
छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती भारत में हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती: छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती भारत में हर साल 19 फरवरी को मनाई जाती है। भारत के सबसे महान योद्धाओं में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज ।यह दिन 19 फरवरी को पूरे महाराष्ट्र और देश के विभिन्न भागों में उत्साह के साथ मनाया जाता है। शिवाजी महाराज मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे । चलिए जानते हैं उनकी जयंती पर उनके बारे में।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती: छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी किले में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोंसले एक प्रभावशाली सेनापति थे और मां जीजाबाई धार्मिक व शिक्षित महिला थीं। वही जीजाबाई ने बालक शिवाजी को रामायण, महाभारत और भारतीय संस्कृति की गाथाएं सुनाकर एक धार्मिक व वीर बालक के रूप में गढ़ा। शिवाजी ने युवावस्था में ही स्वराज्य की स्थापना का सपना देखा और इसे साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती: शिवाजी महाराज की प्रमुख उपलब्धियां
1. स्वराज्य की स्थापना:शिवाजी महाराज का मुख्य उद्देश्य मुगलों और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों से अपनी मातृभूमि को मुक्त कराना था। उन्होंने स्वराज्य की स्थापना कर अपने लोगों को स्वतंत्रता और सम्मान दिलाया।
2. किले निर्माण और विजय:शिवाजी महाराज ने सैकड़ों किले बनाए और उनमें से कई पर विजय प्राप्त की। सिंहगढ़, प्रतापगढ़, राजगढ़ और रायगढ़ उनके प्रमुख किले थे। ये किले उनके सैन्य कौशल और रणनीति का अद्भुत उदाहरण हैं।
3. मैरिटाइम शक्ति का विकास:शिवाजी महाराज ने भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए एक मजबूत नौसेना का गठन किया। उनकी नौसेना ने पश्चिमी तट पर विदेशी ताकतों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
4. धर्मनिरपेक्ष शासन:शिवाजी महाराज ने अपने शासनकाल में सभी धर्मों के लोगों को समान सम्मान और सुरक्षा दी। वह धार्मिक सहिष्णुता के प्रतीक थे और उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव नहीं किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती: शिवाजी महाराज की प्रशासनिक नीति
1. कानून व्यवस्था 2. गुप्तचर तंत्र 3. सैन्य संगठन 4. न्याय प्रणाली
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती: छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का उत्सव
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती महाराष्ट्र के प्रमुख त्योहारों में से एक है।वही इसे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
जैसा कि
1. शोभायात्रा 2. सांस्कृतिक कार्यक्रम 3. कव्वाली और लोक गीत 4. शपथ ग्रहण समारोह
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती: शिवाजी महाराज जयंती का राष्ट्रीय महत्व
हालांकि शिवाजी महाराज जयंती मुख्यतः महाराष्ट्र में मनाई जाती है, लेकिन उनकी वीरता और आदर्श पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वही वह न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि एक कुशल प्रशासक, दूरदर्शी नेता और समाज सुधारक भी थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु
छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ किले में हुई थी। वही उनकी मृत्यु के कारणों को लेकर कई ऐतिहासिक कथाएं और मतभेद हैं।इतना ही नहीं बल्कि इतिहास में इसे एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है क्योंकि उनकी मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
वही कहा जाता है कि शिवाजी महाराज के जीवन के अंतिम वर्षों में उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा था। उन्हें बुखार और पेट दर्द की शिकायत थी, जो कई दिनों तक ठीक नहीं हुआ। हालांकि यह बात सच्ची है या झूठी इस बात की कोई खास जानकारी नहीं है।
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