
World Youth Skills Day 2025: एआई और डिजिटल कौशल के ज़रिए युवा सशक्तिकरण
World Youth Skills Day 2025: हर साल 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य युवाओं को इस तेज़ी से बदलती दुनिया में आगे बढ़ने के लिए ज़रूरी कौशल (skills) से लैस करना है। 2025 की थीम है:
“एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण”
यानि AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और डिजिटल स्किल्स के जरिए युवाओं को एक बेहतर भविष्य के लिए तैयार करना।
क्यों मनाया जाता है यह दिन?
आज के समय में युवाओं को सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि ऐसे कौशलों की ज़रूरत है जो उन्हें रोजगार दिला सकें और आत्मनिर्भर बना सकें।
भारत जैसे देश में, जहां 50% से ज़्यादा आबादी 25 साल से कम उम्र की है, वहां युवा ही भविष्य हैं। लेकिन बेरोजगारी, कमज़ोर शिक्षा व्यवस्था और तकनीकी बदलावों के कारण कई युवा पीछे छूट जाते हैं।
विश्व युवा कौशल दिवस इन सभी समस्याओं की तरफ ध्यान खींचता है और दुनिया को यह समझाने की कोशिश करता है कि अगर युवाओं को सही दिशा, प्रशिक्षण और अवसर दिए जाएं, तो वे देश और दुनिया को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
कब और कैसे हुई शुरुआत?
11 नवंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस घोषित किया। इस प्रस्ताव की शुरुआत श्रीलंका ने की थी और कई देशों ने इसका समर्थन किया।
पहला आयोजन 2015 में हुआ और तब से हर साल यह दिन खास तरीके से मनाया जाता है।
इसका सीधा संबंध 2030 के सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) से है, जिनमें सबको अच्छी शिक्षा और सम्मानजनक रोजगार देने की बात कही गई है।
क्या है 2025 की थीम?
इस साल की थीम है –
“Empowering Youth Through AI and Digital Skills”
यानि “एआई और डिजिटल कौशल के माध्यम से युवा सशक्तिकरण”।
आज तकनीक हर क्षेत्र में तेज़ी से बदल रही है। अब नौकरी पाने या खुद का बिज़नेस शुरू करने के लिए युवाओं को चाहिए:
- कंप्यूटर चलाना आना चाहिए
- इंटरनेट और मोबाइल ऐप्स की समझ होनी चाहिए
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे नए टूल्स का इस्तेमाल आना चाहिए
अगर ये स्किल्स युवाओं को सिखाए जाएं तो वे सिर्फ नौकरी पाने वाले नहीं बल्कि *नौकरी देने वाले* भी बन सकते हैं।
भारत में युवा और कौशल
भारत में बड़ी संख्या में युवा हैं, लेकिन उनमें से बहुतों के पास ना तो सही प्रशिक्षण (training) है, ना ही *मौके (opportunities)।
यहां कुछ बड़ी समस्याएं हैं:
- शिक्षा और स्किल्स में बड़ा अंतर
- गांवों में तकनीकी सुविधाएं कम
- डिजिटल जानकारी की कमी
- लड़कियों के लिए डिजिटल स्किल्स तक सीमित पहुंच
लेकिन अब भारत सरकार और कई निजी संस्थाएं मिलकर युवाओं को डिजिटल दुनिया से जोड़ने की कोशिश कर रही हैं।
जैसे:
PMKVY (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना)
डिजिटल इंडिया मिशन
AICTE और NSDC के सहयोग से तकनीकी ट्रेनिंग
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे SWAYAM, Coursera, Skill India Portal आदि
एआई (AI) और डिजिटल स्किल्स क्यों ज़रूरी हैं?
अब हर क्षेत्र में AI और तकनीक का असर दिख रहा है:
- हेल्थकेयर में डॉक्टरों की मदद के लिए AI टूल्स
- शिक्षा में ऑनलाइन क्लास और स्मार्ट लर्निंग
- कृषि में स्मार्ट मशीन और डेटा एनालिसिस
- बिज़नेस में ऑटोमेशन और डिजिटल मार्केटिंग
अगर युवा इन तकनीकों को सीख लें, तो उन्हें सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में काम के मौके मिल सकते हैं।
प्रेरक कहानियां
1. कुशल कुमार, बिहार के एक छोटे गांव से हैं। उन्होंने मोबाइल से यूट्यूब पर वीडियो देखकर डिजिटल मार्केटिंग सीखी और आज खुद की ऑनलाइन एजेंसी चला रहे हैं।
2. आरती, जो एक झुग्गी बस्ती में रहती थीं, उन्होंने एक NGO के ज़रिए ग्राफिक डिजाइन सीखा और अब एक MNC में डिज़ाइनर की नौकरी कर रही हैं।
ऐसी कहानियां दिखाती हैं कि अगर मौका, मार्गदर्शन और मन हो, तो कोई भी युवा अपनी ज़िंदगी बदल सकता है।
हम क्या कर सकते हैं?
- युवाओं को डिजिटल दुनिया से जोड़ें – गांव, स्कूल और कॉलेजों में कंप्यूटर ट्रेनिंग ज़रूरी करें
- स्कूलों में स्किल बेस्ड एजुकेशन लाएं – सिर्फ किताबी ज्ञान से बात नहीं बनेगी
- इंटरनेट और मोबाइल टेक्नोलॉजी को सभी तक पहुंचाएं
- लड़कियों और वंचित वर्गों को प्राथमिकता दें
- स्थानीय भाषा में ट्रेनिंग और कोर्सेस उपलब्ध कराएं
विश्व युवा कौशल दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं है, बल्कि युवाओं की काबिलियत, उम्मीद और आत्मनिर्भरता* को सलाम करने का दिन है।
2025 की थीम हमें याद दिलाती है कि भविष्य डिजिटल है – और अगर हमें अपने युवाओं को सफल बनाना है, तो उन्हें आज ही AI और डिजिटल कौशल से लैस करना होगा।
सशक्त युवा = सशक्त राष्ट्र
अब वक्त है हर युवा को तकनीक की ताकत से जोड़ने का।
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