केरल में ‘अत्यधिक गरीबी’ खत्म
Kerala Poverty Eradication: केरल ने आज एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को विधानसभा में घोषणा की कि राज्य ने “अत्यधिक गरीबी” (Extreme Poverty) को पूरी तरह खत्म कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने समाज के सबसे पिछड़े तबके को भी गरीबी की जकड़ से बाहर निकालने में सफलता पाई है। हालांकि विपक्ष ने इस दावे को “फ्रॉड और आंकड़ों का खेल” बताते हुए सदन का बायकॉट किया।
Kerala Poverty Eradication: मुख्यमंत्री ने कहा – ‘यह हमारी सामूहिक जीत है’
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में कहा, “यह केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे केरल समाज की जीत है। हमने एक ऐसे राज्य की परिकल्पना की थी जहां कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, कोई भी बिना छत के न रहे और हर परिवार को सम्मानजनक जीवन मिले। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हमने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है।”
सीएम के अनुसार, यह उपलब्धि ‘नवकेरलम मिशन’ (Navakeralam Mission) और ‘स्टेट पावर्टी एराडिकेशन मिशन – कुदुंबश्री’ (Kudumbashree) के जरिए संभव हो सकी। पिछले पांच वर्षों में सरकार ने लगभग 64,000 परिवारों को “अत्यधिक गरीबी” की श्रेणी से बाहर निकालने का दावा किया है।
Kerala Poverty Eradication: कैसे हुई पहचान और सुधार
राज्य सरकार ने 2019 में एक व्यापक सर्वे कराया था जिसमें यह पता लगाया गया कि राज्य में कितने परिवार अत्यधिक गरीबी में हैं। इस सर्वे के अनुसार, लगभग 64,006 परिवार ऐसे पाए गए जिनकी आय, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास की स्थिति अत्यधिक खराब थी। इसके बाद इन परिवारों को तीन चरणों में सहायता दी गई
आवास और भोजन सुरक्षा: प्रत्येक परिवार को पक्का घर, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा कवर दिया गया।
आजीविका सहायता: कुदुंबश्री मिशन के तहत महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया और छोटे व्यवसायों के लिए माइक्रो-लोन दिए गए।
शिक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण: बच्चों को छात्रवृत्ति और डिजिटल डिवाइस मुहैया कराए गए ताकि नई पीढ़ी गरीबी के चक्र को तोड़ सके।
Kerala Poverty Eradication: सीएम विजयन ने कहा,
“यह अभियान केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं था, बल्कि हमने लोगों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारने पर ध्यान दिया। यह सामाजिक पुनर्निर्माण का उदाहरण है।”
Kerala Poverty Eradication: विपक्ष ने बोला हमला ‘यह आंकड़ों की जालसाजी’
वहीं कांग्रेस और बीजेपी ने सरकार के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
कांग्रेस विधायक वी.डी. सतीसन ने कहा, “यह घोषणा एक राजनीतिक शो है। ज़मीनी सच्चाई यह है कि राज्य में अब भी हज़ारों परिवार ऐसे हैं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिता रहे हैं। सरकार केवल आंकड़ों के साथ खेल रही है।” भाजपा के राज्य अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने भी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, “केरल सरकार की गरीबी खत्म करने की घोषणा एक झूठा प्रचार है। अगर गरीबी खत्म हो गई होती तो राज्य में आत्महत्याएं और बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है?” विपक्ष ने इस मुद्दे पर सदन से वॉकआउट किया और इसे “फ्रॉड ऑन पीपल” करार दिया।
Kerala Poverty Eradication: कुदुंबश्री मिशन की भूमिका
केरल में 1998 में शुरू हुआ कुदुंबश्री मिशन आज राज्य के 45 लाख से अधिक महिलाओं से जुड़ा हुआ है। इस मिशन ने गरीबी उन्मूलन में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। कुदुंबश्री के तहत महिलाओं ने छोटे उद्योग, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, हैंडीक्राफ्ट, और होम-बेस्ड बिज़नेस के ज़रिए अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की। सरकार का दावा है कि इसी मॉडल के कारण आज केरल में महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त हुई हैं।
Kerala Poverty Eradication: संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भी सराहा
केरल के इस मॉडल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हुई है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और नीति आयोग ने भी राज्य के इस प्रयास की सराहना की है। UNDP की एक रिपोर्ट के अनुसार, केरल का मानव विकास सूचकांक (HDI) भारत में सबसे अधिक है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता के क्षेत्र में उसके अग्रणी होने को दर्शाता है।
Kerala Poverty Eradication: जनता की राय बंटी
राज्य में आम लोगों की राय इस मुद्दे पर बंटी हुई दिखी। कई परिवारों ने सरकार की पहल की तारीफ की, वहीं कुछ का कहना है कि “कागजों में गरीबी खत्म हुई है, ज़मीन पर नहीं।” एर्नाकुलम की एक निवासी रेखा पिल्लई ने कहा, “हमारे इलाके में कई परिवारों को नई योजनाओं से मदद मिली है। पहले जो घर टूटे-फूटे थे, अब पक्के हो गए हैं। महिलाएं कुदुंबश्री से रोज़गार पा रही हैं।” वहीं, पलक्कड़ जिले के एक नागरिक ने कहा, “गरीबी खत्म कहना गलत है। महंगाई और बेरोजगारी अब भी बड़ी समस्या हैं। सरकार को वास्तविक रोज़गार सृजन पर ध्यान देना चाहिए।”
Kerala Poverty Eradication: आगे की योजना
सरकार ने अब ‘Zero Poverty Mission – Phase 2’ की घोषणा की है, जिसके तहत राज्य “सामाजिक असमानता” को खत्म करने पर काम करेगा। इसमें बेघरों, वृद्धों, और दिव्यांगजनों के लिए विशेष योजनाएं शामिल की जाएंगी। सीएम विजयन ने कहा, “हम केवल गरीबी मिटाने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि समान अवसर वाला समाज बनाने के लिए आगे बढ़ेंगे।”
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