
Vinesh Phogat का बड़ा फैसला: सरकारी नौकरी नहीं, चुना 4 करोड़ कैश!
हरियाणा की मशहूर पहलवान और अब जुलाना से कांग्रेस विधायक बनीं Vinesh Phogat एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है उनका वह साहसिक फैसला, जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा सम्मानस्वरूप दिए गए तीन बड़े विकल्पों में से ₹4 करोड़ रुपये की नगद राशि को चुनना बेहतर समझा। यह निर्णय सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, बल्कि उनकी सोच, प्राथमिकताओं और जिम्मेदारियों को भी दर्शाता है।
क्यों मिला Vinesh Phogat को यह सम्मान?
Vinesh Phogat भारत की उन चुनिंदा महिला पहलवानों में से हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है। हालांकि, पिछले साल हुए ओलंपिक खेलों में वह विवादों में घिर गई थीं। दरअसल, वह 50 किलोग्राम की कैटेगरी में रेसलिंग मुकाबले के फाइनल से पहले 100 ग्राम अधिक वजन के कारण डिस्क्वॉलिफाई हो गई थीं। इस घटना से खेल प्रेमियों को गहरा झटका लगा था।
लेकिन विनेश की मेहनत, संघर्ष और देश के प्रति समर्पण को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट के बराबर सम्मान देने की घोषणा की थी। सरकार ने यह साफ किया था कि उनके योगदान को किसी भी तरह से कम नहीं आंका जाएगा।
सरकार की ओर से दिए गए तीन विकल्प
हरियाणा सरकार की स्टेट स्पोर्ट्स पॉलिसी के अंतर्गत विनेश फोगाट को तीन विकल्प दिए गए:
- ₹4 करोड़ रुपये की नगद पुरस्कार राशि
- ग्रुप-A की सरकारी नौकरी
- कीमती प्लॉट (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के तहत)
Vinesh Phogat ने क्यों चुना कैश प्राइज?
Vinesh Phogat ने खेल विभाग को एक पत्र लिखकर सूचित किया कि उन्होंने ₹4 करोड़ की नगद राशि को चुनने का निर्णय लिया है। इस फैसले के पीछे कई अहम कारण हैं।
1. विधायक होने के कारण नहीं ले सकतीं सरकारी नौकरी
वर्तमान में विनेश हरियाणा विधानसभा में जुलाना सीट से विधायक हैं। ऐसे में नियमों के अनुसार वह किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी स्वीकार नहीं कर सकतीं।
2. संपत्ति पर स्वयं का नियंत्रण
तीसरे विकल्प यानी प्लॉट की तुलना में नगद पुरस्कार उन्हें अधिक लचीलापन देता है। वह अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी संपत्ति खरीद सकती हैं, जो उनके लिए एक व्यावहारिक विकल्प साबित होता है।
राजनीति में भी कायम है दबदबा
खेल के मैदान में परचम लहराने वाली विनेश फोगाट ने राजनीति में भी शानदार एंट्री की है। ओलंपिक के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन की और जुलाना विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बनीं। इसके साथ ही उन्होंने महिला पहलवानों के हक की लड़ाई में भी बड़ी भूमिका निभाई है। भारतीय कुश्ती महासंघ से जुड़े मामलों में वह सबसे मुखर आवाज़ों में से एक रही हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था, “हम Vinesh Phogat के योगदान को कभी नजरअंदाज नहीं कर सकते। वह हमारे राज्य की शान हैं और उनका यह सम्मान हर युवा खिलाड़ी को प्रेरित करेगा।” सरकार ने अपने वादे के मुताबिक तेजी से कार्रवाई करते हुए विनेश को तीनों विकल्पों में से चुनाव का अधिकार दिया।
फोगाट परिवार की प्रतिक्रिया
फोगाट परिवार के एक सदस्य ने मीडिया से बातचीत में कहा, “विनेश ने मंगलवार को ही सरकार को अपने फैसले की जानकारी दे दी थी। यह सम्मान सिर्फ विनेश के लिए नहीं, बल्कि देशभर की उन बेटियों के लिए भी एक प्रेरणा है जो खेलों के जरिए अपनी पहचान बनाना चाहती हैं।”