BNSS Section 163: जानें क्यों लगती है यह धारा और आम लोगों पर इसका क्या असर पड़ेगा
BNSS Section 163: भारतीय कानून में हाल ही में बड़े बदलाव हुए हैं। दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 की जगह अब एक नई धारा लागू की जाने लगी है— BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की धारा 163
यह धारा उन्हीं परिस्थितियों में लागू की जाती है, जहाँ पहले 144 लगाई जाती थी—यानी जब प्रशासन को किसी भी तरह की अशांति, भीड़ नियंत्रण या संभावित खतरे की आशंका होती है।
दिल्ली और अब लखनऊ में भी इसे लागू किया गया है, जिससे आम लोग जानना चाह रहे हैं कि यह धारा आखिर है क्या और इससे उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
क्या है BNSS की धारा 163?
BNSS 163 का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। जब प्रशासन को ऐसी जानकारी मिलती है कि किसी जगह पर भीड़ इकट्ठा होने से तनाव, झड़प या कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है, तब यह धारा लागू की जाती है।
यह धारा पुलिस को यह अधिकार देती है कि वह:
- पाँच या उससे अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर रोक लगा सके।
- जुलूस, सार्वजनिक सभा, रैलियां या बिना अनुमति प्रदर्शन रोक सके।
- हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा सके।
- संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा सके।
संक्षेप में, यह धारा उन परिस्थितियों के लिए है जहाँ कानून-व्यवस्था को पहले से सुरक्षित रखना जरूरी होता है।
दिल्ली में इससे पहले भी लागू हुई थी धारा 163
अक्टूबर 2024 में दिल्ली के कई इलाकों—नई दिल्ली, नॉर्थ दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली और सभी बॉर्डरों पर—यह धारा लागू की गई थी। उस समय त्योहारों और कुछ इनपुट्स के आधार पर पुलिस को आशंका थी कि असामाजिक तत्व गड़बड़ी फैला सकते हैं।
नवंबर 2025 में फिर से एक खबर सामने आई कि 24 नवंबर से 53 दिनों के लिए राजधानी में धारा 163 लागू की जाएगी। यानी 15 जनवरी 2026 तक दिल्ली में कई तरह की पाबंदियाँ रहेंगी।
53 days restrictions Lucknow
नवीनतम खबरों के अनुसार, लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने भी 24 नवंबर से पूरे शहर में BNSS की धारा 163 लागू कर दी है। यह 15 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगी, यानी कुल 53 दिन।
क्यों लगाया गया यह प्रतिबंध?
शहर में आने वाले त्योहारों और संवेदनशील मौकों को देखते हुए धारा 163 लागू की गई है। इनमें शामिल हैं—
- गुरु तेग बहादुर जयंती
- काला दिवस
- क्रिसमस
- नववर्ष
- मकर संक्रांति
इन अवसरों पर भीड़ जुटने की संभावना सबसे अधिक रहती है, इसलिए प्रशासन पहले से सुरक्षा कड़े कर रहा है।
लखनऊ में कौन-कौन से प्रतिबंध लागू होंगे?
धारा 163 लागू होने के बाद शहर में निम्न नियम प्रभावी हुए हैं:
1. पाँच या अधिक लोगों का एक साथ एकत्रित होना प्रतिबंधित
किसी भी सार्वजनिक स्थान, चौराहे, बाजार या सड़क पर पाँच से ज्यादा लोग बिना अनुमति एक साथ खड़े नहीं हो सकते।
2. प्रदर्शन केवल निर्धारित धरना स्थल पर ही
शहर में जो सरकारी धरना स्थल तय हैं, उन्हीं पर प्रदर्शन की अनुमति है।
अन्य किसी भी जगह अचानक प्रदर्शन करना या भीड़ इकट्ठा करना कानून के खिलाफ होगा।
3. ड्रोन उड़ाने पर रोक
विधानभवन और अन्य सरकारी कार्यालयों के आसपास 1 किलोमीटर की परिधि में ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
यह सुरक्षा कारणों से बेहद जरूरी कदम माना जा रहा है।
4. हथियार लेकर चलने की मनाही
लाइसेंसी हथियारों को भी ले जाने में सतर्कता रखी जाएगी।
पुलिस सुरक्षा बलों को छोड़कर कोई भी व्यक्ति हथियार लेकर सार्वजनिक जगहों पर नहीं चल सकता।
Section 163 restrictions—लोगों को रोकना नहीं, सुरक्षा बढ़ाना है
बहुत से लोग धारा 144 की तरह धारा 163 को लेकर गलतफहमी पाल लेते हैं कि यह उनके अधिकार छीन लेती है।
लेकिन प्रशासन और पुलिस का कहना है कि यह धारा लोगों की आज़ादी को सीमित करने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें सुरक्षित रखने के लिए लगाई जाती है।
जब किसी शहर में:
- त्योहारों की भीड़ हो
- कोई राजनैतिक या सामाजिक तनाव की स्थिति बने
- संवेदनशील सूचनाएँ मिलें
- विरोध-प्रदर्शनों की संभावना हो
तब यह धारा बेहद प्रभावी मानी जाती है।
लखनऊ में अन्य संबंधित खबरें
धारा 163 लागू होने के साथ ही लखनऊ में दो और मुद्दे चर्चा में रहे:
1. यूपी में 50% मतदाताओं की मैपिंग पूरी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, अब तक 2003 की वोटर लिस्ट के आधार पर 50% मतदाताओं का डेटा मिलान हो चुका है।
मतदाता सूची का ड्राफ्ट 9 दिसंबर को जारी होगा।
2. अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या की जाँच
लखनऊ की महापौर ने स्वच्छता अभियान के कर्मचारियों के पहचान पत्र की जाँच की।
इस दौरान कोई भी संदिग्ध या बांग्लादेशी नागरिक नहीं मिला।
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