
Uttarakhand Panchayat election: उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक! जानिए पूरा मामला
Uttarakhand Panchayat election: उत्तराखंड हाइकोर्ट द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी गई हैं। आरक्षण नियमावली की अधिसूचना जारी नहीं होने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर लगाई गई रोक
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हेतु निर्धारित किये गए आरक्षण के रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। इस मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की बेंच ने आरक्षण को नियमों के तहत तय नहीं पाते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। साथ में सरकार से जवाब भी मांगा है। बीते शुक्रवार को कोर्ट ने राज्य सरकार से स्थिति से अवगत कराने को कहा था। लेकिन राज्य सरकार आज स्थिति से अवगत कराने में असफल रही है। कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने चुनाव की तिथि निकाल दी। जबकि मामला कोर्ट में चल रहा है। जिस पर कोर्ट ने पूरी चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
कौन है याचिकाकर्ता?
मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि सरकार ने 9 जून 2025 को एक आदेश जारी कर पंचायत चुनाव हेतु नई नियमावली बनाई। साथ ही 11 जून को आदेश जारी कर अब तक पंचायत चुनाव हेतु लागू आरक्षण रोटशन को शून्य घोषित करते हुए इस वर्ष से नया रोटशन लागू करने का निर्णय लिया है। जबकि हाईकोर्ट ने पहले से ही इस मामले में दिशा निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
याचिकाकर्ता के अनुसार इस आदेश से पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग में थी वह चौथी बार भी आरक्षित कर दी गई है। जिस वजह से ये पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं ले पा रहे है। इस मामले में सरकार की तरफ से बताया गया कि इसी तरह के कुछ मामले एकलपीठ में भी दायर हैं। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि उन्होंने खण्डपीठ में 9 जून को जारी नियमों को भी चुनौती दी है। जबकि एकलपीठ के समक्ष केवल 11 जून के आदेश जिसमें अब नए सिरे से आरक्षण लागू करने का उल्लेख है, को चुनौती दी गई है।
अधिसूचना में क्या कहा गया है?
जो अधिसूचना जारी की गई थी, उसके अनुसार उत्तराखंड के हरिद्वार जिले को छोड़कर अन्य 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने थे। उत्तराखंड शासन की ओर से चुनावी कार्यक्रम की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को प्रेसवार्ता को संबोधित किया था।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया था कि राज्य सरकार की ओर से आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग को भी भेज दी गई थी। ऐसे में पंचायती राज सचिव की ओर से चुनावी अधिसूचना 21 जून को जारी होने के बाद आज 23 जून को जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव की सूचना जारी करनी थी। लेकिन उसके पहले ही आज नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों पर रोक लगा दी है।
चुनाव की नियमावली
पंचायत चुनाव के लिए जो कार्यक्रम घोषित किया गया था, उसके अनुसार 25 से 28 जून तक नामांकन होने थे। 29 जून से 1 जुलाई तक नामांकन पत्रों की जांच होनी थी। 2 जुलाई को नाम वापसी की अंतिम तिथि थी। 3 जुलाई को चुनाव चिन्ह का आवंटन होना था।
10 जुलाई को पहले चरण का मतदान था। 8 जुलाई को दूसरे चरण के लिए चुनाव चिन्ह का आवंटन करना था। 15 जुलाई को दूसरे चरण का मतदान होना था। 19 जुलाई को मतगणना के साथ चुनाव परिणाम आना था।
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