
गुरुवार को चीन के किंगदाओ में आयोजित की गई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए और उन्होंने जॉइंट स्टेटमेन्ट पर साइन करने से मना कर दिया।
SCO Meeting 2025: गुरुवार को चीन के किंगदाओ में आयोजित की गई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए और उन्होंने जॉइंट स्टेटमेन्ट पर साइन करने से मना कर दिया। ज्वाइंट स्टेटमेंट में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को शामिल नहीं किया गया था जबकि इसमें बलूचिस्तान में हुई घटना शामिल थी। इस बात पर भारत ने नाराजगी दिखाई और स्टेटमेंट पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे। दूसरी तरफ राजनाथ सिंह ने बैठक में पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ से भी मुलाकात नहीं की है।
राजनाथ सिंह ने SCO Meeting 2025 में क्या कहा?
बैठक में राजनाथ सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि “पहलगाम हमले का पैटर्न भारत में लश्कर ए तैयबा के पिछले आतंकी हमलो जैसा था। सीमा पार से होने वाले आतंकी हमलो को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने 7 में 2025 को ऑपरेशन सिन्दूर को अंजाम दिया। कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति मानते हैं और आतंकवादियों को शरण देते हैं फिर इससे इंकार करते हैं। ऐसे डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह ही नहीं होनी चाहिए। उन्हें समझना होगा कि अब आतंकवाद के एपीसेंटर सेफ नहीं है।”
रक्षा मंत्री में आगे कहा कि “SCO को ऐसे देश की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।”
SCO Meeting 2025 के ज्वाइंट स्टेटमेंट में पहलगाम नहीं बलूचिस्तान का जिक्र था
आपको बता दें की इस घोषणा पत्र में आतंकवाद के मुद्दे, विशेषकर 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र नहीं था। जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी, जबकि इस घोषणा पत्र में पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान का जिक्र किया गया था। जिससे भारत ने स्वीकार नहीं किया। भारत का मानना है कि इससे उसके आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रूप को कमजोर करता है।
इस मीटिंग में पाकिस्तान और चीन ने इस दस्तावेज में आतंकवाद के मुद्दे को कमजोर करने का षड्यंत्र रचा लेकिन, भारत ने इसके खिलाफ सख्त और दृढ़ रुख अपनाया। और भारत ने इस ज्वाइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से इनकार कर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के SCO Meeting 2025 संबोधन के अहम बिंदु
संबोधन में राजनाथ सिंह ने उग्रवाद और आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि “मेरा मानना है की सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित है। इन समस्याओं का मुख्य कारण कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद में बढ़ोतरी है। चुनौतियों से छुटकारा पाने के लिए निर्णायक कार्यवाही करने की जरूरत है और हमें अपनी सामूहिक सुरक्षा और संरक्षण के लिए इन बुराइयों के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूती से लड़ना पड़ेगा।”
रक्षा मंत्री ने आगे कहा “भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति आज हमारे एक्शन में भी दिखती है। इसमें आतंकवाद के खिलाफ स्वयं की रक्षा करने का हमारा अधिकार भी शामिल है। हमने यह दिखाया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं है और हम उन्हें निशाना बनाने में बिल्कुल नहीं कतराते।”
देश के बीच संघर्ष रोकने के लिए संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि “भारत का मानना है कि संवाद के बिना देश के बीच संघर्ष को नहीं रोका जा सकता। इसके लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा कोई भी देश चाहे वह कितना ही बड़ा और शक्तिशाली क्यों ना हो, अकेले काम नहीं कर सकता। साथ मिलकर कार्य करने में ही सफलता प्राप्त होती है और यह हमारी परंपरा भी रही है।”
SCO Meeting 2025 क्या है?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान ने साथ मिलकर की थी। लेकिन 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके सदस्य बने और 2023 में ईरान भी इसका सदस्य बना। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। यह संगठन आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग तस्करी और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर साझा रणनीति बनाकर उनसे निपटने के लिए बनाया गया है।
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