
India Pakistan Marriage Cases Amid Border Tension: बढ़ते तनाव के बीच भी क्यों होती हैं भारत-पाकिस्तान के बीच शादियां?
India Pakistan Marriage Cases: पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुँच चुका है। इसी बीच भारत सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश लौटने का आदेश दिया है। यह निर्णय ऐसे वक्त में आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, तनाव के इस माहौल में भी एक पहलू ऐसा है जो हमेशा चर्चा में रहता है — और वह है भारत-पाकिस्तान के बीच शादियों (India Pakistan marriage) का सिलसिला।
दशकों से तनाव के बावजूद होती हैं सीमा पार शादियाँ
1947 के विभाजन के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के संबंध कभी सामान्य नहीं रहे। दोनों देशों के बीच युद्ध, आतंकी हमले और कूटनीतिक टकराव का लंबा इतिहास रहा है। लेकिन इन सबके बावजूद, सीमापार शादियों का चलन अब भी जारी है।
विशेष रूप से राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और गुजरात जैसे सीमावर्ती राज्यों में हर साल कई cross border marriages होती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में ही सालाना लगभग 200 सीमा-पार शादियाँ होती हैं।
बॉर्डरपार शादियों के मुख्य कारण
1. विभाजन से पहले की रिश्तेदारियां
भारत-पाकिस्तान बंटवारे से पहले कई गांव और समुदाय एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। विभाजन के बाद भले ही सीमाएं खिंच गईं, लेकिन रिश्तेदारियां आज भी कायम हैं। लोग आज भी अपने परिवार और समुदाय के रिश्ते निभाने के लिए सीमा पार शादियाँ करते हैं।
2. भाषा और सांस्कृतिक समानता
राजस्थान और सिंध, पंजाब और पाकिस्तानी पंजाब, जम्मू और पाकिस्तानी कश्मीर में भाषा, पहनावा और रहन-सहन में काफी समानता है। यही सांस्कृतिक मेल जोल सीमापार विवाहों को संभव बनाता है।
3. समुदाय आधारित विवाह परंपरा
भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में समुदाय आधारित विवाह प्रणाली प्रचलित है। हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई — सभी धर्मों के लोग अपने-अपने समुदाय में ही विवाह करना पसंद करते हैं। यही कारण है कि कभी-कभी सीमा पार में बसे अपने समुदाय के लोगों से भी विवाह तय हो जाते हैं।
4. सोशल मीडिया की भूमिका
आज के दौर में सोशल मीडिया ने दुनिया को करीब ला दिया है। सीमा हैदर और मंजू यादव जैसे चर्चित मामले इसका उदाहरण हैं, जहां Facebook, Instagram या WhatsApp के जरिए दोस्ती और फिर विवाह हुआ। डिजिटल संवाद ने सीमाओं को भले न मिटाया हो, लेकिन रिश्तों को जोड़ने का काम जरूर किया है।
India Pakistan Marriage Cases: भारत-पाकिस्तान शादियों के लिए क्या होते हैं नियम?
सीमा पार विवाह करने वालों को कानूनी और वीजा प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
- Spouse visa के लिए संबंधित दूतावास में आवेदन करना होता है।
- Marriage registration documents, पासपोर्ट, नागरिकता प्रमाण पत्र आदि जरूरी होते हैं।
- कई बार सुरक्षा जांच (security clearance) में लंबा वक्त लग जाता है।
- वीजा की अवधि सीमित होती है, और long-term visa (LTV) के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
हाल ही के सरकार के आदेश के अनुसार, भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है, जिससे ऐसी शादियों को लेकर असमंजस और बढ़ गया है।
India Pakistan Marriage Cases: क्या यह रिश्ते भविष्य में बच पाएंगे?
जब दो देश दुश्मनी के दौर से गुजर रहे हों, तब उनके नागरिकों के बीच रिश्तों को निभा पाना आसान नहीं होता। क्रॉस बॉर्डर शादियाँ भावनाओं और परंपराओं से जुड़ी होती हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में उनका भविष्य अनिश्चित (uncertain) हो जाता है।
फिर भी, यह कहना गलत नहीं होगा कि इंसानी रिश्ते नफरत की सीमाओं को नहीं मानते। इन शादियों के ज़रिए यह संदेश जरूर मिलता है कि दोनों देशों के आम नागरिक शांति और भाईचारे की उम्मीद आज भी रखते हैं।
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