भारत सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन के लिए 8 Pay Commission की स्थापना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसका लाभ लगभग 49 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। इस निर्णय से सरकारी कर्मचारियों की वेतन संरचना में बदलाव होंगे, और 8वीं वेतन आयोग की रिपोर्ट में कर्मचारियों के लिए नए भत्ते, पेंशन और वेतन की समीक्षा की जाएगी।
8 Pay Commission क्या है?
8वीं वेतन आयोग सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन करने के लिए गठित किया जाता है। यह आयोग हर 10 साल में बनता है, और इसका मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन संरचना में सुधार करना होता है। इसके अलावा, यह आयोग सरकारी कर्मचारियों की पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा भी करता है।
8वीं वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बहुत बड़ा कदम है, क्योंकि यह आयोग उनके वेतन और पेंशन में वृद्धि कर सकता है। इस आयोग के गठन के बाद, वेतन की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू होगी, और इसे एक नई दिशा मिलेगी। 8वीं वेतन आयोग से जुड़ी मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- आयोग की स्थापना: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आयोग के चेयरमैन और दो सदस्य जल्द ही नियुक्त किए जाएंगे।
- संचालन प्रक्रिया: इस आयोग के गठन से पहले, केंद्रीय और राज्य सरकारों से परामर्श लिया जाएगा, ताकि कर्मचारियों की वेतन संरचना में प्रभावी बदलाव हो सके।
- पेंशन और भत्ते: इस बार आयोग पेंशन और भत्तों पर भी विचार करेगा, ताकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की जीवनशैली को बेहतर बनाया जा सके।
8 Pay Commission के तहत वेतन संरचना
8 Pay Commission वेतन संरचना PDF के अनुसार, सरकार कर्मचारियों के लिए वेतन की संरचना में संशोधन करेगी। यह आयोग पहले से निर्धारित की गई न्यूनतम वेतन की समीक्षा करेगा और कर्मचारियों के लिए नए वेतन पैटर्न का निर्धारण करेगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 8वीं वेतन आयोग में कर्मचारियों के वेतन के निर्धारण के लिए एक फिटमेंट फैक्टर का उपयोग किया जाएगा, जैसा कि 7वीं वेतन आयोग में किया गया था। फिटमेंट फैक्टर 8वीं वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
फिटमेंट फैक्टर वेतन के निर्धारण के लिए एक गुणक होता है, जो कर्मचारियों के वेतन को निर्धारित करता है। 7वीं वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन 8वीं वेतन आयोग में इसे और बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है। यह कर्मचारियों के वेतन में काफी वृद्धि कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर एक कर्मचारी का मौजूदा वेतन 18,000 रुपये है, तो फिटमेंट फैक्टर बढ़ने पर वेतन में 3,000 रुपये या उससे अधिक की वृद्धि हो सकती है।
7वीं वेतन आयोग और 8वीं वेतन आयोग में अंतर
7वीं वेतन आयोग का गठन 2016 में हुआ था, और उसका कार्यकाल 2026 तक है। 7वीं वेतन आयोग में कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे। इसके तहत 7th pay matrix का निर्धारण किया गया था, जिससे कर्मचारियों का वेतन संरचना और पेंशन सुधार हुआ। 7th pay matrix में कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन ₹18,000 था, जबकि 6वीं वेतन आयोग में यह ₹7,000 था।
7वीं वेतन आयोग में पेंशन की राशि भी बढ़ाई गई थी। पहले जहां पेंशन ₹3,500 थी, अब इसे ₹9,000 कर दिया गया है। साथ ही, कर्मचारियों का अधिकतम वेतन ₹2,50,000 तक बढ़ा दिया गया था।
अब, 8वीं वेतन आयोग की स्थापना से केंद्रीय कर्मचारियों को एक नई वेतन संरचना मिल सकती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सकता है। 8वीं वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के लिए नया वेतन कैलकुलेटर भी तैयार किया जाएगा, जिससे उन्हें उनके संशोधित वेतन का आसानी से पता चल सकेगा।
8 Pay Commission का लाभ
8वीं वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इसके जरिए कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि होगी, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सकेगा। इसके अलावा, 8वीं वेतन आयोग सैलरी कैलकुलेटर के जरिए कर्मचारी अपने नए वेतन का अनुमान लगा सकेंगे और वित्तीय योजनाओं में सुधार कर सकेंगे।
इसके साथ ही, पेंशनर्स को भी इस आयोग से लाभ मिलेगा, क्योंकि पेंशन राशि में भी वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। सरकार इस आयोग के जरिए पेंशनरों की भी स्थिति में सुधार करने का प्रयास करेगी, ताकि वे अपनी पेंशन से एक बेहतर जीवन जी सकें।
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