
तमिलनाडु में नए Pamban Railway Bridge पर जंग: क्या भविष्य में होगा असर?
तमिलनाडु में समुद्र पर बने नए Pamban Railway Bridge के पिलरों पर जंग लगने की खबर सामने आई है। जानें क्या असर पड़ेगा और कैसे रेल विकास निगम इसे ठीक करने की योजना बना रहा है।
नई उम्मीदों के साथ खुला Pamban Railway Bridge, लेकिन अब जंग की चुनौती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 6 अप्रैल 2025 को उद्घाटन किए गए पंबन रेलवे ब्रिज का नाम अब सुर्खियों में है, लेकिन इस ब्रिज की सफलता पर सवाल उठने लगे हैं। समुद्र के ऊपर बने इस ब्रिज के पिलरों पर अब जंग लगने की समस्या सामने आ रही है। हालांकि, यह जंग केवल मेटल कवर है, जिसे पुल निर्माण के दौरान इस्तेमाल किया गया था, लेकिन क्या यह समस्या भविष्य में बड़ा मुद्दा बनेगी? आइए जानते हैं पूरी जानकारी और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
क्यों शुरू हुई जंग लगने की समस्या?
तमिलनाडु में समुद्र के ऊपर बने पंबन रेलवे ब्रिज के उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद, इस पुल के पिलरों पर जंग की समस्या देखने को मिली। यह ब्रिज एशिया का पहला हाइड्रोलिक लिफ्ट रेलवे ब्रिज है, जो समुद्र के रास्ते जहाजों के निकलने के लिए बनवाया गया है। इस ब्रिज के पिलरों में दिख रही जंग को लेकर कई लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने इसे मेटल कवर बताया है, जो कंक्रीट पिलर के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया गया था।
RVNL के प्रवक्ता ने यह स्पष्ट किया कि जब यह मेटल कवर पिलर पर लगाया गया था, तब उसे हटा देना चाहिए था, लेकिन किसी कारणवश इसे छोड़ दिया गया। इसके बावजूद, वे यह भी कहते हैं कि इससे पुल की संरचना पर कोई खतरा नहीं होगा।
Pamban Railway Bridge की विशेषताएँ
इस पुल के बारे में यह कहा जा सकता है कि यह इंजीनियरिंग का एक अद्भुत उदाहरण है। पंबन ब्रिज का एक हिस्सा 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है, ताकि समुद्र के रास्ते से जहाजों का परिचालन निर्बाध रूप से चलता रहे। पुल के डिज़ाइन को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की ट्रेन गति के हिसाब से तैयार किया गया था, हालांकि, सुरक्षा कारणों से रेलवे ने ट्रेनों को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने की अनुमति दी है।
यह ब्रिज जोन-5 स्तर के भूकंप के दौरान भी सुरक्षित रहेगा और 58 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज हवाओं के बावजूद ट्रेन संचालन जारी रहेगा।
पुल की उम्र: इस ब्रिज की उम्र लगभग 100 साल से अधिक बताई गई है, और इसे ऐसे पेंट से सजाया गया है जो इसे 40 साल तक सुरक्षित रखेगा।
Pamban Railway Bridge: इंजीनियरिंग का नायाब नमूना
नए पंबन ब्रिज के उद्घाटन के साथ ही यह सवाल उठने लगा है कि पुराना पंबन ब्रिज भी कम महत्वपूर्ण नहीं था। 1914 में बनाए गए इस ब्रिज ने 108 सालों तक सेवा दी। जबकि नया पुल 100 साल तक सुरक्षित रहने का दावा करता है, पुराना ब्रिज ने अपनी उम्र पूरी की, फिर भी उसका संरचनात्मक हिस्सा अब भी मजबूती से खड़ा है।
यह सोचने वाली बात है कि जब पुराने ब्रिज का निर्माण हुआ था, तब ऐसे आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं थे, जिनसे पुल की मजबूती सुनिश्चित की जा सके। लेकिन आज भी उस ब्रिज का नीचे का स्ट्रक्चर मजबूत है, जो जंग से प्रभावित हुआ था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुराने ब्रिज की कार्यक्षमता भी इंजनियरिंग के दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
क्या Pamban Railway Bridge पर जंग एक बड़ी समस्या बनेगी?
बेशक, पंबन ब्रिज पर जंग की समस्या एक चिंताजनक बात हो सकती है, लेकिन इससे निपटने के लिए रेल विकास निगम पहले ही उपायों पर विचार कर रहा है। ब्रिज के पिलरों पर लगी जंग का मुख्य कारण समुद्र के पास स्थित होने और नम हवा का प्रभाव हो सकता है। लेकिन इस समस्या को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों की टीम तैयार है। रेलवे विभाग का कहना है कि वे जल्द ही इस मामले पर विचार करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे।