
Masik Durgashtami 2025: इन चीजों का करें दान, मां दुर्गा की कृपा से बन जाएंगे सभी बिगड़े काम
Masik Durgashtami 2025: हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व है। यह तिथि हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी को आती है और मां दुर्गा को समर्पित होती है। इस दिन मां दुर्गा की उपासना, व्रत और दान करने से सभी कष्टों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है। खासतौर पर दान का महत्व इस दिन कई गुना अधिक हो जाता है क्योंकि यह पुण्य फलदायी तो होता ही है, साथ ही मां की कृपा भी शीघ्र प्राप्त होती है।
कब है मासिक दुर्गाष्टमी 2025 व्रत?
द्रिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की मासिक दुर्गाष्टमी 2025 में 2 जुलाई को बुधवार को सुबह 11:58 बजे से शुरू होगी और 3 जुलाई को गुरुवार दोपहर 2:06 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार व्रत 3 जुलाई को रखा जाएगा और व्रत का पारण 4 जुलाई को किया जाएगा।
मासिक दुर्गाष्टमी महवत्त
मासिक दुर्गाष्टमी मां दुर्गा की उपासना का अत्यंत शुभ दिन है। इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ यदि ऊपर बताई गई चीजों का श्रद्धापूर्वक दान किया जाए, तो मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों के जीवन से दुख, दरिद्रता और बाधाएं दूर करती हैं। साथ ही जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इसलिए इस दिन को केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रखें, बल्कि अपने जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम बनाएं।
क्यों करें मासिक दुर्गाष्टमी पर दान?
धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए व्रत के साथ-साथ दान-पुण्य करना अत्यंत जरूरी है। जो भक्त सच्चे मन से इस दिन दान करते हैं, उनके जीवन में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और बिगड़े काम बनने लगते हैं। विशेष रूप से कुछ चीजों का दान मां दुर्गा को बहुत प्रिय होता है।
मासिक दुर्गाष्टमी पर क्या-क्या दान करें?
- मां दुर्गा को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। यह शक्ति, ऊर्जा और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन किसी कन्या, सुहागिन स्त्री या मंदिर में मां को अर्पण करने के लिए लाल चुनरी या लाल रंग के वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ होता है। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- मां दुर्गा को श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाना बहुत पुण्यदायी माना गया है। यदि सुहागिन महिलाएं इस दिन सिंदूर, चूड़ियां (विशेषकर लाल), बिंदी, महावर, मेहंदी, काजल, इत्र, कंघी आदि चीजें दान करें तो उन्हें अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है। यह सामग्री किसी अन्य सुहागिन स्त्री को भी दान की जा सकती है।
- शुद्ध देसी गाय का घी शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है। इसे मंदिर में दीपक जलाने के लिए दान करना या किसी जरूरतमंद को भोजन बनाने हेतु देना शुभ माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, घी का दान करने से सूर्य, चंद्र, मंगल और बृहस्पति के दोषों में कमी आती है और जीवन में खुशहाली आती है।
- जौ को सृष्टि का मूल अन्न माना जाता है। यह अत्यंत पवित्र होता है और देवी-देवताओं को अर्पण करने योग्य होता है। मासिक दुर्गाष्टमी पर जौ का दान करने से घर में अन्न-धन की कमी नहीं रहती और बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। इसे ब्राह्मणों या मंदिर में अर्पण करें।
- मां दुर्गा को खीर और हलवा अत्यंत प्रिय हैं। इस दिन घर पर बना शुद्ध हलवा या खीर कन्याओं को भोजन में खिलाएं या किसी गरीब को दान करें। इससे मां प्रसन्न होती हैं और परिवार पर विशेष कृपा करती हैं।
- अन्न दान को सर्वोत्तम दान कहा गया है। मासिक दुर्गाष्टमी पर चावल, गेहूं या कोई भी मुख्य खाद्य सामग्री जरूरतमंदों को देना अत्यंत पुण्यकारी होता है। इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती और हमेशा बरकत बनी रहती है।
दान करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- स्वच्छता और शुद्धता
दान करने से पहले स्वयं स्नान करके शुद्ध हो जाएं। दान की वस्तुओं को भी साफ और अच्छी स्थिति में रखें। - श्रद्धा और समर्पण भाव
दान करते समय मन में सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए। कोई भी दान केवल दिखावे या अहंकार से न करें। - गुप्त दान
धार्मिक ग्रंथों में गुप्त रूप से किए गए दान को सर्वोत्तम माना गया है। जब दान की चर्चा न हो और वह केवल मां को अर्पण भाव से किया जाए, तब उसका फल हजार गुना बढ़ जाता है। - स्त्रियों और कन्याओं का सम्मान
दुर्गाष्टमी के दिन विशेष रूप से कन्याओं और सुहागिन स्त्रियों का आदर करें। उन्हें आदर सहित भोजन कराना और उपहार देना मां दुर्गा को अत्यंत प्रिय होता है।
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