
चंद्रभानु पासवान
मिल्कीपुर उपचुनाव 2025: अयोध्या जिले की बहुचर्चित मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का परिणाम लगभग स्पष्ट है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के युवा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान लगातार बड़े अंतर से बढ़त बनाए हुए हैं। यह चुनाव भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण दांव था, जिसमें उन्होंने एक नए चेहरे पर भरोसा जताया था।
मिल्कीपुर उपचुनाव 2025: कौन हैं चंद्रभानु पासवान?
चंद्रभानु पासवान अयोध्या जिले के रुदौली कस्बे के पास स्थित परसौली गांव के निवासी हैं। उनके पिता बाबा राम लखन पासवान ग्राम प्रधान रह चुके हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे हैं। चंद्रभानु की पत्नी कंचन पासवान दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। कंचन पासवान ने 2021 के चुनाव में रुदौली चतुर्थ सीट से 11,382 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी।
शिक्षा और व्यवसाय
चंद्रभानु पासवान ने फैजाबाद के साकेत विश्वविद्यालय से बी.कॉम, एम.कॉम और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की है। वे एक पेशेवर वकील होने के साथ-साथ कपड़े और पेपर के बड़े कारोबारी भी हैं। उनका कारोबार गुजरात के अहमदाबाद और सूरत तक फैला हुआ है। रुदौली में उनका ‘बाबा क्लॉथ हाउस’ नामक कपड़े का प्रतिष्ठान है।
राजनीतिक सफर
चंद्रभानु पासवान बीजेपी से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। वे अयोध्या जिले की भाजपा जिला कार्यसमिति के सदस्य हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में वे अनुसूचित जाति संपर्क प्रमुख के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
कैसे मिला टिकट?
भाजपा ने चंद्रभानु पासवान को मिल्कीपुर सीट से टिकट देकर एक युवा चेहरे पर दांव लगाया। इस सीट के लिए करीब एक दर्जन दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए उन्होंने यह टिकट हासिल किया। इनमें दो पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और रामू प्रियदर्शी तथा उपपरिवहन आयुक्त सुरेंद्र कुमार जैसे बड़े नाम भी शामिल थे। चंद्रभानु को रुदौली के भाजपा विधायक रामचंद्र यादव और फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह का करीबी माना जाता है।
मजबूत राजनीतिक पकड़
चंद्रभानु पासवान की राजनीतिक पकड़ उनके परिवार और व्यक्तिगत अनुभव से मजबूत हुई है। उनकी पत्नी का जिला पंचायत में लगातार जीत दर्ज करना और पिता का ग्राम प्रधान रहना उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि को मजबूत करता है।
चुनावी रणनीति
भाजपा संगठन द्वारा कराए गए सर्वे और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में चंद्रभानु पासवान का नाम उभरकर सामने आया। पार्टी ने उन्हें एक नए और युवा चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया, जो जातिगत समीकरणों के लिहाज से भी मिल्कीपुर उपचुनाव 2025 में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
मिल्कीपुर उपचुनाव 2025 में चंद्रभानु पासवान की संभावित जीत भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। एक युवा और नए चेहरे को राजनीति में उतारने का यह फैसला कहीं न कहीं सही साबित होता दिख रहा है। चंद्रभानु पासवान की कहानी एक साधारण व्यक्ति के असाधारण राजनीतिक सफर की मिसाल बन सकती है।
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