International Human Solidarity Day: एकजुटता की ताकत, जानिए क्यों 20 दिसंबर इंसानियत का दिन है?
International Human Solidarity Day: हर साल 20 दिसंबर को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम सब अलग-अलग देशों, भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों से जरूर हैं, लेकिन इंसानियत के स्तर पर हम सब एक हैं। यही एकजुटता समाज को मजबूत बनाती है और दुनिया को बेहतर दिशा देती है।
एकजुटता का असली मतलब क्या है?
एकजुटता का मतलब सिर्फ साथ खड़े होना नहीं होता, बल्कि एक-दूसरे के दर्द को समझना और जरूरत के वक्त मदद के लिए आगे बढ़ना होता है। जब हम किसी दूसरे इंसान की परेशानी को अपनी परेशानी समझते हैं, तभी सच्ची एकजुटता पैदा होती है।
समाज में एकजुटता वही डोर है, जो लोगों को आपस में बांधती है। यही भावना हमें सिखाती है कि अगर किसी के पास कम है, तो जिसके पास ज्यादा है, उसे मदद करनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र क्यों देता है एकजुटता पर ज़ोर?
संयुक्त राष्ट्र की सहस्राब्दी घोषणा में एकजुटता को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सबसे अहम मूल्यों में से एक बताया गया है। इसमें साफ कहा गया है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी समस्याओं — जैसे गरीबी, भुखमरी, असमानता और सामाजिक अन्याय — से निपटने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा।
संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों का बोझ सिर्फ गरीब देशों या कमजोर लोगों पर नहीं डाला जाना चाहिए। जिनके पास संसाधन हैं, उन्हें आगे बढ़कर उन लोगों की मदद करनी चाहिए जो सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।
गरीबी उन्मूलन और एकजुटता का रिश्ता
संयुक्त राष्ट्र का विश्वास है कि जब समाज में एकजुटता की भावना मजबूत होती है, तभी गरीबी खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। जब लोग साझा करना सीखते हैं, एक-दूसरे के लिए जिम्मेदारी महसूस करते हैं, तब बदलाव संभव होता है।
इसी सोच के साथ संयुक्त राष्ट्र हर साल इस दिन गरीबी उन्मूलन से जुड़ी नई पहलों को बढ़ावा देता है और सरकारों को याद दिलाता है कि वे अपने अंतर्राष्ट्रीय वादों को निभाएं।
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस दिन दुनिया भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें सेमिनार, सम्मेलन, प्रस्तुतियाँ और गोलमेज चर्चाएं शामिल होती हैं। कई कार्यक्रम खास तौर पर इस बात पर केंद्रित होते हैं कि गरीबी और असमानता को कैसे कम किया जाए।
लेकिन इस दिन को मनाने के लिए किसी बड़े मंच या आयोजन की जरूरत नहीं होती। हर इंसान अपने स्तर पर भी इसमें हिस्सा ले सकता है।
आप इस दिन क्या कर सकते हैं?
- सबसे पहले यह सोचें कि एकजुटता आपके लिए क्या मायने रखती है।
- किसी ऐसे संगठन को दान करें, जो लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए काम कर रहा हो।
- अपने आसपास जरूरतमंद लोगों की मदद करने के तरीके खोजें।
- अगर आपके पास जरूरत से ज्यादा कपड़े, किताबें या सामान हैं, तो उन्हें दान करें।
- अपने समुदाय में ऐसे लोगों से जुड़ें जो समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हों।
- सोशल मीडिया पर इस दिन को #HumanSolidarityDay हैशटैग के साथ साझा करें, ताकि और लोग भी जागरूक हों।
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस का इतिहास
20 दिसंबर 2002 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व एकजुटता कोष की स्थापना की। फरवरी 2003 में इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत एक ट्रस्ट फंड के रूप में शुरू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना है, खासकर विकासशील देशों में।
इसके बाद 22 दिसंबर 2005 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एकजुटता को एक सार्वभौमिक मूल्य के रूप में मान्यता दी। यह तय किया गया कि इक्कीसवीं सदी में लोगों के आपसी रिश्तों की बुनियाद एकजुटता होनी चाहिए। इसी सोच के तहत हर साल 20 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस मनाने की घोषणा की गई।
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