Parliament session: भारत सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया और संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह विधेयक लोकसभा में पेश किया, जिसे 269 मतों के समर्थन और 198 मतों के विरोध के साथ स्वीकृति मिली है। आपको बता ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक भारतीय चुनाव प्रणाली में एक अहम परिवर्तन का प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रियाओं को अधिक सरल बनाना और संसाधनों की बचत करना है। हालांकि, विपक्षी दलों की चिंताओं और संवैधानिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, इस पर विस्तृत विचार विमर्श और सहमति बनाना आवश्यक होगा।
Parliament session: क्या है विधेयक का उद्देश्य
Parliament session: इस विधेयक का प्रमुख उद्देश्य देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ आयोजित करना है, जिससे बार-बार होने वाले चुनावों से बचा जा सके और प्रशासनिक एवं वित्तीय संसाधनों की बचत हो। सरकार का मानना है कि इससे विकास कार्यों में तेजी आएगी और चुनावी खर्च में कमी होगी। इसके उद्देश्य को बिन्दुओ से समझिये
एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का मुख्य उद्देश्य देश में बार-बार होने वाले चुनावों को एक समय पर आयोजित करना है ताकि:
1. विकास कार्यों में रुकावट कम हो सके।
2. खर्चों में कमी आए, क्योंकि बार-बार चुनावों पर भारी खर्च होता है।
3. प्रशासनिक कार्यों में गति लाई जा सके।
4. राजनीतिक अस्थिरता को कम किया जा सके।
Parliament session: विधेयक पर विपक्ष की प्रतिक्रिया
Parliament session: कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसे संविधान के मूल ढांचे पर हमला बताया है। विपक्ष का तर्क है कि यह विधेयक संघीय ढांचे के खिलाफ है और राज्यों के अधिकारों का हनन करता है। क्या विपक्ष के तर्क
1. संघीय ढांचे का उल्लंघन: विपक्ष का कहना है कि यह प्रस्ताव राज्यों की स्वायत्तता के खिलाफ है।
2. तैयारी का मुद्दा: कई राज्यों के चुनावी चक्र अलग-अलग समय पर होते हैं, ऐसे में इसे लागू करना व्यावहारिक रूप से कठिन है।
3. छोटे दलों की चिंता: विपक्षी दलों का तर्क है कि एक साथ चुनाव होने से क्षेत्रीय पार्टियों को नुकसान हो सकता है।
Parliament session: संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को संदर्भ
Parliament session: सरकार ने विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजने का प्रस्ताव रखा है। जेपीसी में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों का समावेश होगा, जहां इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यह कदम विधेयक पर सर्वसम्मति बनाने और सभी पक्षों की राय शामिल करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
Parliament session: संविधान संशोधन के लिए कितने मतों की आवश्यकता होगी
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन आवश्यक है, जिसके लिए संसद में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, कुछ प्रावधानों के लिए राज्यों की सहमति भी जरूरी हो सकती है, जिससे यह प्रक्रिया और जटिल हो सकती है।
Parliament session: अग्रिम प्रक्रिया
Parliament session:जेपीसी में विधेयक पर चर्चा और सुझावों के बाद, इसे संसद में पुनः प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि इस विधेयक पर व्यापक सहमति बनाकर इसे पारित किया जाए, ताकि देश में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भारतीय लोकतंत्र के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वाकांक्षी प्रस्ताव है। इसके फायदे कई हैं, लेकिन इसे लागू करना आसान नहीं है। इसे लागू करने के लिए राजनीतिक दलों, राज्यों और जनता के बीच एक मजबूत सहमति बनानी होगी। फिलहाल संसद में इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है, और आने वाले दिनों में यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
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