
Women police trainees protest: पानी-बिजली की कमी और कैमरे के शक में महिला सिपाही सड़क पर
Women police trainees protest: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित 26वीं पीएसी वाहिनी में उस समय हड़कंप मच गया, जब ट्रेनिंग ले रही करीब 600 महिला सिपाहियों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि ट्रेनिंग कैंप में न तो पानी की व्यवस्था है, न बिजली, और सबसे चिंताजनक बात ये है कि बाथरूम के पास कैमरे लगे होने का शक भी उन्हें है।
इस घटना ने पूरे प्रशासन को हिला कर रख दिया और कुछ ही देर में अधिकारी मौके पर पहुंचे। महिला सिपाहियों की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया और समाधान का भरोसा देकर मामला शांत कराया गया।
क्या है पूरा मामला?
गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र में स्थित 26वीं पीएसी वाहिनी में महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग चल रही है। बताया जा रहा है कि बुधवार की सुबह अचानक सभी महिला सिपाही गेट के बाहर आकर सड़क पर बैठ गईं और प्रदर्शन शुरू कर दिया।
उनका कहना था कि:
- ट्रेनिंग कैंप में पानी की बेहद कमी है। एक सिपाही को दिनभर में सिर्फ आधा लीटर पानी मिल रहा है।
- बिजली बार-बार जाती है, जिससे रात को नींद पूरी नहीं हो पाती।
- सुबह जल्दी उठकर परेड के लिए जाना होता है, लेकिन रात में आराम नहीं मिल पाता।
- बाथरूम के पास सीसीटीवी कैमरा लगा होने का शक भी जताया गया, जिसे उन्होंने निजता का हनन बताया।
महिला सिपाहियों की दर्दभरी आपबीती
प्रदर्शन कर रहीं सिपाहियों ने बताया कि ट्रेनिंग शुरू हुए अभी सिर्फ दो दिन हुए हैं और इस दौरान ही इतने बुरे हालात का सामना करना पड़ रहा है।
एक सिपाही ने कहा:
“हम अपनी पूरी ताकत और समर्पण से देश सेवा के लिए आई हैं, लेकिन यहां तो पीने का पानी तक नसीब नहीं है। बाथरूम तक सुरक्षित नहीं लग रहा।”
हद तो तब हो गई जब एक महिला सिपाही प्रदर्शन के दौरान बेहोश होकर गिर पड़ी। इसके बाद मामला और गंभीर हो गया और अफसर तुरंत हरकत में आए।
कैमरे को लेकर गंभीर आरोप
महिला सिपाहियों ने सबसे ज्यादा चिंता सीसीटीवी कैमरे को लेकर जताई। उन्होंने बताया कि बाथरूम की दिशा में एक कैमरा लगा हुआ है, जिससे उनकी निजता भंग हो रही है।
हालांकि अधिकारियों ने साफ किया कि:
- कैमरा बाथरूम के अंदर या सामने नहीं, बल्कि रास्ते की निगरानी के लिए लगाया गया है।
- महिला सिपाहियों की आशंका को देखते हुए उस कैमरे को हटाने या दिशा बदलने पर विचार किया जा रहा है।
प्रशासन हरकत में आया
जैसे ही ये मामला सामने आया, कमांडेंट आनंद कुमार और सीओ दीपांशी राठौर मौके पर पहुंचे। उन्होंने महिला सिपाहियों की बात सुनी और हर एक समस्या का समाधान जल्द करने का भरोसा दिलाया।
कमांडेंट आनंद कुमार ने कहा:
ट्रेनिंग में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। हम महिला सिपाहियों की सभी समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं। जल्द ही स्थिति सुधार दी जाएगी।”
समस्याएं जो सामने आईं
1. पानी की भारी कमी– गर्मी में भी हर सिपाही को आधा लीटर पानी मिल रहा है, जो बहुत कम है।
2. बिजली की अनियमितता – रात में बिजली न होने से सिपाही ठीक से आराम नहीं कर पा रहीं।
3. सीसीटीवी कैमरा– बाथरूम के पास कैमरा होने का शक, जिससे निजता को खतरा महसूस हो रहा है।
4. सुनवाई की कमी – शिकायतों के बावजूद पहले कोई सुनवाई नहीं हुई, इसलिए प्रदर्शन करना पड़ा।
क्या कहता है ये मामला?
यह घटना सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि महिला सशक्तिकरण और ट्रेनिंग के नाम पर चल रही व्यवस्थाओं की असलियत को सामने लाने वाली घटना थी।
जब देश की रक्षा और कानून व्यवस्था संभालने के लिए महिलाएं आगे आ रही हैं, तो उन्हें सुरक्षित, सम्मानजनक और बेहतर वातावरण देना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
समाप्ति में एक बड़ा सवाल…
गोरखपुर की ये घटना कई सवाल खड़े करती है:
- क्या ट्रेनी महिला सिपाहियों की आवाज़ सिर्फ हंगामे के बाद ही सुनी जाएगी?
- अगर ये हंगामा नहीं होता, तो क्या प्रशासन जागता?
- क्या ट्रेनिंग कैंपों की निगरानी के नाम पर निजता से समझौता होगा?
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इस घटना को चेतावनी मानते हुए अन्य प्रशिक्षण केंद्रों की व्यवस्था की भी समीक्षा करे।
ये भी जानें:
- ट्रेनिंग के दौरान हर सिपाही को पर्याप्त सुविधाएं, सुरक्षा और सम्मान मिलना चाहिए।
- सीसीटीवी कैमरा जैसी व्यवस्थाएं यदि जरूरी भी हैं, तो निजता का सम्मान सबसे पहले होना चाहिए।
- महिला सिपाहियों को अपनी बात कहने के लिए हंगामा करना पड़े, ये हमारे सिस्टम की विफलता है।
अगर आप महिला सुरक्षा और अधिकारों के पक्षधर हैं, तो इस खबर को शेयर करें और आवाज़ बनें उन सिपाहियों की, जो देश की रक्षा से पहले अपने लिए इज्ज़त मांग रही हैं।
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