Google Gemini new feature: AI फेक फोटो की छुट्टी! Gemini में आया ज़बरदस्त पहचान फीचर
Google Gemini new feature: डिजिटल दुनिया में एआई तकनीक जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से फेक इमेज, फेक वीडियो और एडिटेड कंटेंट भी बढ़ रहा है। ऐसे में आम यूजर के लिए यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि कोई तस्वीर असली है या एआई से बनाई गई है। इसी समस्या को हल करने के लिए Google ने अपने AI ऐप Gemini में एक बेहद उपयोगी और नया फीचर लॉन्च किया है—AI Image Verification।
यह फीचर यूजर्स को यह बताने में मदद करेगा कि कोई तस्वीर Google AI से बनाई गई है या नहीं। आने वाले समय में यह सुविधा वीडियो और ऑडियो के लिए भी उपलब्ध होने वाली है, जिससे डिजिटल कंटेंट की प्रामाणिकता को लेकर बढ़ रही चिंता काफी कम हो सकती है।
क्या है Google का नया AI Image Verification फीचर?
Google ने Gemini ऐप में एक ऐसा फीचर जोड़ा है जो किसी भी तस्वीर की सच्चाई जांचने में मदद करता है। यूजर बस तस्वीर अपलोड करते हैं और एक साधारण सा प्रॉम्प्ट डालते हैं:
- “क्या यह AI-generated है?”
- “Is this AI-generated?”
इसके बाद जेमिनी उस इमेज में मौजूद डिजिटल वॉटरमार्क — SynthID — को स्कैन करता है और बता देता है कि तस्वीर Google AI से बनी है या नहीं। यह फीचर डिजिटल कंटेंट की विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कैसे काम करता है यह फीचर?
इस फीचर का आधार है Google का खास टेक्नोलॉजी टूल — SynthID। यह इमेज में एक खास प्रकार का वॉटरमार्क डालता है, जिसे मशीन ही पहचान सकती है, इंसान नहीं। इससे तस्वीर देखने में बिल्कुल असली लगती है, लेकिन AI सिस्टम उसे पहचान लेता है।
स्टेप-बाय-स्टेप समझिए:
- यूजर कोई भी तस्वीर Gemini ऐप में अपलोड करेगा।
- एक छोटा सा प्रॉम्प्ट लिखेगा — “Is this AI-generated?”
- इसके बाद Gemini उस तस्वीर में SynthID वॉटरमार्क खोजेगा।
- अगर इमेज Google AI से बनी है, तो वह तुरंत बता देगा।
- अगर नहीं बनी है, तो भी साफ-साफ लिख देगा — “No, this is not created by Google AI.”
अभी यह फीचर सिर्फ इमेज के लिए, जल्द ही वीडियो और ऑडियो भी शामिल
Google ने पुष्टि की है कि यह फीचर अभी केवल इमेज की पहचान करने में सक्षम है।
लेकिन जल्द ही:
- AI-generated वीडियो
- AI-generated ऑडियो
को भी आसानी से पहचाना जा सकेगा।
यह कदम डिजिटल सुरक्षा और कंटेंट पारदर्शिता की दिशा में बहुत बड़ा सुधार माना जा रहा है।
C2PA सपोर्ट भी जल्द मिलने वाला — पहचान और भी आसान होगी
Google ने आगे यह भी बताया कि Gemini जल्द ही C2PA (Coalition for Content Provenance and Authenticity) को सपोर्ट करेगा। यह एक ग्लोबल स्टैंडर्ड है, जो कंटेंट की असलियत और सोर्स को ट्रैक करने में मदद करता है। इससे Gemini न केवल Google AI द्वारा बनाई गई इमेज, बल्कि OpenAI, Adobe या अन्य AI टूल्स से बनी इमेज को भी पहचान सकेगा।
यानि आने वाले दिनों में:
- फेक इमेज
- फेक वीडियो
- एडिटेड ऑडियो
को पकड़ना बेहद आसान हो जाएगा।
क्यों ज़रूरी है यह फीचर?
पिछले कुछ सालों में AI-generated तस्वीरों और वीडियो का गलत इस्तेमाल बढ़ा है। कई फेक न्यूज, मॉर्फ्ड फोटो और डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते हैं। ऐसे में आम जनता के लिए कंटेंट की सच्चाई पहचानना मुश्किल हो जाता है।
Google का यह फीचर:
- फेक कंटेंट को नियंत्रित करने में मदद करेगा
- गलत सूचनाओं को रोकने में अहम भूमिका निभाएगा
- डिजिटल दुनिया को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएगा
Google क्या और नया जोड़ रहा है?
- नए हाई-रिज़ॉल्यूशन मॉडल Nano + Imagen Pro से बनी सभी तस्वीरों में ऑटोमैटिक C2PA मेटाडेटा शामिल होगा।
- यह सिस्टम इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर और एआई टूल्स को भी पहचानने में मदद करेगा।
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