मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने सोमवार दोपहर राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया।
बिहार की राजनीति एक बार फिर बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। मुख्यमंत्री Nitish Kumar ने सोमवार दोपहर राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया। इसके साथ ही मौजूदा सरकार औपचारिक रूप से समाप्त हो गई और नई सरकार के गठन का रास्ता लगभग साफ हो गया है। इस कदम ने राज्य की राजनीतिक हलचल को और तेज़ कर दिया है। अब निगाहें मंगलवार को होने वाली JDU–BJP विधायक दल की संयुक्त बैठक और 20 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह पर टिक गई हैं।
राजस्थान के इस्तीफ़े के पीछे राजनीतिक रणनीति
Nitish Kumar ने इस्तीफ़ा देते समय कहा कि उन्होंने राज्य की बेहतरी और प्रशासनिक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। हाल के महीनों में राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनते हुए नज़र आए हैं, और माना जा रहा है कि Nitish Kumar और उनकी पार्टी JDU की अगुवाई में NDA के अंदर एक बार फिर नई टीम और नई रणनीति के साथ सरकार बनाई जाएगी।
इस्तीफ़ा सौंपने के बाद नितीश कुमार ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत की। उन्होंने यह संकेत दिया कि आगे की राजनीतिक दिशा पर विचार-विमर्श पहले से चल रहा था और अब सब कुछ विधि-सम्मत तरीके से आगे बढ़ेगा। राजभवन से निकलने के बाद JDU के दफ्तर में भी पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई गई, जहां कई वरिष्ठ नेताओं ने नई स्थिति पर चर्चा की।
JDU–BJP विधायकों की कल अहम बैठक
Nitish Kumar के इस्तीफ़े के बाद मंगलवार को JDU और BJP दोनों दलों के विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में NDA गठबंधन के सभी नए विधायकों की मौजूदगी अनिवार्य की गई है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में NDA के नए नेता का चयन, सरकार गठन की औपचारिक प्रक्रिया, नये मंत्रीमंडल के स्वरूप, विभागों के संभावित बंटवारे पर चर्चा होगी।
हालाँकि, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि नितीश कुमार को ही NDA की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाएगा। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि गठबंधन सरकार में नितीश कुमार को फिर से नेतृत्व सौंपा जाएगा और उन्हें “स्थिर सरकार” देने में BJP पूरा सहयोग करेगी।
20 नवंबर को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह
सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी होते ही 20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इसे एक बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम के रूप में तैयार किया जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर मंच निर्माण तक की तैयारियाँ पहले ही शुरू हो चुकी हैं।
इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, और NDA के कई अन्य बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। JDU के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इस बार का समारोह “विशेष” होगा, क्योंकि नितीश कुमार दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे जो अपने आप में एक राजनीतिक रिकॉर्ड है।
नई सरकार से जनता की अपेक्षाएँ
जनता की नज़रें अब नई सरकार पर टिकी हैं। पिछले कुछ वर्षों में बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार और कानून-व्यवस्था के मुद्दे सबसे अधिक चर्चा में रहे हैं। नए मंत्रीमंडल से उम्मीद है कि राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा रोजगार सृजन के लिए बड़े स्तर पर योजनाएँ शुरू होंगी। शहरों और गांवों की आधारभूत संरचना पर नया काम होगा। अपराध नियंत्रण और प्रशासनिक सुधार प्राथमिकता पर रखे जाएंगे।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नितीश कुमार के अनुभव और BJP के केंद्रीय सहयोग के साथ बिहार में तेजी से विकास कार्य संभव है, लेकिन इसके लिए गठबंधन में समन्वय और स्थिरता बनाए रखना अनिवार्य होगा।
NDA के अंदर सीट और विभाग बंटवारे पर मंथन
नई सरकार के गठन के दौरान NDA के सभी सहयोगी दलों को मंत्री पद मिलने की संभावना है। JDU और BJP में विभागों के बंटवारे पर पहले की फार्मूले को ही आगे बढ़ाने पर चर्चा है। छोटे सहयोगी दलों को भी संतुलित हिस्सेदारी देने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि सरकार में कोई असंतोष न हो।
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