
ग्यानेश कुमार बने भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त, अनुच्छेद 370 हटाने और राम मंदिर ट्रस्ट गठन में निभाई अहम भूमिका
ग्यानेश कुमार (Gyanesh Kumar) को भारत का 26वां मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) नियुक्त किया गया है। वे राजीव कुमार का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 18 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय चयन समिति ने उनकी नियुक्ति की घोषणा की। उनके कार्यकाल की समाप्ति 26 जनवरी 2029 को होगी, जिसके दौरान वे बिहार विधानसभा चुनाव 2025, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव 2027, और लोकसभा चुनाव 2029 जैसे महत्वपूर्ण चुनावों की निगरानी करेंगे।
ग्यानेश कुमार: प्रशासनिक सेवा में लंबा अनुभव
ग्यानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर (Kerala Cadre) के पूर्व आईएएस अधिकारी (IAS Officer) हैं। उन्होंने अपने करियर में गृह मंत्रालय (MHA), संसदीय कार्य मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सेवा दी है।
वे मार्च 2024 में चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) के रूप में नियुक्त हुए थे और मात्र 11 महीनों में अपने उत्कृष्ट कार्यों के चलते अब मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर पहुंच गए हैं।
अनुच्छेद 370 हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका
2018 से 2021 तक गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (Additional Secretary) रहते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक (Jammu and Kashmir Reorganisation Bill) तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
5 अगस्त 2019 को जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाकर जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (Jammu & Kashmir और Ladakh) में विभाजित किया, उस समय ग्यानेश कुमार कश्मीर डेस्क (Kashmir Desk) के प्रभारी थे।
राम मंदिर ट्रस्ट के गठन में भूमिका
गृह मंत्रालय में रहते हुए, उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के गठन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए जिम्मेदार है। राम मंदिर मुद्दे को लेकर चल रही कानूनी प्रक्रिया में भी उन्होंने सरकार की ओर से दस्तावेज़ी कार्यों को संभाला।
शैक्षणिक योग्यता:
ग्यानेश कुमार का शैक्षणिक करियर भी उतना ही प्रभावशाली है जितना कि उनका प्रशासनिक अनुभव।
- बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) – आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से।
- बिजनेस फाइनेंस – इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया (ICFAI) से।
- पर्यावरण अर्थशास्त्र (Environmental Economics) – हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) से।
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में चुनौतियां और प्राथमिकताएं
ग्यानेश कुमार के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण चुनाव होंगे, जिनमें शामिल हैं:
- बिहार विधानसभा चुनाव 2025
- पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और असम विधानसभा चुनाव 2026
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव 2027
- लोकसभा चुनाव 2029
उनकी प्राथमिकताएं इस प्रकार हो सकती हैं:
- रिमोट वोटिंग (Remote Voting) का विस्तार:
- प्रवासी भारतीय (NRI) और प्रवासी श्रमिक (Migrant Workers) के लिए रिमोट वोटिंग सिस्टम लागू करना।
- वित्तीय पारदर्शिता (Financial Transparency) को बढ़ावा:
- चुनावों में राजनीतिक दलों के खर्च की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
- फर्जी खबरों (Fake Narratives) पर रोक:
- सोशल मीडिया पर फर्जी जानकारी रोकने के लिए कड़े नियम लागू करना।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल:
- मतदाता सूची को सही बनाने और मतदान प्रक्रिया को तेज करने में एआई तकनीक का उपयोग करना।
कांग्रेस ने की नियुक्ति पर आपत्ति
ग्यानेश कुमार की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है, इसलिए इस बैठक को स्थगित किया जाना चाहिए था।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) को चयन समिति से बाहर रखकर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर आघात किया है।
उन्होंने कहा:
“मुख्य न्यायाधीश को चयन प्रक्रिया से बाहर रखकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वह चुनाव आयोग पर सिर्फ नियंत्रण चाहती है, न कि उसकी विश्वसनीयता।