One Nation one Election: वन नेशन वन इन्फेक्शन पर आज केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। इसकी घोषणा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘एक, देश एक चुनाव’ के अपने विचार को प्रकट किया था। वहीं संसद के शीतकाल सत्र के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई,आपको बता दें की पहली बार वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा 1999 में हुई थी और आज केंद्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दिया है ।
One Nation one Election: क्या है वन नेशन वन इलेक्शन
One Nation one Election: वन नेशन वन इलेक्शन का यह तात्पर्य है की देश में लोकसभा और सभी राज्य की विधानसभाओं के चुनाव एक ही साथ किए जाएं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के स्वतंत्रता दिवस के दिन इसका जिक्र किया था। और उसके बाद से भी कई बार भाजपा की तरफ से वन नेशन वन इन्फेक्शन की बात कही गई है। फिलहाल देश में आम चुनाव और विधानसभा चुनाव 5 साल में होते हैं जिसका प्रावधान भारतीय संविधान ने किया था। अलग-अलग राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अलग-अलग समय पर शुरू होता है और अलग-अलग समय पर खत्म होता है। और उसी के हिसाब से उस राज्य में विधानसभा चुनाव होते हैं, वहीं कुछ राज्य ऐसे भी है जहां विधानसभा लोकसभा चुनाव दोनों ही एक साथ होते हैं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम जैसे राज्य शामिल थे। वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना,छत्तीसगढ़ और मिजोरम जैसे राज्य के चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले हुए तो वही लोकसभा चुनाव खत्म होने के 6 महीने के भीतर हरियाणा, जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए।
One Nation one Election: कितने प्रतिशत सुझाव आए पक्ष में
One Nation one Election: कोविंद समिति का गठन 2 सितंबर 2023 में हुआ था । समिति ने 191 दिन तक राजनीतिक दलों और विभिन्न हितधारकों के साथ विचार विमर्श के बाद 18,626 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार की। जिसमें 8 सदस्य समिति में आम लोगों से भी राय ली थी। वहीं आम लोगों की तरफ से 21,558 सुझाव प्राप्त हुए थे और 47 राजनीतिक दलों ने भी अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत किए थे । जिनमें से 32 ने इसका समर्थन किया वही कल 80% सुझाव ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के पक्ष में आया।
One Nation one Election: इन राज्यों की विधानसभाओ का कम हो सकता है कार्यकाल
One Nation one Election: यदि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ लागू किया गया तो उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड का वर्तमान कार्यकाल 3 से 5 महीने घट सकता है।
वहीं गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा का कार्यकाल 13 से 17 महीने घट जाएगा ।
और असम ,केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी मौजूदा कार्यकाल कम होगा ।
One Nation one Election: कोविंद कमेटी ने क्या कुछ कहा
One Nation one Election: सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2021 तक बढ़ाया जाए ।
पहले फेस में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराया जा सकते हैं दूसरे फेस में 100 दिनों के अंदर निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
हंग असेंबली नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराया जा सकते हैं।
इलेक्शन कमिशन लोकसभा विधानसभा इलेक्शन कमीशन लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों की सलाह से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार कर सकता है। कोविंद पैनल ने एक साथ चुनाव कराने के लिए डिवाइसों, मैन पावर और सिक्योरिटी फोर्स की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश भी की है।
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