
World AIDS Vaccine day : एड्स का इलाज नहीं, पर रोकथाम मुमकिन है!
World AIDS Vaccine Day: एड्स एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो व्यक्ति की जान ले लेती है। एड्स ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस ( HIV) के कारण होने वाली एक गंभीर बीमारी है। आपको बता दे की जहां हमारी साइंस इतनी आगे बढ़ चुकी है, जिसने कैंसर तक का भी इलाज निकाल लिया है, पर वह अभी तक एड्स जैसी बीमारी का इलाज नहीं निकल पाई है। एड्स जैसे बीमारियों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराई जाती है। एड्स की वैक्सीन की महत्वता के लिए हर साल 18 मई को वर्ल्ड इट्स वैक्सीन डे मनाया जाता है।
वर्ल्ड ऐड्स वैक्सीन डे
हर साल 18 मई को वर्ल्ड’ एड्स वैक्सीन डे मनाया जाता हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को इस गंभीर बीमारी के बारे में सभी लोगों को जागृत करना, क्योंकि यह कैसे बीमारी है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है।
विश्व एड्स वैक्सीन डे का इतिहास
विश्व एड्स वैक्सीन डी की शुरुआत साल 1998 में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एलर्जी और इनफेक्शियस डिजीज यानी “NIAID” द्वारा हुई थी।
विश्व एड्स वैक्सीन डे HIV वैक्सीन विकसित करने के लिए तत्कालीन संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के आवाहन की याद दिलाता है। बिल क्लिंटन ने साल 1997 में मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में अपने भाषण ने एड्स के लिए एक वैक्सीन विकसित करने की जागरूकता के बारे में बात किया।
विश्व एड्स वैक्सीन दिवस का महत्व
एड्स एक ऐसी समस्या है जिसका अभी तक कोई निवारण नहीं है। अभी भी ऐसे कई लोग हैं जो इस गंभीर समस्या के बारे में जागृत नहीं है। विश्व एड्स वैक्सीन दिवस का मकसद लोगों में जागरूकता फैलाना है। इस दिन ने एचआईवी वैक्सीन की जरूरत और इसकी रिसर्च पर ध्यान देने की प्रेरणा दी है। इसके अलावा वर्ल्ड इट्स वैक्सीन दिवस कई लाखों करोड़ों लोगों को श्रद्धांजलि देता है जो इस बीमारी से ग्रस्त है और जिनकी मूल्यवान जिंदगी खत्म हो गई है। विश्व एड्स वैक्सीन दिवस के बारे में लोगों को शिक्षा और इसके बारे में पहले ब्राह्मण को दूर करने का एक बहुत अच्छा अवसर प्रदान करती है।
एचआईवी वायरस क्या है?
यह एक ऐसा वायरस है जो, शरीर में प्रवेश करने के बाद शरीर की अंदर बीमारियों से लड़ने करने वाली कोशिकाओं पर हमला करने लगता है। जो भी व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित होता है उसकी शरीर की क्षमताएं कमजोर होने लगती है। ऐसे व्यक्ति को अगर छोटी सी बीमारी जैसे जुकाम या बुखार भी हो जाए, तो वह ठीक होने में काफी समय लग जाता है, क्योंकि एचआईवी संक्रमण शरीर की मदद करने वाली कोशिकाओं को खत्म करने लगता है।
जिस व्यक्ति को एचआईवी होता है उसकी इम्युनिटी पावर बहुत कम होती है, वह व्यक्ति किसी भी बीमारी से लड़ने में सक्षम नहीं होता। अगर ऐसे व्यक्ति को कोई बीमारी हो जाए जैसे, टाइफाइड डेंगू मलेरिया, तो ऐसे व्यक्ति के बचने के चांसेस काफी कम होते हैं। काफी लोग तो मौत को प्यार भी हो जाते हैं।
कैसे होती है यह बीमारी?
HIV एक ऐसा संक्रमण है, जो तब फैलता है जब हम किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, जिस व्यक्ति को पहले से ही एचआईवी या एड्स होता है।
अगर हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बना लेते हैं जो एचआईवी से ग्रस्त है, तो काफी चांसेस है कि यह बीमारी आपको भी हो जाए। आसान भाषा में कहे तो यह बीमारी खून में होती है, अगर हम किसी भी प्रकार से एचआईवी ग्रस्त व्यक्ति के डीएनए के संपर्क में आ जाते हैं तो यह बीमारी हमको पक्का हो सकती है।
HIV बीमारी से जुड़े भ्रम!
आज जब काफी लोग एचआईवी बीमारी के लिए जागरूक हो गए हैं, तो ऐसे में कई सारे ऐसे लोग हैं जिनके मन में इस संक्रमण को लेकर कई सारे भ्रम हैं। जैसे_
कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि अगर वह एचआईवी ग्रस्त लोगों का झूठा खा लेंगे तो उनको भी यह बीमारी हो जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि कुछ लोगों को तो यह भी लगता है कि हाथ मिलाने से, गले मिलने से, एक साथ बैठने से, एक साथ खाना खाने से भी यह बीमारी फैल जाएगी, हालांकि यह सब भ्रम की बातें हैं, बल्कि यह बीमारी संपर्क में आने से फैलती है। अगर किसी संक्रमित व्यक्ति का डीएनए आपके शरीर में आ जाए तभी यह बीमारी आपको हो पाएगी।
कैसे करें बचाव?
- अगर आप अपने पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं , तो पहले इस बात की पुष्टि जरूर करें की कहानी आपका पार्टनर एचआईवी या एड्स से ग्रस्त तो नहीं।
- अपने पार्टनर के साथ इंटिमेट होने से पहले कंडोम या प्रोटेक्शन का उपयोग जरूर करें।
- अगर आप अपने शरीर में टैटू बनवाने के शौकीन है, तो इस बात का ध्यान रखें की हमेशा किसी प्रोफेशनल के पास से ही करवाए। ध्यान रहे की टैटू बनवाने से भी एचआईवी के चांसेस काफी बढ़ जाते हैं, क्योंकि उसे मशीन में किसी और व्यक्ति का पहले से ही खून लगा हो , और वह व्यक्ति एचआईवी से पीड़ित हो तो समस्या हो सकती है। अगर आप भी इस मशीन से टैटू गुदवा आएंगे जिस किसी संक्रमित व्यक्ति को टैटू किया था, तो डीएनए आपके अंदर ट्रांसफर हो सकता है और आप भी पीड़ित हो सकते हैं।
- मच्छर से बचे। अगर एक मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काटकर आपके पास आया है तो इससे भी काफी ज्यादा चांसेस है कि आपको भी हो जाए।
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