
दिल्ली में बीजेपी की नई सरकार
दिल्ली में नई सरकार के गठन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री पद से लेकर मंत्रियों के चयन तक, बीजेपी तमाम समुदायों—ब्राह्मण, बनिया, जाट, दलित, सिख और पूर्वांचली—के संतुलन को साधने की कोशिश कर रही है। इस बीच मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रवेश वर्मा, स्मृति ईरानी समेत कई बड़े नाम सामने आ रहे हैं।
मंत्रिमंडल गठन में किन-किन समुदायों को मिलेगी जगह?
दिल्ली में कुल 48 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी के लिए चुनौती यह है कि मुख्यमंत्री के अलावा सिर्फ छह मंत्री बनाए जा सकते हैं। ऐसे में पार्टी को सभी प्रमुख समुदायों के बीच संतुलन साधना होगा।
सीएम पद की दौड़ में कौन-कौन शामिल?
मुख्यमंत्री पद के लिए प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का भी नाम चर्चा में है। वहीं, कपिल मिश्रा और विजेंद्र गुप्ता जैसे दिग्गज नेता भी इस रेस में माने जा रहे हैं।
जातिगत समीकरणों पर बीजेपी की रणनीति
- ब्राह्मण समुदाय: कपिल मिश्रा का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है। बीजेपी उन्हें हिंदुत्व और पूर्वांचली वोटरों को साधने के लिए आगे ला सकती है।
- बनिया समुदाय: विजेंद्र गुप्ता, तिलक राम गुप्ता और अनिल गोयल में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है।
- जाट समुदाय: यदि प्रवेश वर्मा सीएम बनते हैं तो कैलाश गहलोत को मंत्री पद से दूर रखा जा सकता है।
- सिख समुदाय: मनजिंदर सिंह सिरसा, अरविंदर सिंह लवली और तरविंदर सिंह मारवाह के नाम चर्चा में हैं।
- अनुसूचित जाति: राजकुमार चौहान, कैलाश गंगवाल और रविकांत का नाम सामने आ रहा है।
बीजेपी क्यों ले रही है समय?
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए कई बड़े चेहरों को ड्रॉप किया जा सकता है। पहली बार जीतकर आए कुछ विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।
महिला नेतृत्व की संभावना
यदि मुख्यमंत्री पद किसी महिला को दिया जाता है, तो डिप्टी सीएम पद किसे मिलेगा, इस पर भी विचार किया जा रहा है।
नड्डा से मुलाकात के बाद बढ़ी अटकलें
हाल ही में बीजेपी के आठ विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इनमें शिखा रॉय, सतीश उपाध्याय, अरविंदर सिंह लवली और विजेंद्र गुप्ता जैसे नाम शामिल हैं। हालांकि इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया है, लेकिन राजनीतिक अटकलों का दौर तेज हो गया है।
निगम चुनावों पर नजर
दिल्ली सरकार गठन के अलावा आगामी नगर निगम चुनावों पर भी बीजेपी की पैनी नजर है। पार्टी छोटे दलों को जोड़कर 100 प्रतिशत जीत की रणनीति पर काम कर रही है।
अब देखना यह होगा कि बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाती है और किसे मंत्री पद का दायित्व सौंपती है। दिल्ली की सियासत में आने वाले दिनों में कई अहम फैसले देखने को मिल सकते हैं।
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