
IMF New Conditions For Pakistan
IMF New Conditions For Pakistan : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को जारी बेलआउट प्रोग्राम की दूसरी किस्त जारी करने से पहले 11 नई और सख्त शर्तें रखी हैं। इसके साथ ही IMF ने पाकिस्तान को चेताया है कि यदि भारत के साथ तनाव बढ़ता है, तो यह बेलआउट प्रोग्राम प्रभावित हो सकता है।
पाकिस्तान को वित्तीय संकट से उबारने के लिए IMF ने यह बेलआउट पैकेज मंजूर किया था, लेकिन अब संस्था ने साफ किया है कि अगली किस्त जारी करने से पहले पाकिस्तान को कई कड़े आर्थिक और प्रशासनिक फैसले लेने होंगे।
संसद से पास कराना होगा 17.6 ट्रिलियन रुपये का बजट
IMF New Conditions For Pakistan की सबसे अहम शर्तों में से एक है कि पाकिस्तान को संसद से 17.6 ट्रिलियन रुपये का बजट पास कराना होगा, जिसमें से 1.07 ट्रिलियन रुपये विकास कार्यों के लिए निर्धारित होंगे। इसके अलावा चारों प्रांतों को कृषि आयकर (Agriculture Income Tax) से संबंधित नया कानून लाने को कहा गया है। इस कानून में करदाताओं की पहचान, रजिस्ट्रेशन, और टैक्स रिटर्न जैसे नियम शामिल होंगे।
ऊर्जा क्षेत्र पर भी लगा बोझ
IMF New Conditions For Pakistan को ऊर्जा क्षेत्र में भी चार बड़ी शर्तों को लागू करने के लिए कहा है:
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हर साल 1 जुलाई से बिजली के नए रेट तय करना अनिवार्य होगा, ताकि कीमतें लागत के अनुरूप हों।
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हर छह महीने में गैस के दाम तय करने होंगे।
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‘कैप्टिव पावर टैक्स’ को स्थाई करने के लिए संसद से कानून पास करना होगा।
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बिजली बिल में ‘डेट सर्विसिंग सरचार्ज’ बढ़ाना होगा और प्रति यूनिट 3.21 रुपये की सीमा हटानी होगी।
आम आदमी पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ
IMF New Conditions For Pakistan के शर्तों से साफ है कि पाकिस्तान के आम नागरिकों पर महंगाई और टैक्स का दबाव और बढ़ेगा। बिजली और गैस की कीमतों में वृद्धि से घरों और उद्योगों की लागत बढ़ेगी।
पुरानी कारों का आयात और टैक्स छूट खत्म करने की योजना
IMF ने पाकिस्तान से तीन साल से पुरानी कारों के आयात पर लगी पाबंदी हटाने को भी कहा है। इसके साथ ही ‘स्पेशल टेक्नोलॉजी जोन्स’ और ‘इंडस्ट्रियल पार्क्स’ को दी जा रही टैक्स छूट को धीरे-धीरे समाप्त करने की योजना बनाने का निर्देश दिया गया है।
क्या है IMF New Conditions For Pakistan का मकसद?
IMF New Conditions For Pakistan का उद्देश्य है कि पाकिस्तान आत्मनिर्भर बन सके और बार-बार कर्ज लेने की स्थिति से बाहर निकले। IMF की यह शर्तें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की दिशा में सख्त लेकिन ज़रूरी कदम मानी जा रही हैं।
अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान इन शर्तों को मानकर बेलआउट प्रोग्राम की अगली किस्त पाने में सफल हो पाता है या नहीं।
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