Devuthani Ekadashi 2025: शुभ कार्यों की हुई शुरुआत, जानें शादी की सबसे मंगल तिथियाँ और तरक्की के लिए उपाय
Devuthani Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का बहुत खास महत्व होता है। इसे प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं और इसके साथ ही शुभ कार्यों पर लगी रोक खत्म हो जाती है। यानी इसी दिन से फिर से शादी, गृहप्रवेश, मुंडन, मंगनी जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।
अगर आप या आपके परिवार में कोई शादी की तैयारी कर रहा है, तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि हम बता रहे हैं देवउठनी एकादशी 2025 के बाद नवंबर और दिसंबर महीने के विवाह के शुभ मुहूर्त।
देवउठनी एकादशी कब है 2025 में?
पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी 1 नवंबर 2025, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार महीने की नींद से जागते हैं और माता लक्ष्मी के साथ भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
इसी दिन से विवाह के शुभ कार्य दोबारा शुरू हो जाते हैं।
नवंबर 2025 के विवाह मुहूर्त
नवंबर में कई शुभ तिथियाँ हैं जब विवाह करना अत्यंत मंगलकारी रहेगा।
नवंबर के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं।
- 18 नवंबर 2025 (मंगलवार)
- 22 नवंबर 2025 (शनिवार)
- 23 नवंबर 2025 (रविवार)
- 24 नवंबर 2025 (सोमवार)
- 25 नवंबर 2025 (मंगलवार)
- 29 नवंबर 2025 (शनिवार)
- 30 नवंबर 2025 (रविवार)
इन दिनों में आप अपनी सुविधा के अनुसार विवाह का समय चुन सकते हैं। कुछ मुहूर्त दिन के समय हैं और कुछ रात्रि के — इसलिए सही लग्न का चयन किसी पंडित से जरूर करवाएं।
दिसंबर 2025 के शुभ विवाह मुहूर्त
दिसंबर में विवाह के केवल दो प्रमुख शुभ दिन रहेंगे।
- 4 दिसंबर 2025 (गुरुवार)
- 5 दिसंबर 2025 (शुक्रवार)
इन दोनों दिनों को ज्योतिष के अनुसार साल के सबसे मंगलकारी लग्न माना गया है। इन तिथियों में शादी करने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
Devuthani Ekadashi 2025 Upay
देवउठनी एकादशी को केवल शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक ही नहीं, बल्कि यह दिन जीवन की कठिनाइयाँ दूर करने और धन-समृद्धि पाने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
यहाँ कुछ सरल और प्रभावी उपाय बताए जा रहे हैं
1. तुलसी और पीपल की पूजा करें
शाम के समय तुलसी और पीपल के पास 5 घी के दीये जलाएँ।
‘ॐ नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का 7 या 21 बार जाप करें और वृक्ष की परिक्रमा करें।
कहा जाता है कि इससे रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और जीवन की बाधाएँ दूर होती हैं। लेकिन ध्यान रहे इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
2. दांपत्य सुख और तरक्की के लिए उपाय
देवउठनी एकादशी को तुलसी जी की पूजा करें और उनके तने में लाल कलावा बाँधें।
फिर श्रद्धा से तुलसी चालीसा का पाठ करें।
तुलसी को चूड़ी, बिंदी, चुनरी और बिछिया अर्पित करें।
अगले दिन ये सुहाग सामग्री किसी जरूरतमंद सुहागिन महिला को दान करें।
ऐसा करने से दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
3. आर्थिक तंगी दूर करने का उपाय
अगर आप आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं, तो इस दिन तुलसी पर कच्चा दूध और गन्ने का रस अर्पित करें।
गमले के सामने घी का दीपक जलाएँ।
मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
देवउठनी एकादशी पर दान का महत्व
दान इस दिन का सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना गया है।
आप निम्न चीजों का दान कर सकते हैं
- गर्म या ऊनी वस्त्र — जरूरतमंद को देने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पाप कटते हैं।
- सात प्रकार के अनाज — गेहूं, चावल, जौ, बाजरा, दाल, मक्का और तिल। इससे घर में अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती।
- सुहाग का सामान — चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी आदि किसी सुहागिन महिला को दान करने से विवाह जीवन में स्थिरता और खुशहाली बनी रहती है।
अगर इस साल छूट गया मुहूर्त…
अगर किसी कारण आप नवंबर-दिसंबर 2025 के मुहूर्त में शादी नहीं कर पा रहे हैं, तो चिंता की बात नहीं। क्योंकि फरवरी 2026 से फिर शुभ लग्न शुरू हो जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, फरवरी 2026 में 4, 5, 6, 7, 10, 11, 12, 13, 19, 20, 21, 24, 25 और 26 तारीखें विवाह के लिए अत्यंत शुभ रहेंगी।
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