
By election result 2025: गुजरात में 'आप' की जीत से सियासी भूचाल, गोपाल इटालिया बनेंगे नया चेहरा?
By election result 2025: देश के 4 राज्यों की 5 विधानसभा सीटों के नतीजे लगभग आ गए हैं। 4 राज्यों के इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने पंजाब से लेकर गुजरात तक अपना परचम लहराया है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ‘आप’, दो सीटें जीतकर फिर से फॉर्म में लौट आई है। पंजाब की लुधियाना वेस्ट और गुजरात की विदासवर सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी ने विसावदर सीट से दूसरी बार जीत कर दर्ज करके राज्य में अपने दबदबे को फिर से कायम किया है। यह उपचुनाव गुजरात की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा का बाजार गर्म है कि क्या पटेल समुदाय से आने वाले गोपाल इटालिया गुजरात के दूसरे हार्दिक पटेल साबित होंगे? क्या गुजरात में आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस का विकल्प बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है?
इसलिए हुआ विजेंदर सीट पर उपचुनाव
आपको बता दें कि गुजरात की विसावदर विधानसभा सीट पर इसलिए उपचुनाव कराया गया क्योंकि आम आदमी पार्टी के विधायक भूपेंद्र भयानि ने दिसंबर 2023 में MLA पद और पार्टी की सदस्यता त्याग दी थी। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। विसावदर विधानसभा सीट जूनागढ़ जिले के अंतगर्त एक महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है। भयानी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के हर्षद रिबादिया को 7,063 वोटों के मार्जिन से हराया था। उनके दल-बदल की वजह से यह सीट खाली हो गई, जिसके चलते 19 जून 2025 को उपचुनाव कराया गया।
क्या गुजरात में आम आदमी पार्टी का जमेगा रंग?
अब उपचुनाव के नतीजे से अरविंद केजरीवाल काफी उत्साहित हैं। गुजरात की राजनीति में विसावदर का नतीजा न केवल सौराष्ट्र के पाटीदार वोटरों के मूड को दर्शाता है, बल्कि गुजरात में ‘आप’ की बढ़ती चुनौती को भी दर्शाता है। केजरीवाल इटालिया को पाटीदार समुदाय के बड़े नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं। खास बात यह है कि जिस तरह से पाटिदारों के आंदोलन से हार्दिक पटेल जैसे युवा नेता उभरे, ठीक उसी तरह केजरीवाल गोपाल इटालिया को भी गुजरात में पटेल समुदाय का बड़ा नेता बनाने के दिशा में कदम बढ़ा दिया है. यह उपचुनाव 2027 के लिए एक शुरुआती संदेश है कि जनता बदलाव के लिए तैयार है।
विसावदर उपचुनाव में राज्य की तीन प्रमुख पार्टियां
भाजपा, आप और कांग्रेस सहित कुल 16 प्रत्याशी मैदान में थे. भाजपा ने कीरीट पटेल को मैदान में उतारा। कीरीट पटेल जूनागढ़ भाजपा के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं और स्थानीय स्तर पर एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. भाजपा ने इस सीट को जीतने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल और गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी जैसे दिग्गजों को प्रचार में उतारा। वहीं आम आदमी पार्टी ने गोपाल इटालिया को मैदान में उतारा। इटालिया आप की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष हैं और एक युवा, आक्रामक नेता के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने गुजरात पुलिस में कांस्टेबल के रूप में काम किया है, जो उनकी जमीनी छवि को मजबूत करता है। वे पाटीदार समुदाय से हैं और किसान मुद्दों पर मुखर रहे हैं।
कांग्रेस का गुजरात से भी हो जाएगा सफाया?
वहीं, कांग्रेस ने नितिन रणपरिया को मैदान में उतारा था.नितिन रणपरिया स्थानीय स्तर पर सक्रिय हैं और कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में स्वाभिमान की लड़ाई लड़ने का दावा करते हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर आप के साथ गठबंधन नहीं किया, क्योंकि आप ने बिना चर्चा के इटालिया को उम्मीदवार घोषित कर दिया था. लेकिन कांग्रेस का गुजरात में कमजोर संगठन और वोटर बेस ने
उनके लिए मुश्किलें बढ़ाईं।
आप की इस जीत से गुजरात में पार्टी का मनोबल बढ़
सकता है। 2022 में केवल 5 सीटें जीतने वाली आप के लिए यह जीत उनकी उपस्थिति को मजबूत करेगी, खासकर सौराष्ट्र क्षेत्र में। यह जीत आप को 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले पाटीदार और किसान वोटरों के बीच मजबूत करने में मदद कर सकती है। इटालिया की जीत आप के दल-बदल विरोधी रुख को भी मजबूत करेगी, क्योंकि उन्होंने भायानी के भाजपा में जाने को मुद्दा बनाया था। हालांकि, भाजपा, जो 182 में से 161 सीटों के साथ गुजरात में प्रभुत्व रखती है, के लिए यह हार एक झटका होगी. विसावदर में 2007 से जीत न मिलने के बावजूद, पार्टी ने इस बार जीत की उम्मीद की थी।
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