, तो दर्द के साथ गर्दन में अकड़न महसूस होने लगती है जिसके कारण अपनी गर्दन को स्वतंत्र रूप से घूमना बहुत मुश्किल हो जाता है।
- गर्दन में धड़कन होना
- गर्दन में सूजन और दर्द होना
- शरीर दर्द होना
- गर्दन घुमाते समय तकलीफ होना या आवाज आना
- हाथ , बाजू और उंगलियों में कमजोरी महसूस होना
- सर्वाइकल पेन का इलाज़
सर्वाइकल दर्द एक गंभीर बीमारी है जो व्यक्ति के रहन-सहन से प्रभावित होती है। युवा में सर्वाइकल दर्द से उनकी निजी जिंदगी में बहुत असर पड़ता है, कुछ लोगों की भले ही मजबूरी है कि उनको डेस्कटॉप पर बैठकर ही काम करना है, पर फिर भी वह कुछ इलाजों से इस समस्याओं से दूर या कम कर सकते हैं।
योग: भारत में योग को बहुत महत्वता दी जाती है। योग करने से सिर्फ सर्वाइकल ही नहीं बल्कि अन्य बड़ी से बड़ी बीमारियां तक दूर हो सकती है ।
चाहे कोई व्यक्ति बीमारियों से जूझ रहा हो या बिल्कुल स्वस्थ हो योग हर व्यक्ति को करना चाहिए।
आयुर्वेद: सर्वाइकल की कई सारी दवाइयां आती है कई दवाई शरीर के लिए बहुत हानिकारक होती है ऐसे में कोशिश करें कि आयुर्वेद की तरफ बड़े। आयुर्वेद सदियों से चलती आ रही भारतीय प्रणाली है जो भले ही धीरे काम करती है पर लाभदायक होती है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते हैं।
Physiotherapy : जब दर्द हद से ज्यादा बढ़ जाए और दवाइयां के असर होने तक का इंतजार ना किया जाए तो फिजियोथैरेपी का सहारा ले। फिजियोथैरेपी में दर्द व्यायाम भी कई तरीके के हैं जो आपको पूरे तरीके से राहत प्रदान करते हैं ।
इसके अलावा भी सर्वाइकल के कई घरेलू उपाय भी मौजूद है
सर्वाइकल के घरेलू उपाय।
- अगर आपको सर्वाइकल का दर्द है और आप इसे बहुत ज्यादा परेशान है तो दर्द वाली जगह पर बर्फ लगाना शुरू कर दे। बर्फ लगाने से आपको दर्द से राहत मिलेगी दिन में तीन चार बार बर्फ को दर्द वाली जगह जरूर लगाए।
- सर्वाइकल के दर्द से राहत पाने के लिए आप एक ही जगह पर ना बैठे कोई ना कोई काम करते रहे।
- अपने घर में नियमित रूप से योग करें।
- हल्दी वाला दूध पिए। हल्दी में एलिमेंट्री गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं इसीलिए गर्म गिलास में हल्दी डालकर पीना शुरू कर दे।
- गर्म पानी से सिकाई करें । गर्म पानी में नमक डालकर उसमें तौलिया भिगोकर दर्द वाली जगह में 15 से 20 मिनट तक सिकाई करें।
- आप सिकाई ठंडे पानी से भी कर सकते हैं। एक कपड़े में बर्फ को लपेटकर दर्द वाली जगह में 10 से 15 मिनट तक सिकाई करें।
- तिल के तेल को गर्म करके गर्दन और कंधे में हल्के हाथ से मालिश करें।