
Piyush Sachdev and Narendra Mann: मुंबई आतंकी हमले का प्रमुख आरोपी ताहववुर राणा अमेरिका से प्रत्यर्पित करके भारत लाया जा चुका है। आज उसे दिल्ली लाया गया, जिसके बाद राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। यहां कोर्ट ने एनआईए को उसे 18 दिनों की कस्टडी में रखने का निर्देश दिया। अब राणा के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू होने वाली है, जिसमें बचाव और अभियोजन दोनों पक्षों की ओर से अनुभवी वकील कोर्ट में दमदार दलीलें पेश करेंगे। ताहववुर राणा का पक्ष दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त वकील पीयूष सचदेवा संभाल रहे हैं, वहीं एनआईए की ओर से नरेंद्र मान विशेष लोक अभियोजक के रूप में अपनी दलीलें पेश करेंगे। आइए जानते हैं इन दोनों वकीलों के बारे में विस्तार से।
Piyush Sachdev and Narendra Mann: कौन हैं पीयूष सचदेवा?
पीयूष सचदेवा एक अनुभवी और प्रतिभाशाली वकील हैं। उन्होंने दिल्ली में पिछले एक दशक से अधिक समय से वकालत की है। दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण ने ताहववुर राणा जैसे संवेदनशील और जटिल केस के लिए उनका चयन किया है, जो उनकी कानूनी विशेषज्ञता का प्रमाण है।
उन्होंने 2011 में पुणे के प्रतिष्ठित आईएलएस लॉ कॉलेज से अपनी लॉ की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने लंदन के किंग्स कॉलेज से इंटरनेशनल बिजनेस और कमर्शियल लॉ में मास्टर की डिग्री हासिल की, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून के क्षेत्र में गहरी समझ प्राप्त हुई।
Piyush Sachdev and Narendra Mann: डीएलएसए में पीयूष सचदेवा को क्यों दी गई ये जिम्मेदारी?
पीयूष सचदेवा का वकालत करियर आपराधिक और हाई-प्रोफाइल मामलों से जुड़ा रहा है। वह जटिल कानूनी प्रक्रियाओं को बेहद बारीकी से समझते हैं और कई बार कोर्ट में अपनी दमदार दलीलों से सुर्खियाँ बटोर चुके हैं।
उनकी नियुक्ति इसलिए भी की गई क्योंकि राणा ने कोर्ट में बताया कि उसके पास कोई निजी वकील नहीं है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 के तहत हर आरोपी को कानूनी प्रतिनिधित्व का अधिकार है, इसी वजह से पीयूष सचदेवा को यह जिम्मेदारी दी गई है। उनके साथ लक्ष्य धीमान वकील के रूप में कार्य कर रहे हैं। लक्ष्य, साइबर क्राइम और वाइट कॉलर अपराधों के जानकार माने जाते हैं।
Piyush Sachdev and Narendra Mann: कौन हैं नरेंद्र मान, जो कोर्ट में एनआईए का पक्ष रखेंगे?
ताहववुर राणा के विरुद्ध केस लड़ने की जिम्मेदारी एनआईए की ओर से नरेंद्र मान को सौंपी गई है। केंद्र सरकार ने उन्हें 3 वर्षों के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है।
नरेंद्र मान 58 वर्षीय एक जाने-माने वकील हैं। उनका अनुभव आपराधिक और संवेदनशील मामलों में बेजोड़ रहा है। उन्होंने पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए भी विशेष लोक अभियोजक के रूप में कई हाई-प्रोफाइल मुकदमे लड़े हैं। विशेष रूप से 2018 के कर्मचारी चयन आयोग पेपर लीक मामले में उनकी दलीलें चर्चा में रही थीं।
Piyush Sachdev and Narendra Mann: एनआईए ने नरेंद्र मान को क्यों चुना?
एनआईए ने नरेंद्र मान को उनकी कानूनी समझ और कोर्ट में प्रभावशाली तर्क प्रस्तुत करने की क्षमता के चलते चुना है।
उनके साथ ज्ञान कृष्णा, जो एक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, और संजीव सिसोदिया जैसे अनुभवी वकील भी एनआईए की टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
ज्ञान कृष्णा ने कहा कि ताहववुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी कोर्ट में भारत का पक्ष भी उन्होंने ही रखा था, और अब दिल्ली में इस केस को आगे बढ़ाने का कार्य भी वही करेंगे।