
Pahalgam terror attack: पहलगाम आतंकी हमले में 26 की मौत, पीएम मोदी का कानपुर दौरा रद्द
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam terror attack) में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। यह हमला न केवल स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि इससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया है।
हमले के मुख्य बिंदु (Key Highlights of Pahalgam terror attack):
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28 लोगों की मौत, दो विदेशी भी शामिल:
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में 28 लोगों की जान गई है। आतंकियों की गोलियों का शिकार ज़्यादातर पर्यटक बने हैं जो अन्य राज्यों से कश्मीर घूमने आए थे। -
कानपुर के शुभम द्विवेदी की हत्या:
कानपुर निवासी 30 वर्षीय शुभम द्विवेदी, जो अपने परिवार और पत्नी के साथ कश्मीर यात्रा पर गए थे, इस हमले में मारे गए। शुभम की शादी दो महीने पहले ही 12 फरवरी को हुई थी। उनका परिवार सीमेंट कारोबार से जुड़ा है। -
प्रधानमंत्री मोदी का कानपुर दौरा रद्द:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 24 अप्रैल को प्रस्तावित कानपुर दौरा Pahalgam terror attack के चलते रद्द कर दिया गया है। उन्हें कानपुर में मेट्रो स्टेशनों का उद्घाटन और 11 अहम परियोजनाओं का शिलान्यास करना था। -
मेट्रो उद्घाटन, विकास कार्यों पर असर:
प्रधानमंत्री को कानपुर में सीएम ग्रिड योजना फेज-1, नर्वल मोड़ से डिफेंस कॉरिडोर रोड, मंधना-बिठूर मार्ग चौड़ीकरण, और केडीए के विकास कार्यों का लोकार्पण करना था। इस दौरे को सफल बनाने के लिए प्रशासन और पार्टी कार्यकर्ता महीनों से तैयारियों में जुटे थे। -
मुख्यमंत्री योगी का पूर्व दौरा:
21 अप्रैल को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर पहुंचे थे और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया था। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, यातायात, पेयजल और बैठने की व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए थे। -
चार आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी:
सुरक्षा एजेंसियों ने चार आतंकियों – आसिफ फूजी, सुलेमान शाह, अबू तल्हा और एक अज्ञात व्यक्ति की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं। इनकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है। -
हमला ‘Pulwama 2.0’ जैसा:
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी ने इस हमले को पुलवामा जैसा करार दिया और इज़राइल-शैली की जवाबी कार्रवाई की मांग की है। -
TRF ने ली जिम्मेदारी:
आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने इसे जम्मू-कश्मीर में “जनसंख्या परिवर्तन” के खिलाफ जवाब बताया है, जो Article 370 के हटाए जाने के बाद शुरू हुआ था।
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हमले की रणनीति और सुरक्षा चूक:
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह हमला अत्यधिक सटीकता और रणनीतिक योजना के साथ अंजाम दिया गया था। हमलावरों ने आर्मी जैसे परिधान पहने थे – कुर्ता-पायजामा और कैमोफ्लाज जैकेट्स, और उन्होंने AK-47 राइफलों से हमला किया।
उन्नत तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल:
हमले के बाद घटनास्थल से उन्नत संचार उपकरण (Advanced communication devices) और मिलिट्री ग्रेड हथियार बरामद हुए हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि आतंकवादी न केवल पेशेवर रूप से प्रशिक्षित थे, बल्कि उन्हें बाहरी समर्थन भी प्राप्त था।
पाकिस्तानी दूतावास पर नजर और विरोध की आशंका:
हमले के बाद पाकिस्तान के उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। संभावित विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए दिल्ली में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आरोप:
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस हमले को खुफिया एजेंसियों की नाकामी बताया और इसे पुलवामा से भी ज्यादा दर्दनाक करार दिया।