
Nimisha Priya Yemen Execution: केरल की नर्स ''निमिषा प्रिया'' की फांसी रोकना मुश्किल बोली 'सरकार'
Nimisha Priya Yemen Execution: केरल की नर्स निमिषा प्रिया यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रही हैं। भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यमन की संवेदनशील स्थिति के कारण ज्यादा मदद संभव नहीं है। परिवार ने 8.6 करोड़ रुपये की ब्लड मनी देने का प्रस्ताव रखा है।
Nimisha Priya Yemen Execution: सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा ?
सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केरल की नर्स निमिषा प्रिया की यमन में फांसी रोकने के लिए वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकती। सरकार के वकील अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने कहा –
“यमन की स्थिति और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर सकती… क्योंकि यमन को कूटनीतिक रूप से मान्यता नहीं मिली है।” (यह बात Live Law के अनुसार कही गई।)
यह बातें उस सुनवाई के दौरान कही गईं, जिसमें निमिषा प्रिया की 16 जुलाई को होने वाली फांसी को रोकने के लिए सरकार से दखल देने की मांग की गई थी।
Nimisha Priya Yemen Execution: सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह निजी स्तर पर उसे बचाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन वह ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकती। सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा –
“भारत सरकार एक हद तक ही जा सकती है, और हम उस हद तक पहुंच चुके हैं। यमन बाकी दुनिया की तरह सामान्य देश नहीं है। हम हालात को और न बिगाड़ना चाहते थे, इसलिए सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा… हम निजी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं।” हालांकि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि सरकार यमन में हत्या के पीड़ित परिवार से सीधे बातचीत करे।
Nimisha Priya Yemen Execution: निमिषा प्रिया के परिवार ने ₹8.6 करोड़ की ‘ब्लड मनी’ देने का प्रस्ताव रखा
निमिषा प्रिया के परिवार ने यमन के शरीयत कानून के तहत पीड़ित परिवार को ₹8.6 करोड़ की ‘ब्लड मनी’ (मुआवज़ा) देने का प्रस्ताव रखा है। ब्लड मनी का मतलब होता है – पीड़ित परिवार को मुआवज़ा देकर मौत की सजा माफ करवाना, जो यमन के शरीयत कानून में मान्य है। हालांकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ब्लड मनी देना एक निजी समझौता है, इसमें सरकार सीधा हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सरकार ने कहा कि वह यमन में कुछ शेखों और प्रभावशाली लोगों से निजी स्तर पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है।
Nimisha Priya Yemen Execution: फांसी की तारीख 16 जुलाई तय की गई
निमिषा प्रिया, जो केरल के पालक्काड़ जिले की रहने वाली है, पर हत्या के आरोप में यमन में मौत की सजा सुनाई गई है, और उसकी फांसी की तारीख 16 जुलाई तय की गई है। निमिषा प्रिया इस समय ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले जेल में बंद है, और भारत की हूती प्रशासन से कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि यमन में असल में क्या हो रहा है, यह जानने का कोई स्पष्ट तरीका नहीं है। सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा –
“यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें सरकार से अपनी सीमा से बाहर जाकर कुछ करने को कहा जाए… यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।”
Nimisha Priya Yemen Execution: पासपोर्ट वापस लेकर यमन से भागने की कोशिश
निमिषा प्रिया 2011 में अपने परिवार के साथ काम करने के लिए यमन गई थीं। लेकिन तीन साल बाद उनके पति और बेटी पैसों की परेशानी के चलते वापस भारत लौट आए, जबकि निमिषा वहीं रुककर परिवार के लिए कमाई करती रहीं। उन्होंने वहां एक क्लिनिक खोलने का फैसला लिया और एक यमनी नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ साझेदारी की। बाद में महदी ने कथित तौर पर निमिषा के साथ मारपीट की, धमकाया और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। पासपोर्ट वापस लेकर यमन से भागने की कोशिश में, निमिषा ने महदी को बेहोश करने के लिए दवा दी, लेकिन दवा की ज्यादा मात्रा से महदी की मौत हो गई।
इसके बाद निमिषा पर हत्या का आरोप लगा और 2020 में मौत की सजा सुनाई गई। अब उनकी फांसी 16 जुलाई को तय है, और उन्हें बचाने के लिए आखिरी कोशिशें चल रही हैं। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार, 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होगी।
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