हाल ही में एक विवाद ने जन्म लिया, जब प्रसिद्ध अभिनेता प्रकाश राज ने एक सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत संबारगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। संबारगी ने सोशल मीडिया पर अभिनेता की एक फर्जी तस्वीर पोस्ट की, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जनरेट की गई थी। इस तस्वीर में प्रकाश राज को प्रयागराज के महाकुंभ मेले में गंगा स्नान करते हुए दिखाया गया था। तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिससे अभिनेता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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Toggleप्रकाश राज ने इस वायरल पोस्ट पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह तस्वीर पूरी तरह से नकली और मनगढ़ंत है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तस्वीर का उद्देश्य उनका नाम खराब करना और धार्मिक भावनाओं को उकसाना था। अभिनेता ने कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह के फर्जी पोस्ट राजनीतिक और धार्मिक लाभ के लिए किए जाते हैं।
यह पोस्ट प्रशांत संबारगी ने अपने फेसबुक पर शेयर किया था, जिसमें लिखा था: “आशा है कि उनके सभी पाप धुल गए होंगे।” हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद संबारगी ने अपना पोस्ट हटा लिया। लेकिन प्रकाश राज ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और मामले को गंभीरता से लिया।
प्रकाश राज ने कहा, “मैंने कभी भी किसी धर्म के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। ये लोग धार्मिक विवाद पैदा कर रहे हैं। मैं संबारगी को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता हूं, लेकिन उन्होंने मेरी झूठी तस्वीर बनाई और गलत जानकारी फैलाई। महाकुंभ हिंदू धर्म और भगवान में आस्था रखने वालों के लिए एक पवित्र आयोजन है, और इस आयोजन के माध्यम से मेरी झूठी तस्वीर का राजनीतिक फायदा उठाया जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे झूठी अफवाहों का सामना करते रहे हैं और अब इस मामले में भी उन्होंने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है।
अभिनेता ने यह भी बताया कि वे खुद आस्था के मामले में किसी को नहीं रोकते, लेकिन अंधविश्वास का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी और बेटी मंदिर जाती हैं, और मैं उनके विश्वास का सम्मान करता हूं। आस्था व्यक्तिगत मामला है, और मैं किसी के विश्वास पर सवाल नहीं उठाता।”
पुलिस ने प्रशांत संबारगी को पूछताछ के लिए बुलाया है और उन्हें 15 दिनों के भीतर सफाई देने को कहा है। प्रकाश राज ने यह भी कहा कि समाज में फर्जी खबरों का फैलाव बेहद हानिकारक है और इनका जवाबदेह ठहराना जरूरी है।
यह मामला इस बात की ओर भी इशारा करता है कि सोशल मीडिया पर AI तकनीक से बनी फर्जी तस्वीरों और वीडियो के बढ़ते प्रभाव को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इन तकनीकों का गलत इस्तेमाल किसी की छवि और समाज में शांति को नुकसान पहुंचा सकता है, और ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई जरूरी हो सकती है।
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