Manoj Kumar: भारत कुमार कहे जाने वाले दिक्कत अभिनेता मनोज कुमार का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मनोज कुमार का मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में 3:30 बजे निधन हो गया। सोशल मीडिया पर कई अभिनेताओं ने मनोज कुमार को श्रद्धांजलि दी है, और कहां जा रहा है कि एक युग का अंत हो गया। परिवार की ओर से बताया गया है कि उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया कल सुबह 11 बजे जुहू स्थित उनके निवास से शुरू होगी और विले पार्ले के पवन हंस श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Bharat Kumar
Bharat Kumar को अपनी अदाकारी के लिए ही नहीं बल्कि देशभक्ति के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने देशभक्ति फिल्मों के जरिए भारतीय लोगों के दिलों में एक खास जगह बना ली। लोग Bharat Kumar को “Bharat Kumar” कहकर पुकारते हैं। मनोज कुमार अपने दौर के वह नेता है जिन्होंने दर्शकों के दिलों में देशभक्ति का दीपक जलाया था।
हार्ट अटैक के कारण हुआ निधन
सूत्रों के अनुसार मनोज कुमार को 21 फरवरी 2025 में अचानक बिगड़ी हुई तबीयत के कारण भर्ती कराया गया था। मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार , उन्हें हार्ट अटैक के बाद कार्डियोजेनिक शॉक आया था जिसके कारण उनकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कई समय से उनकी हालत अस्वस्थ थी, साथ ही लीवर की बीमारी के कारण उनकी हालत और भी नाजुक हो गई थी।
Manoj Kumar के बेटे ने दिया भावुक संदेश
आपको बता दे की मनोज कुमार के बेटे जिनका नाम कुणाल गोस्वामी है, ने कहा, पिताजी पिछले कुछ सालों से बीमार थे। उन्होंने बहुत शांति से दुनिया को अलविदा कहा। हमेश्वर का आभार है कि उनके अंतिम समय में कोई तकलीफ नहीं थी। हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे “।
फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने कहा
मनोज कुमार के निधन पर, अशोक पंडित ने कहा, “डाइजेश दादा साहेब फाल्या पुरस्कार विजेता, हमारे प्रेरणा और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के शेर, मनोज कुमार जी अब नहीं रहे। यह इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी शक्ति और पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी”।
बॉलीवुड में शोक की लहर
मनोज कुमार के निधन के बाद सिर्फ बॉलीवुड में नहीं बल्कि पूरे देश में दुख की लहर दौड़ गई है। मनोज कुमार की निधन की खबर सुनकर बॉलीवुड के कई अभिनेता जैसे, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा और अनुपम खेर समेत कई कलाकारों ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अमिताभ बच्चन ने कहा
“मनोज जी मेरे आदर्श हैं। उन्होंने फिल्मों के जरिए जो देश सेवा की, वह प्रेरणादायक है। भारत कुमार का जाना एक युग का अंत है”।
क्यों कहा जाता है मनोज कुमार को भारत कुमार?
मनोज कुमार एक दिग्गज अभिनेता ही नहीं बल्कि बहुत बड़े देशभक्त थे, जिन्होंने सिर्फ अभिनय ही नहीं किया बल्कि देशभक्ति को सिनेमा की मुख्य धारा में लेकर खड़ा कर दिया। मनोज कुमार की कई ऐसी फिल्में हैं जिन्हें लोग अभी भी याद करते हैं जैसे – शाहिद, उपकार, पूरब और पश्चिम, रोटी कपड़ा मकान, क्रांति।
इन सभी फिल्मों में अभिनेता ने कमाल की अधिकारी से लाखों दिनों में राज किया। उन्होंने किसी फिल्म में भगत सिंह के जीवन को दर्शाया, किसी फिल्म में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के ‘जय जवान जय किसान नारे को दर्शाया ‘ तो किसी फिल्म में आजादी की लड़ाई के बारे में बताया , इतना ही नहीं बल्कि रोटी कपड़ा मकान जून 1974 में आई थी, इस फिल्म में उन्होंने आम आदमी की समस्याओं की कहानी को बखूबी दर्शाया।
कैसे बने साधारण कलाकार से एक महानायक?
मनोज कुमार जी का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था। वह एबटाबाद में जन्मे थे। हालांकि बंटवारे के बाद उनके परिवार दिल्ली आकर बस गया। उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत 1957 फिल्म “फैशन” से शुरू की। इस मूवी में उन्होंने एक बूढ़े भिखारी का छोटा सा रोल किया था। लेकिन इसके बाद उन्होंने शाहिद, कांच की गुड़िया, हिमालय की गोद जैसे कई फिल्मों में काम कर और धीरे-धीरे एक महान अभिनेता बन गए।
सम्मान और पुरस्कार
मनोज कुमार को ऐसे काफी सम्मान मिल चुके हैं, और वह कई पुरस्कारों के विजेता भी रहे। हालांकि उन्होंने “राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार” पद्मश्री (1992) और 2015 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार जीतकर अपने फैंस का नाम ऊंचा कर दिया।
अब भारत कुमार हमारे बीच नहीं हैं – लेकिन उनके विचार, आवाज़ और फिल्में हमेशा रहेंगी
आज जब देश उन्हें अंतिम विदाई दे रहा है, तब एक ही बात दिल से निकलती है – सलाम भारत कुमार, आपने हमें सिखाया कि देश से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
मनोज कुमार का जाना एक युग का अंत है। लेकिन उनकी फिल्में, उनके विचार, और उनका देशभक्ति भरा अंदाज़ सदा अमर रहेगा।
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