Mohd. Shahabuddin News:अपराध की दुनिया से राजनीति में आने वाले बाहुबली शहाबुद्दीन पर हत्या, अपहरण, रंगदारी, घातक हथियार रखने और दंगा फैलाने जैसे दर्जनों मामले दर्ज हुए। उसकी अपराध की दुनिया तभी शुरू हो गई थी, जब वह महज 19 साल का था।राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया है। वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में लंबे समय से बंद थे।
कोरोना से संक्रमित होने के बाद हालत नाजुक होने पर दिल्ली के एक बड़े दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने 1 मई 2020 आखिरी सांस ली। शहाबुद्दीन को दो भाइयों के 2004 में सिवान में तेजाब से नहलाकर हत्या के मामले में दोषी पाया गया था। उसके बाद शहाबुद्दीन को कोर्ट ने सजा सुनाई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा को बरकरार रखा। हालांकि, यह हत्या शहाबुद्दीन आपराधिक कुंडली का मात्र एक उदाहरण है। शहाबुद्दीन कैसे पकड़ी अपराध की राह, कैसे अपराध की दुनिया से राजनीति में ली एंट्री ।
Mohd. Shahabuddin News:1967 में हुआ जन्म, क्राइम की शुरुआत छात्र राजनीति में की शुरू
बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन का जन्म 10 मई 1967 को सीवान जिले के छोटे से गांव प्रतापपुर में हुआ था। शहाबुद्दीन ने अपनी पढ़ाई पॉलिटिकल साइंस में एमए और पीएचडी किया था। परिवार में पत्नी हिना शहाब के साथ ही एक बेटा ओसामा साहब और दो बेटियां हैं। कॉलेज में पढ़ाई के समय से ही शहाबुद्दीन ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। उसके साथ- साथ राजनीति में भी पैर पसारने की शुरुआत कर दी थी।
Mohd. Shahabuddin News:शहाबुद्दीन पर पहली बार 1986 में दर्ज हुआ था मुकदमा
अपराध की दुनिया में क़दम रखने से लेकर राजनीति में आने वाला शहाबुद्दीन पर अपहरण, हत्या, रंगदारी और घातक हथियार रखने और दंगा को उकसाने जैसे दर्जनों मामले दर्ज हुए। 1986 में पहली बार उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जब उसकी उम्र केवल 19 साल का था। शहाबुद्दीन की अपराध की शुरुआत भले ही सिवान से हुई, लेकिन उसका अपराध और उसके लोग धीरे धीरे बिहार सहित झारखंड में फैल गया था।
Mohd. Shahabuddin News:ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
शहाबुद्दीन ने जब क्राइम की राह पकड़ी तो पुलिस ने उसको हिस्ट्रीशीटर घोषित कर दिया। अपराध की दुनिया में शहाबुद्दीन का कद बढ़ता जा रहा था। फिर बाहुबली शहाबुद्दीन ने पहली बार राजनीति की गलियों में कदम रखा। लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में उन्होंने जनता दल की युवा इकाई में एंट्री की। 1990 में शहाबुद्दीन को विधानसभा का टिकट मिला और वह जीत गए। फिर 1995 में भी वह चुनाव जीत गए। उनकी बढ़ती ताकत को देखते हुए पार्टी ने 1996 में लोकसभा का टिकट थमाया और शहाबुद्दीन सांसद बन गए।
Mohd. Shahabuddin News:आरजेडी में एंट्री के बाद ऐसे बढ़ी शहाबुद्दीन की ताकत
लालू के खास शहाबुद्दीन को 1997 में राष्ट्रीय जनता दल के गठन के साथ ही पार्टी में जगह मिली। बिहार में आरजेडी की सरकार और शहाबुद्दीन की ताकत सत्ता के साथ बढ़ गई थी। धीरे-धीरे शहाबुद्दीन पर सत्ता नशा चढ़ गया। कानून को ठेंगे पर रखने वाले ने अधिकारियों के साथ भी मनमानी करनी शुरू कर दी थी। इस बीच कई अधिकारियों से शहाबुद्दीन की मारपीट की भी खबरें आने लगीं। एक बार तो मामला पुलिस वालों पर गोली चलाने का भी आया।
सीवान में बोलता था डंका, खुद लगाते थे अपनी अदालत
शहाबुद्दीन फिल्मी अंदाज में 2000 के दशक तक सीवान जिले में समानांतर सरकार चला रहे थे। वह अदालत की तरह लोगों के लिए फैसले किया करते थे। सीवान में तब भूमि विवादों का निपटारा, जिले के डॉक्टरों की फीस सबकुछ शहाबुद्दीन के अनुसार तय होता था। साल 2004 में लोकसभा चुनाव से ठीक आठ महीने पहले शहाबुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया।
मामला 1999 में एक सीपीआई (एमएल) कार्यकर्ता के अपहरण और संदिग्ध हत्या का था। नवंबर 2005 में बिहार पुलिस की स्पेशल टीम ने दिल्ली में शहाबुद्दीन को दोबारा गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी से पहले सीवान में एक पुलिस छापे के दौरान शहाबुद्दीन के पैतृक घर से अवैध आधुनिक हथियार के साथ ही सेना के नाइट विजन डिवाइस और पाकिस्तानी आर्म्स फैक्ट्रियों में बने हथियार बरामद हुए थे!
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