
Rajnath Singh speech: ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में गरजी आवाज़, आतंकवाद के खिलाफ भारत का सुदर्शन चक्र!
Rajnath Singh speech: 28 जुलाई को लोकसभा में जब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई, तो सदन में माहौल भावनात्मक भी था और मजबूत भी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए एक ऐतिहासिक भाषण दिया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के उदाहरण से समझाया कि जब धर्म, न्याय और शांति पर हमला हो, तो “सुदर्शन चक्र” उठाना ही पड़ता है। उनका यह बयान साफ संकेत था कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ बातें नहीं करता, बल्कि निर्णायक कार्रवाई भी करता है।
धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र
राजनाथ सिंह ने कहा की “हमें भगवान श्रीकृष्ण से सीखना चाहिए। जब अधर्म बढ़ता है, जब अत्याचार की सीमा पार होती है, तो धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना पड़ता है।”
उन्होंने एक संस्कृत श्लोक “शठे शाठ्यं समाचरेत्” का भी उल्लेख किया, जिसका अर्थ है – दुष्ट के साथ उसी तरह का व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत सहन किया – 2006 का संसद हमला, 2008 का मुंबई हमला, लेकिन अब और नहीं। अब भारत ने भी “सुदर्शन चक्र” उठा लिया है।
भारत अब चुप नहीं बैठता
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत पहले की तरह अब सिर्फ बयान जारी नहीं करता, बल्कि सटीक, तेज़ और निर्णायक जवाब देता है।
उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा –
“अगर हम शांति के लिए हाथ बढ़ाना जानते हैं, तो आतंक फैलाने वालों के हाथ उखाड़ना भी जानते हैं।”
यह बयान केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं था, बल्कि भारत की बदलती सुरक्षा नीति और आक्रामक रुख का संकेत था।
आतंक के खिलाफ भारत की नई लड़ाई
राजनाथ सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की लड़ाई केवल सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि वैचारिक मोर्चे पर भी जारी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह समिति अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष रख रही है और वैश्विक समर्थन जुटा रही है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और आभार
रक्षा मंत्री ने देश और विदेश में उन सभी प्रतिनिधिमंडलों का आभार जताया, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दुनिया भर में पहुँचाने में मदद की। उन्होंने बताया कि यह समर्थन सिर्फ सरकार का नहीं, पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
ऐतिहासिक भूल की याद
राजनाथ सिंह ने विपक्ष की आलोचना करते हुए 2009 के शर्म-अल-शेख समझौते को भारत की रणनीतिक कमजोरी बताया। उन्होंने कहा कि उस समय कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान को आतंकवाद से अलग कर बातचीत का मौका दे दिया, जो भारत की सुरक्षा नीति के लिए एक बड़ी गलती थी।
पाकिस्तान की सच्चाई: एक फेल्ड स्टेट
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को लेकर बेहद सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा:“पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो झूठ और दोहरे मापदंडों पर टिका है। अब वह एक ‘फेल्ड स्टेट’ (विफल राष्ट्र) की तरह नज़र आ रहा है।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जानता है कि वो भारत से सीधे युद्ध में जीत नहीं सकता, इसलिए उसने आतंकवाद को हथियार बना लिया है।
आतंकवाद: एक सुनियोजित टूलकिट
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद कोई पागलपन नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना और ISI इसे एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। यह केवल भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की सभ्यता, शांति और मानवता के खिलाफ साजिश है।
सभ्यता बनाम बर्बरता का संघर्ष
रक्षा मंत्री ने कहा की “यह सिर्फ सीमाओं का विवाद नहीं है, यह संघर्ष है – सभ्यता बनाम बर्बरता का। पाकिस्तान आतंक को पालता है, उसे प्रशिक्षण देता है और फिर दुनिया के सामने खुद को निर्दोष दिखाता है।”
उन्होंने कहा कि भारत अब इस झूठ को और सहन नहीं करेगा। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने पूरी दुनिया को संदेश दे दिया है – “हम अब चुप नहीं बैठेंगे”।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की नई सोच और नीति का प्रतीक है। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान इस बात की पुष्टि करता है कि भारत अब न सिर्फ आतंकवाद को सहन नहीं करेगा, बल्कि उसे जड़ से खत्म करने का संकल्प भी ले चुका है।
यह भी पढ़े