Bihar Election: इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन बिहार के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत अभी से गरमा गई है। लगातार एनडीए हो या महागठबंधन दोनों ओर से ही बयान बाजी, आरोप प्रत्यारोप और जुबानी जंग का सिलसिला शुरू हो चुका है। आपको बता दे बिहार में फिलहाल एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कई जगह से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही है। कई नेता बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं। बिहार में अभी से चुनावी लड़ाई का मुख्य केंद्र साफ तौर पर नीतीश कुमार के चेहरे पर आकर अटक गया है।
Bihar Election: बिहार में सीएम फेस कौन?
हालांकि बिहार में एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा इसको लेकर सियासी बाजार गर्म है। कल बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन दिलीप जायसवाल ने जिस प्रकार बारी-बारी से अपने बयानों को पालता उसको देखकर थोड़ी देर के लिए असमंजस जैसी स्थिति जरूर उत्पन्न नहीं लेकिन आखिर में दिलीप जायसवाल को भी यह कहना पड़ गया कि बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश कुमार ही है।
Bihar Election: बिहार में नीतीश का है जलवा !
बिहार में नीतीश का जादू लंबे समय से कायम है। ऐसा माना जाता है कि जिस गठबंधन में नीतीश कुमार की पार्टी होती है उस पार्टी का पलड़ा भारी हो जाता है और उस गठबंधन के अन्य घटक दल नीतीश कुमार को नजर अंदाज नहीं कर सकते। चाहे कुछ भी हो जाए बिहार की सियासत का मुख्य केंद्र तो आज भी नीतीश कुमार ही है। उनका जलवा आज भी वैसा ही है जैसा वर्ष 2005 में था। इसलिए ही तो दिलीप जायसवाल को अपने उस बयान पर सफाई देनी पड़ गई जिसमें उन्होंने यह कहा कि “सीएम का चेहरा कौन होगा यह बीजेपी संसदीय बोर्ड और एनडीए के अन्य घटक दल मिलकर तय करेंगे। फिलहाल मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं किया गय।” दिलीप जायसवाल के इस बयान पर एनडीए के भीतर चुनाव के दौरान मतभेद होने लगे तनाव रहने लग गया इसकी आशंका को देखते हुए भाजपा और दिलीप जायसवाल ने कुछ ही देर बाद अपना स्टैंड क्लियर किया।
Bihar Election: निशांत का सियासी लॉन्च!
अब सवाल यह उठता है कि अगर बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे तो अभी से मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सियासत इतनी तेज क्यों हो गई? दरअसल इन दिनों बिहार की सीयासत में न केवल नीतीश कुमार ट्रेडिंग है बल्कि उनके बेटे निशांत कुमार के राजनीति में एंट्री होने की खूब चर्चा हो रही है। निशांत कुमार की पॉलिटिकल एंट्री को लेकर लगातार कई बड़े दावे किए जा रहे हैं और उसके पीछे की वजह निशांत कुमार खुद ही है। आपको बता दो जनवरी-फरवरी महीने में निशांत ने जिस तरह मीडिया कर्मियों से बेबाक बातचीत की और अपने पिता नीतीश कुमार को फिर से बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की अपील की उससे उनके सियासी लांचिंग की चर्चाएं और भी तूल पकड़ने लगीं।
Bihar Election: निशांत की राजनीतिक एंट्री पर तेजस्वी का बयान
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीतिक एंट्री की खबर को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि निशांत उनके भाई हैं। उनको जल्द से जल्द पॉलिटिक्स में आ जाना चाहिए। नहीं तो भाजपा जदयू को समाप्त कर देगी। तेजस्वी यादव का कहना है कि भाजपा का एक धड़ और जदयू के कुछ लोग मिलकर निशांत कुमार को पार्टी में आने से रोकने की चेष्टा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि भाजपा आने वाले दिनों में जदयू पर अपना कब्जा बनाना चाहती है और निशांत के आने से उनकी इस मंशा में असफल होने के चांसेज हैं। इसलिए यह षड्यंत्र रचा जा रहा है।
Bihar Election: तेजस्वी के बयान पर जेडीयू की प्रतिक्रिया
जैसे ही निशांत कुमार के राजनीतिक एंट्री पर तेजस्वी यादव का बयान आया जदयू की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आने लगी। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि निशांत कुमार को जब राजनीति में आना होगा वह आ जाएंगे। उनको कोई नहीं रोक सकता। लेकिन तेजस्वी यादव अपनी फिक्र करें। निशांत जी और जदयू को तेजस्वी की नसीहत और सलाह की कोई आवश्यकता नहीं है।
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