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बांग्लादेश में 'ऑपरेशन डेविल हंट' शुरू, मोहम्मद यूनुस की सरकार के लिए चुनौती
बांग्लादेश में अशांति का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद से लगातार हिंसा और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में अवामी लीग के एक नेता के घर पर हुए हमले के बाद अंतरिम सरकार ने ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ शुरू करने का आदेश दिया है।
क्यों हुआ ऑपरेशन डेविल हंट लॉन्च?
ढाका के बाहरी इलाके गाजीपुर में अवामी लीग के एक नेता के घर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़फोड़ की घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि दोषियों का पता लगाया जाए। इसी के जवाब में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने यह अभियान शुरू करने का आदेश दिया।
सेना की तैनाती
गृह मंत्रालय के अनुसार, यह अभियान गाजीपुर से शुरू किया गया है और इसे पूरे देश में फैलाया जाएगा। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।
छात्र आंदोलन की भूमिका
भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं का दावा है कि उनके कार्यकर्ता लूटपाट रोकने के लिए पूर्व मंत्री के घर गए थे। हालांकि, वहां बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। इसके बाद सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए यह सख्त कदम उठाया।
हसीना समर्थकों पर हमले
देश के विभिन्न हिस्सों में शेख हसीना के समर्थकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। कई स्थानों पर आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं। सरकार का कहना है कि यह हिंसा हसीना की भड़काऊ टिप्पणियों के कारण हुई है।
भविष्य की राह
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हिंसा की ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने चेतावनी दी है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मोहम्मद यूनुस की सरकार के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ बांग्लादेश में शांति बहाली की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है और देश को स्थिरता की ओर कैसे ले जाती है।
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