
Telangana tunnel collapse : मंत्री राव ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो उनके बचने की संभावना बहुत कम है
Telangana tunnel collapse:तेलंगाना की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल(एसएलबीसी) सुरंग हादसे को लेकर अभी भी मामला बहुत गंभीर हुआ पड़ा है.कई बचाव दल अंदर फसे लोगों को निकालने की कोशिश में अनेक प्रयास कर रहे हैं. मंत्री रवि राव ने बताया की 2023 में उत्तराखंड के सिलक्यांरा सुरंग में जो हादसा हुआ था ,उसमें जो बचाने वाले दल थे उनमें से एक बचाव टीम दल को इसमें शामिल किया गया है मंत्री ने कहा कि फंसे हुए लोगों को बचाने में काम से कम 3 से 4 दिन और लगेंगे. तेलंगाना के मंत्री जो पाली कृष्णा राम ने सोमवार को कहा कि दोनों दिन पहले श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल सुरंग को लेकर बचाव अभियान अभी भी जारी है. बचाव दल अंदर फसल लोगों को निकालने की कोशिश में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि सुरंग के निर्माणाधीन खंड के आशंकित रूप से देने के बाद उसमें कई मजदूर फंस गए हैं उनमें से आठ लोगों के बचने की संभावना बहुत कम है, हालांकि उन पांच चुके के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 2023 में उत्तराखंड में सिल्क यार बंद बड़कोट सुरंग में फंसे निर्माण श्रमिकों को बचाने वाले रेट माइंस की एक टीम लोगों को निकालने के लिए बचाव दल में शामिल हो गई है. उन्होंने बताया कि दुर्घटना स्थल में कीचड़ और माला वे के कारण बचाव दल के लिए मुश्किलें बढ़ गई है और उनको बचाना काफी मुश्किल नजर आ रहा है.
सुरंग में 25 फीट तक भरा मालवा
मंत्री राव ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो उनके बचने की संभावना बहुत-बहुत बहुत कम है क्योंकि मैं खुद उसे अंतिम छोड़ तक गया था तो दुर्घटना स्थल से लगभग 50 मीटर दूर था. अब हमने तस्वीरें ली तो सुरंग का अंत दिखाई दे रहा था और 9 मीटर के विकास खाली सुरंग में लगभग 30 फीट से 25 फीट तक कीचड़ जमा हुआ था. उन्होंने यह भी कहा कि उनके नाम को पुकारा गया तो कई लोगों ने जवाब नहीं दिया…. इसीलिए ऐसा मन कर चलना होगा कि कई लोगों की बचने की संभावनाएं बहुत कम है.
कृष्ण राव ने कहा कि कई मशीनों की मदद से मलवा हटाने का काम जारी है. सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) का वजन 100 तन है , लेकिन सुरंग देने के बाद और पानी के तेज बहाव के कारण मशीन लगभग 200 मीटर तक बह गई.
उन्होंने यह भी कहा कि ऑक्सीजन की पूर्ति और पानी निकालने का काम लगातार किया जा रहा है, हालांकि उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों के मध्य नजर फंसे हुए लोगों के बचने की संभावना को कहा कि, अगर यह मान लिया कि फंसे हुए लोग (टीबीएम) मशीन के निचले हिस्से में है , यह भी मान लिया जाए की मशीन ऊपर है, तो ऑक्सीजन कहां है? नीचे ऑक्सीजन कैसे जाएगी? सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी के साथ बचाव अभियान की देखरेख करने वाले राम ने कहा, सभी प्रकार के प्रयासों, सभी प्रकार के संगठनों के बावजूद बलवा को हटाने में मुझे लगता है कि लोगों को निकालने में तीन से चार दिन का समय और लगेगा कि आपने कहा कि मालवा को हटाने के लिए सुरंग में converter belt को बहाल किया जा रहा है.
सुरंग में फंसे लोगों की पहचान
सुरंग में फंसे लोगों की पहचान उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है। आठ लोगों में से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं। कृष्ण राव ने कहा कि कई मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम चल रहा है। उनके अनुसार, सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) जिसका वजन कुछ सौ टन है, ढहने के बाद और पानी के तेज बहाव के कारण लगभग 200 मीटर तक बह गई।