
Guna Hanuman Jayanti Stone Pelting 2025: क्या हुआ, क्यों बिगड़ा माहौल, अब आगे क्या?
Guna Hanuman Jayanti Stone Pelting 2025 मध्य प्रदेश के गुना जिले में शनिवार शाम हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान उस समय तनाव फैल गया जब कर्नलगंज इलाके में अचानक पथराव की घटना सामने आई। धार्मिक आस्था और श्रद्धा के इस पावन पर्व पर हुई हिंसा ने न केवल स्थानीय लोगों को चौंका दिया, बल्कि प्रशासन को भी सतर्क कर दिया।
शोभायात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
हर साल की तरह इस बार भी हनुमान जयंती पर गुना के शाह कॉलोनी क्षेत्र से एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई थी। जुलूस में शामिल श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों, भगवा झंडों और जय श्रीराम के जयकारों के साथ आगे बढ़ रहे थे। यह यात्रा रपटा होते हुए हाट रोड की तरफ जा रही थी और माहौल पूरी तरह धार्मिक उल्लास से भरा हुआ था।
कर्नलगंज में बवाल: कैसे फैली अफरा-तफरी
शाम लगभग 7:30 बजे जैसे ही जुलूस कर्नलगंज इलाके में एक मस्जिद के पास पहुंचा, वहां अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि एक पार्षद की किसी व्यक्ति से कहासुनी हुई थी, जो बाद में विवाद में बदल गई। इसी दौरान कुछ शरारती तत्वों ने जुलूस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इससे भगदड़ मच गई और कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
Guna Hanuman Jayanti Stone Pelting 2025: प्रशासन ने संभाला मोर्चा
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर किशोर कुमार कान्याल और पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा मौके पर पहुंचे। भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकाला गया और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई ताकि स्थिति नियंत्रण में रखी जा सके।
एसपी संजीव सिन्हा ने बयान में कहा,
“स्थिति अब नियंत्रण में है, हम घटना की जांच कर रहे हैं। दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
प्रदर्शनकारियों ने किया चक्काजाम
घटना के विरोध में जुलूस में शामिल युवाओं ने हनुमान चौराहे पर पहुंचकर रास्ता जाम कर दिया। उन्होंने प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह धार्मिक भावना पर हमला है और ऐसे मामलों में प्रशासन को जीरो टॉलरेंस नीति अपनानी चाहिए।
बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से संवाद कर उन्हें कोतवाली में केस दर्ज कराने के लिए समझाया, जिसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हुई।
Guna Hanuman Jayanti Stone Pelting 2025:आखिर बार-बार क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं?
यह कोई पहली बार नहीं है जब धार्मिक आयोजनों के दौरान हिंसा फैली हो। अक्सर देखा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व इन आयोजनों को निशाना बनाकर communal harmony को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। इससे न सिर्फ स्थानीय लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है बल्कि त्योहारों की भावना भी प्रभावित होती है।
सामाजिक सौहार्द ही है समाधान
धार्मिक आयोजनों का मकसद लोगों को जोड़ना होता है, तोड़ना नहीं। समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी तरह की अफवाह, भड़काऊ बयानबाजी या उकसावे से बचा जाए। प्रशासन को चाहिए कि वह पहले से संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखे और हर आयोजन के लिए सुरक्षा के ठोस इंतजाम सुनिश्चित करे।
गुना की यह घटना न सिर्फ एक कानून व्यवस्था की चुनौती थी, बल्कि यह हमारे समाज के उस ताने-बाने की परीक्षा भी थी, जिसमें हर धर्म और समुदाय के बीच शांति और सम्मान बना रहे। प्रशासन ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया, लेकिन यह जरूरी है कि हम सब मिलकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सजग रहें।
असली हनुमान भक्ति तभी है जब हम ‘राम काज’ में लगकर समाज को भय और घृणा से मुक्त बनाएं।