दिल्ली के लाल किले के पास हुए हालिया कार बम धमाके के पहले आतंकी डॉ. उमर उन नबी का एक वीडियो सामने आया है,
Delhi blast update: दिल्ली के लाल किले के पास हुए हालिया कार बम धमाके के पहले आतंकी डॉ. उमर उन नबी का एक वीडियो सामने आया है, जिसने जांच एजेंसियों के साथ-साथ सुरक्षा विशेषज्ञों को भी चौंका दिया है। लगभग चार मिनट के इस वीडियो में उमर आत्मघाती हमले को न सिर्फ सही ठहराता दिखाई देता है, बल्कि मौत को “अंतिम मंजिल” बताते हुए इसे धार्मिक दायित्व की तरह पेश करता है।
वीडियो के सामने आने के बाद यह सवाल तेज़ हो गया है कि क्या यह सिर्फ उसका व्यक्तिगत संदेश था, या फिर यह किसी बड़ी विचारधारात्मक मुहिम का हिस्सा था।
Delhi blast update: वीडियो में उमर क्या कहता है?
वीडियो में उमर शांत और बेहद आत्मविश्वास के साथ बोलता दिखाई देता है। वह कहता है कि दुनिया “सुसाइड बॉम्बिंग” को गलत नजरिये से देखती है, जबकि उसके अनुसार यह सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि “उच्च उद्देश्य के लिए बलिदान” है।
उमर आगे कहता है, “जब कोई व्यक्ति खुद को किसी मकसद के लिए कुर्बान करता है, उसकी मौत अंत नहीं, उसकी असली मंज़िल होती है। समाज और कानून भले ही इसे अपराध कहें, लेकिन असली इरादा कुछ और होता है।”
उसका यह बयान यह स्पष्ट करता है कि उसने अपने हमले को धार्मिक या वैचारिक ‘मिशन’ की तरह देखा था, न कि किसी व्यक्तिगत प्रतिशोध की तरह।
Delhi blast update: वीडियो के लहजे ने बढ़ाई चिंता
विशेषज्ञों के अनुसार, वीडियो में उमर का व्यवहार उस मानसिक अवस्था की ओर इशारा करता है जो लंबे समय तक चरमपंथी विचारों के संपर्क में रहने से बनती है। उसके चेहरे पर कोई भय, तनाव या संशय नहीं दिखता। इसके बजाय, वह आत्मघाती हमले को एक “सम्मानजनक फैसला” बताने की कोशिश करता है।
कई सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि यह वीडियो उसके “कट्टर बनने की यात्रा” का अंतिम पड़ाव प्रतीत होता है, जहाँ वह सार्वजनिक रूप से अपनी मौत को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश करता है।
Delhi blast update: जांच एजेंसियों के लिए क्यों अहम है यह वीडियो?
यह वीडियो जांच एजेंसियों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। उमर की मानसिक तैयारी के नजरिये से वीडियो बताता है कि वह हमले को लेकर पूरी तरह तैयार था और इसे “अंतिम मिशन” मान चुका था।
वीचारधारात्मक प्रेरणा की पुष्टि
इससे पता चलता है कि धमाका सिर्फ हिंसा नहीं, बल्कि एक वैचारिक अभियान का हिस्सा था, जिसमें आत्मघाती हमला ‘उपलब्धि’ की तरह देखा गया।
साजिश के दायरे का संकेत
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे वीडियो अक्सर अकेले नहीं बनाए जाते। यह किसी संगठन के अंदरूनी प्रचार का हिस्सा भी हो सकता है।
भविष्य की सुरक्षा के लिए चेतावनी
ऐसा वीडियो बताता है कि देश में कुछ लोग विचारों के ज़रिए भी भर्ती और ब्रेनवॉश कर रहे हैं।
Delhi blast update: समाज पर ऐसे संदेशों का प्रभाव
उमर के वीडियो का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इससे ऐसे युवा प्रभावित हो सकते हैं जो पहले से ही किसी वैचारिक भ्रम या मानसिक अस्थिरता से गुजर रहे हों। जब कोई व्यक्ति इस तरह के हमले को “शहादत” या “आत्मिक प्राप्ति” की तरह पेश करता है, तो कुछ लोग इसे धार्मिक रूप से वैध मान सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी सामग्री सिर्फ आतंकवाद नहीं फैलाती, बल्कि समाज में विभाजन, गुस्सा और धार्मिक गलतफहमियां भी बढ़ाती है।
Delhi blast update: कानूनी और धार्मिक दोनों मोर्चों पर गलत
हालांकि उमर ने वीडियो में आत्मघाती हमले को “मिशन” बताया, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारतीय कानून, धर्मों के मूल सिद्धांत और मानव जीवन के सार्वभौमिक मूल्य तीनों आत्मघाती हमलों को स्पष्ट रूप से गलत ठहराते हैं। कई धार्मिक विद्वानों का मानना है कि आत्मघाती हमला किसी भी धर्म में वैध नहीं है। उमर का यह दावा कि वह “धार्मिक कर्तव्य” निभा रहा है, विशेषज्ञों के अनुसार उसकी मानसिक कट्टरता का हिस्सा है, न कि किसी धार्मिक सत्य का।
Delhi blast update: वीडियो ने खोला आतंकी सोच का काला अध्याय
डॉ. उमर का यह वीडियो सिर्फ एक अपराधी की स्वीकारोक्ति नहीं है। यह कट्टरता का वह चेहरा है जो बंद कमरों में आकार लेता है और अंत में निर्दोष लोगों की जान लेकर सामने आता है। वीडियो से साफ है कि उमर ने अपने हमले को एक “पवित्र यात्रा” समझ लिया था और मौत को ‘अंतिम पुरस्कार’ मान रहा था।
जांच एजेंसियों के लिए यह वीडियो उसकी साजिश समझने का एक अहम हिस्सा बनेगा, जबकि समाज के लिए यह एक चेतावनी है कि विचारधाराओं की लड़ाई अब सिर्फ मैदानों में नहीं, दिमागों के भीतर भी लड़ी जा रही है।
