
भगवंत मान ने बुलाई कैबिनेट मीटिंग, पंजाब में सियासी अटकलें तेज
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अचानक कैबिनेट बैठक बुलाकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। हाल ही में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार गिरने के बाद अरविंद केजरीवाल के पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की चर्चाएं जोरों पर थीं। इस बीच कैबिनेट मीटिंग में देरी को लेकर भी विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था।
कैबिनेट बैठक में देरी पर उठे सवाल
पंजाब सरकार की ओर से 10 फरवरी को कैबिनेट बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्रियों की दिल्ली चुनावों में व्यस्तता के चलते इसे टाल दिया गया। इसके पहले यह बैठक 6 फरवरी को तय थी, जिसे आगे बढ़ाकर 10 फरवरी किया गया था। अब यह बैठक 13 फरवरी को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ सचिवालय में होगी।
क्या AAP में सबकुछ ठीक नहीं?
विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा लगातार आरोप लगा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। विपक्ष का दावा है कि भगवंत मान कैबिनेट की बैठक बुलाने में देरी कर रहे थे, जिससे यह चर्चा और तेज हो गई कि पार्टी में कोई बड़ा बदलाव हो सकता है।
चार महीने बाद हो रही कैबिनेट मीटिंग
पंजाब सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक 8 अक्टूबर 2024 को हुई थी। इसके बाद से अब तक कोई बैठक नहीं हुई, जिससे प्रशासनिक फैसलों पर भी असर पड़ सकता था। दिल्ली चुनावों में व्यस्तता के कारण बैठक लगातार टलती रही। लेकिन अब 13 फरवरी को होने वाली बैठक में सरकार कुछ अहम फैसले ले सकती है।
क्या केजरीवाल संभालेंगे पंजाब की कमान?
दिल्ली में सरकार गिरने के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि अरविंद केजरीवाल अब भगवंत मान को हटाकर खुद पंजाब के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हाल ही में जब उन्होंने पंजाब के विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक की, तो इसे लेकर चर्चाएं और तेज हो गई थीं। हालांकि, पार्टी ने इसे मात्र एक औपचारिक बैठक बताया, जिसमें दिल्ली चुनावों में सहयोग देने के लिए पंजाब के नेताओं का धन्यवाद किया गया।
विपक्ष का हमला और AAP का रुख
भाजपा और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी में अंदरूनी खींचतान जारी है और यही कारण है कि सरकार चार महीने तक कैबिनेट बैठक नहीं कर पाई। वहीं, AAP नेताओं का कहना है कि सरकार पूरी मजबूती के साथ काम कर रही है और कैबिनेट बैठक में किसी तरह की देरी सिर्फ चुनावी व्यस्तताओं की वजह से हुई थी।
क्या हो सकते हैं बड़े फैसले?
13 फरवरी को होने वाली बैठक में पंजाब सरकार कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है। शिक्षा, कृषि और औद्योगिक नीतियों से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा संभव है। इसके अलावा, दिल्ली में पार्टी की हार के बाद पंजाब सरकार की आगे की रणनीति पर भी विचार किया जा सकता है।
भगवंत मान द्वारा कैबिनेट बैठक बुलाए जाने से पंजाब की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। अटकलों के बीच यह बैठक सरकार की स्थिति को स्पष्ट कर सकती है और प्रशासनिक फैसलों को आगे बढ़ाने का रास्ता खोल सकती है। अब सबकी नजर 13 फरवरी को होने वाली इस बैठक पर टिकी है, जहां पंजाब सरकार की अगली रणनीति तय होगी।