
Chandrashekhar Azad Arrest गाड़ियों को फूंका,बसों को भी तोडा और जम कर किये पथराव दो घंटे तक छाया रहा आतंक
Chandrashekhar Azad Arrest: सड़कें धुएं और चीख-पुकार से गूंज उठीं, जब भीड़ ने गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, बसों में तोड़फोड़ की और जमकर पथराव किया। रविवार को अचानक भड़की इस हिंसा ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। पुलिस के पहुंचने तक हालात बेकाबू हो चुके थे।
रविवार को आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद को प्रयागराज सर्किट हाउस में रोके जाने के बाद करछना में हालात बिगड़ गए। गुस्साई भीड़ ने हिंसा का रूप धारण कर लिया और दो घंटे तक पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मची रही। उपद्रवियों ने सड़कें जाम कीं, गाड़ियों को आग के हवाले किया और जमकर पथराव भी किया।
Chandrashekhar Azad Arrest: जानिए क्या हुआ था?
प्रयागराज एयरपोर्ट पर सांसद चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने सुरक्षा और कानून–व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर यात्रा से रोक दिया। वे कौशांबी जिले के उसौटा (Isota) गांव में हालिया हिंसा व कथित बलात्कार पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट से सर्किट हाउस ले जाकर रोक दिया, जिससे पुलिस–प्रशासन और आजाद के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ गया। इसके बाद ही भीम आर्मी कार्यकर्ताओं का प्रयागराज में नग्न तांडव शुरू हो गया।
बवाल के दौरान भड़ेवरा बाजार दो घंटे तक उपद्रव की आग में जलता रहा। करीब 3:30 बजे पथराव-तोड़फोड़ करते हुए भीड़ आगे बढ़ी तो बाजार में भगदड़ मच गई। जब हालात बेकाबू होते नजर आए तो सबसे पहले 112 पर कॉल की गई। इसके बाद भुंडा चौकी व करछना थाने के पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए। फिर भीड़ ने जमकर तांडव मचाया। कई थानों की फोर्स और पीएसी लेकर पहुंचे एडिशनल सीपी अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा ने करीब 5:30 बजे भीड़ को काबू में किया।
Chandrashekhar Azad Arrest: करछना-कोहड़ार मार्ग
भड़ेवरा बाजार के एक व्यक्ति, जो सुबह से ही वहां मौजूद था, ने बताया कि “सुबह से ही इसौटा जाने वाले करछना-कोहड़ार मार्ग पर हलचल थी। सुबह से ही लोग वहां आ रहे थे। दोपहर दो बजे तक दो से ढाई हजार युवक बाजार से सटे हनुमानपुर मोरी चौराहे पर जुट चुके थे। 2:30 बजे के करीब ही अचानक उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।”
Chandrashekhar Azad Arrest: 15 मिनट में लगा जाम
15 मिनट बाद ही भीड़ भड़ेवरा चौराहे पर पहुंची और जाम लगा दिया। भुंडा चौकी प्रभारी कैलाश कुमार और चार-पांच सिपाहियों ने जब उन्हें हटाने का प्रयास किया तो भीड़ बेकाबू हो गई। आक्रोश देखकर पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए और थाने जाकर सूचना दी। इसके बाद करीब 3:30 बजे करछना के साथ नैनी और औद्योगिक क्षेत्र थानों की फोर्स मौके पर पहुंची। डायल 112 की गाड़ी भी बुलाई गई। भीड़ ने नारेबाजी जारी रखी। जैसे ही पुलिस आगे बढ़ी, भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस पीछे हट गई। इसके बाद भीड़ ने पुलिस वाहनों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया।
Chandrashekhar Azad Arrest: पुलिस की गाड़ियों पर हमला
पहले तो भीड़ सिर्फ नारेबाजी कर रही थी, फिर पथराव पर उतर आई। जब पुलिसकर्मी उन्हें रोकने के लिए आगे बढ़े, तो भीड़ ने उनकी गाड़ियों पर हमला कर दिया। पहले तोड़फोड़ की, फिर मिलकर गाड़ी को ही पलट दिया। नैनी और औद्योगिक क्षेत्र थानों की गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त कर दी गईं। यही नहीं, जाम में फंसी प्राइवेट बस और अन्य वाहनों पर भी पथराव किया गया। स्थानीय दुकानदारों और राहगीरों की दुकानों, बसों और पुलिस वाहनों की खिड़कियों पर भी हमला होता रहा।
बताया जा रहा है कि भीड़ द्वारा चलाए गए पत्थर और ईंटें स्थानीय इलाके से ही जुटाई गईं, खासकर भड़ेवरा बाजार और आसपास के रास्तों से। निर्माण स्थलों, फुटपाथों और सड़कों से इन्हें हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया। करछना-कोहड़ार मार्ग पर हनुमानपुर मोरी से लेकर भड़ेवरा बाजार तक लगभग 250 मीटर तक उपद्रवियों ने दो घंटे तक मनमानी की।
Chandrashekhar Azad Arrest: पुलिस ने 42 बाइकें सीज कीं
बवाल खत्म होने के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो मौके पर 42 बाइकें लावारिस हालत में मिलीं। जब बाजार के व्यापारियों से पूछताछ की गई, तो उन्हें भी इन बाइकों के बारे में कुछ पता नहीं था। सभी बाइकें पुलिस ने कब्जे में लेकर थाने भिजवा दीं और सीज कर दिया। माना जा रहा है कि ये बाइकें उन लोगों की थीं जो बवाल में शामिल थे और पुलिस के आने पर इन्हें छोड़कर भाग गए।
डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने बताया कि सभी बाइकें सीज कर दी गई हैं। नंबर के आधार पर मालिकों की पहचान की जा रही है। जल्द ही नोटिस भेजकर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
Chandrashekhar Azad Arrest: सोशल मीडिया बना हथियार, चंद्रशेखर देते रहे पल-पल की अपडेट
चंद्रशेखर आज़ाद अपने कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों को सोशल मीडिया पर पल-पल की जानकारी देते रहे — उन्हें कितने बजे रोका गया, कहां ले जाया जा रहा है, पुलिस उन्हें पीड़ित परिवार से क्यों नहीं मिलने दे रही है आदि। इसके चलते उनके समर्थकों में आक्रोश और तेज़ी से फैला और करछना में हिंसा और ज़्यादा भड़क उठी।
एडिशनल सीपी अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा का बयान
एडिशनल सीपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही, लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। अब तक 50–60 लोगों की पहचान की जा चुकी है और 20 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
प्रारंभिक जांच में यह बात भी सामने आई है कि भीम आर्मी चीफ की गिरफ्तारी की अफवाह फैलाई गई थी, जिससे भीड़ को उकसाया गया। यह अफवाह एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से फैली और अधिकतर युवक इसी ग्रुप से जुड़े हुए थे।
एडिशनल सीपी ने बताया कि बाकी की जांच अभी जारी है।
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