18वें ‘Pravasi Bharatiya Divas‘ सम्मलेन में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उड़ीसा के भुवनेश्वर पहुंचे हैं। वहां पर सभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा – अप्रवासी जहां जाते हैं उसे अपना बना लेते हैं। इसके बावजूद उनके दिल में हमेशा भारत धड़कता है इसी के चलते दुनिया में मेरा सिर ऊंचा रहता है।
टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला भी वर्चुअली हुई शामिल
Pravasi Bharatiya Divas सम्मेलन के कार्यक्रम को त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू ने भी वर्चुअली संबोधित किया। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। आपको बता दे कि यह ट्रेन भारतीय प्रवासियों के लिए स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन है जो दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से चलकर लगभग 3 सप्ताह तक कई टूरिस्ट प्लेस तक जाएगी। इसका संचालन विदेश मंत्रालय की प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना के तहत किया जा रहा है। आपको बता दे कि कार्यक्रम में 70 देशो से 3000 से अधिक प्रतिनिधि उड़ीसा में पहुंचे हैं। यह सम्मेलन 8 जनवरी को शुरू हुआ था और 10 जनवरी तक चलेगा। इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी इसके अंतिम सत्र में शामिल होंगी और प्रवासी भारतीय पुरस्कार प्रदान करेंगी ।
प्रधानमंत्री ने क्या कुछ अहम बातें कहीं
प्रधानमंत्री ने Pravasi Bharatiya Divas पर कहा “मैंने हमेशा भारतीय डाइसपोरा को भारत का राष्ट्रीय दूत माना है। मुझे खुशी होती है जब दुनिया में आप सभी साथियों से बात करता हूं। जो प्यार मिलता है उसे भूल नहीं सकता। आपका स्नेह, आशीर्वाद मेरे साथ रहता है। मैं सभी का निजी तौर पर आभार करता हूं”। इसके अलावा उन्होंने विदेश में भारतीयों के योगदान को केंद्रित करते हुए कहा कि हमें विविधता सीखनी नहीं पड़ती हमारा जीवन ही इसे चलता है। इसलिए भारतीय जहां भी जाते हैं वहां की सोसाइटी में घुल मिल जाते हैं। प्रधानमंत्री ने मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट पर कहा कि 10 साल में भारत ने अपने यहां 25 करोड लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वह दिन दूर नहीं जब तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। भारत की सफलता अब दुनिया देख रही है। नरेंद्र मोदी ने दुनिया में भारत के प्रभाव की भी व्याख्या की और कहा कि ‘भारत की बात को आज दुनिया ध्यान से सुनती है। आज का भारत अपना पॉइंट तो स्ट्रांग्ली रखता ही है ग्लोबल साउथ की आवाज भी पूरी तरह से उठता है। भारत अपने ग्लोबल रोल का विस्तार कर रहा है। भारत के टैलेंट का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है’। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने विकसित भारत में अप्रवासीयो के योगदान को भी विस्तार से बताते हुए कहा कि “1947 में आजादी के बाद भारतीय डाइसपोरा ने बहुत मदद की। हमारे सामने 2047 का लक्ष्य है, हमें विकसित भारत बनाना है । आप आज भी कंट्रीब्यूट कर रहे हैं। हमें आपकी मेहनत के कारण ही भारत की पहचान बढ़ाने में सहायता मिल रही है”।
प्रवासी सम्मेलन की शुरुआत अटल बिहारी वाजपेई ने की थी
Pravasi Bharatiya Divas सम्मेलन का प्रारंभ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा जनवरी,2003 में किया गया था। महात्मा गांधी ने 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत के लौटने की घटना को याद करते हुए इसकी शुरुआत की थी उसके बाद से ही इस दिन को मानने का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के योगदान और उनकी उपलब्धियां को पहचाना हो गया।
यह सम्मेलन अब तक नई दिल्ली, मुंबई, कोच्चि, हैदराबाद, जयपुर, चेन्नई, वाराणसी, बेंगलुरू और इंदौर जैसे बड़े शहरों में आयोजित किया जा चुका है ,वही जब कोरोना महामारी थी तब इसे वर्चुअल मोड पर आयोजित किया गया था।
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