
Thug Life Movie Ban Kamal Haasan का माफी से इनकार, कोर्ट ने कहा 'अहंकार छोड़िए
Thug Life Movie Ban: मंगलवार को हाई कोर्ट ने सुपरस्टार Kamal Haasan को उनके विवादित बयान पर फटकार लगाई और कहा, “आप होंगे कमल हासन लेकिन आपके पास किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है।” आपको बता दें कि कमल हासन ने अपनी फिल्म “Thug Life” को फिलहाल Karnataka में रिलीज न करने का निर्णय लिया है।
🎬 Kamal Haasan vs Kannada Controversy!
‘Thug Life’ की कर्नाटक रिलीज़ रद्द ❌
Kamal बोले: “भाषा पर विवाद नहीं, सम्मान ज़रूरी!”
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कमल हासन ने माफी मांगने से किया इनकार
Kamal Haasan ने एक बयान में कहा था कि “कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है”, और इसी बयान को लेकर Karnataka Government ने उनकी फिल्म Thug Life की रिलीज पर अनिश्चितकालीन रोक लगा दी। इस फैसले के खिलाफ कमल हासन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन अदालत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया। हालांकि, कमल हासन ने अपने बयान पर माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है।
Thug Life Movie Ban: कोर्ट ने क्या कहा?
High Court ने कहा कि “आप होंगे कमल हासन, लेकिन किसी भी नागरिक को किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है।” कोर्ट ने कहा कि “नागरिकों के लिए उनकी जमीन और भाषा बहुत जरूरी है। देश का बंटवारा भी भाषा के आधार पर हुआ था।”
फिल्म Thug Life की रिलीज पर कोर्ट ने कहा कि अभिनेता अभी इंतजार करने को तैयार हैं और फिलहाल कर्नाटक में फिल्म रिलीज नहीं होगी। फिल्म के Producer की लीगल टीम ने Karnataka Film Chamber of Commerce के साथ आगे की बातचीत के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है।
हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि “पत्र में कुछ भावनाएं स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई हैं, लेकिन इसमें माफी नहीं मांगी गई है।” जस्टिस नागप्रसन्ना की पीठ ने कहा, “इस बयान में सब कुछ ठीक है, सिर्फ एक वाक्य गायब है।”
वकील ने तर्क दिया कि Kamal Haasan के बयान में कोई दुर्भावना नहीं थी और यह विवाद एक व्यक्ति के संदर्भ में की गई टिप्पणी से पैदा हुआ, न कि कन्नड़ भाषा को लेकर।
कमल हासन कन्नड़ संस्कृति का करते हैं सम्मान
Kamal Haasan के वकील ने बताया कि यह बयान किसी व्यक्ति के संदर्भ में दिया गया था और इससे यह मान लेना कि कन्नड़ भाषा का अपमान किया गया है, गलत होगा। उन्होंने कहा कि “कमल हासन लंबे समय से कन्नड़ संस्कृति के प्रशंसक रहे हैं। एक ऑडियो लॉन्च के दौरान दिए गए बयान से यह विवाद शुरू हुआ है।”
वकील ने कोर्ट को बताया कि Kamal Haasan का भाषा के प्रति प्रेम सच्चा है और उसे सराहा जाना चाहिए।
जज बोले – “आप अहंकार पर अड़े हैं”
जस्टिस नागप्रसन्ना ने वकील से कहा, “माफी कोई मजबूरी नहीं है, यह विनम्रता होनी चाहिए थी।” उन्होंने कहा कि बयानों को स्पष्ट करने के कई तरीके होते हैं, लेकिन माफी मांगने का सिर्फ एक ही तरीका होता है।
इस पर Kamal Haasan के वकील ने कहा कि हासन ने दिल से ईमानदारी के साथ बयान दिया और उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
हालांकि अदालत इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुई। जस्टिस नागप्रसन्ना ने टिप्पणी की, “आप अहंकार पर अड़े हुए हैं। आप जनता की भावनाओं को कमतर आंक रहे हैं।”
वकील ने इसका जवाब देते हुए कहा कि “यह अहंकार नहीं है बल्कि सफाई है। यदि कोई दुर्भावना होती तो माफी मांगना जरूरी होता।”
इस पर जज ने सवाल किया, “तो माफी मांगकर इसे खत्म क्यों नहीं कर देते?” जज ने यह भी कहा कि यह पूरा मामला एक बयान और एक चित्र की तरह प्रतीत हो रहा है।
“फिल्म इंडस्ट्री को एकजुट रहना चाहिए”
मामला खत्म करने की मांग करते हुए वकील ने कहा, “हम चाहते हैं कि यह मामला बंद किया जाए। इस इंडस्ट्री में हर किसी को अपना अस्तित्व बनाए रखना है। तमिल फिल्में कर्नाटक में रिलीज होंगी और कन्नड़ फिल्में भी तमिलनाडु में चलेंगी। कोई भी इस देश को भाषा के नाम पर बांट नहीं सकता।”
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