
Punjab Flood 2025: 40 साल का सबसे बड़ा जल प्रहार, कैसे डूब गया पूरा प्रदेश?
Punjab Flood 2025: पंजाब इस समय अपनी दशकों की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है और 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीब 1,300 गांव पानी में डूब गए हैं, हजारों घर ढह गए हैं और लाखों एकड़ में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। हालात इतने गंभीर हैं कि राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित करना पड़ा।
बाढ़ की शुरुआत कैसे हुई?
अगस्त 2025 में हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों में लगातार कई दिनों तक मूसलाधार बारिश हुई। पहाड़ों से बहकर आने वाला पानी पंजाब की नदियों—सतलुज, ब्यास और रावी—को उफान पर ले आया। डैम तेजी से भरने लगे और सुरक्षा कारणों से भाखड़ा डैम, पोंग डैम और रंजीत सागर डैम से पानी छोड़ना पड़ा। इससे निचले इलाकों में और तबाही बढ़ गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार हुई बारिश सामान्य से कहीं ज्यादा थी। मानसून का पैटर्न बदल चुका है—जहां पहले धीरे-धीरे बरसात होती थी, वहीं अब अचानक अत्यधिक बारिश हो जाती है। क्लाइमेट चेंज का यह असर पंजाब पर साफ दिख रहा है।
नुकसान कितना बड़ा है?
अमृतसर, फिरोजपुर, मोगा, पठानकोट और बठिंडा जैसे जिलों में हालात बेहद खराब हैं।
- अमृतसर के एक गांव में भारी बारिश से मकान की छत गिरने पर मासूम बच्ची की मौत हो गई।
- मोगा में 100 साल पुराना मकान गिर गया। सौभाग्य से कोई जान नहीं गई, लेकिन लाखों का नुकसान हुआ।
- हजारों एकड़ में खड़ी धान और मक्का की फसलें पानी में डूबकर सड़ गईं। किसानों की मेहनत और सालभर की उम्मीदें एक झटके में खत्म हो गईं।
- कई जगहों पर सड़कें, पुल और रेलवे ट्रैक टूट गए, जिससे आवागमन बाधित है।
स्थानीय लोग कहते हैं कि उन्होंने 1988 की बाढ़ देखी थी, लेकिन इस बार हालात और भी गंभीर हैं।
इंसानी लापरवाही ने बढ़ाई तबाही
बाढ़ सिर्फ प्राकृतिक कारणों से नहीं आई। इंसानी गलतियां और लापरवाही ने इसे और खतरनाक बना दिया।
- नहरों और नालों की सफाई सालों से नहीं हुई, जिससे पानी का बहाव रुक गया।
- नदियों में सिल्ट जमा हो चुकी है, जिससे पानी आसानी से नहीं निकल पाया।
- कई तटबंध और बांध जर्जर हालत में हैं, समय पर उनकी मरम्मत नहीं की गई।
- नदी किनारे अवैध खनन और अनियंत्रित निर्माण ने हालात और बिगाड़ दिए।
- खेती, सड़क और रेलवे लाइन ने पानी के प्राकृतिक रास्ते को रोक दिया।
यानी अगर समय पर योजना और प्रबंधन किया गया होता तो शायद यह बाढ़ इतनी विनाशकारी नहीं होती।
सरकार और समाज की मदद
हालात से निपटने के लिए राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।
- हरियाणा सरकार ने पंजाब को 5 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी है।
- आम आदमी पार्टी ने अपने सभी सांसदों और विधायकों की एक महीने की सैलरी राहत कोष में देने का एलान किया है।
- पंजाब के मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने तो अपनी एक साल की पूरी आय (12 लाख रुपये) राहत कोष में दान कर दी।
- पंजाब के आईपीएस अधिकारियों ने भी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का संकल्प लिया है।
- बीएसएफ के जवान दिन-रात बांधों की मरम्मत में जुटे हैं और गांवों में जाकर लोगों का हौसला बढ़ा रहे हैं।
पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने भी भावुक होकर कहा कि पंजाब उनकी आत्मा है और इस तबाही में वह हर पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।
लोगों का दर्द और उम्मीद
गांव-गांव में लोग ट्रैक्टर-ट्रालियों से मिट्टी ढोकर तटबंध मजबूत करने में लगे हैं। जिनके घर टूट गए, वे रिश्तेदारों के यहां या राहत कैंपों में शरण लिए हुए हैं। छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने की बजाय अब अपने परिवार के साथ पानी निकालने और मलबा हटाने में मदद कर रहे हैं।
किसानों का दर्द सबसे गहरा है। एक किसान ने कहा—“हमने सालभर मेहनत की, लेकिन पांच दिन की बारिश ने सब खत्म कर दिया। सरकार से गुहार है कि हमें उचित मुआवजा मिले।”
क्या सबक लेना होगा?
पंजाब की यह बाढ़ सिर्फ एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि चेतावनी है कि अगर हमने जल प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और अवैध खनन पर ध्यान नहीं दिया तो भविष्य और भी डरावना हो सकता है।
- नदियों की नियमित सफाई होनी चाहिए।
- तटबंध और बांधों की समय-समय पर मरम्मत जरूरी है।
- जल निकासी की आधुनिक व्यवस्था बनानी होगी।
- जंगलों की कटाई और नदी किनारे अवैध निर्माण पर सख्त रोक लगानी होगी।
पंजाब हमेशा देश की ताकत रहा है—चाहे वह अनाज का भंडार हो या सीमाओं पर डटकर खड़ा रहना। आज वही पंजाब बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहा है। जरूरत है कि देश एकजुट होकर पंजाब की मदद करे।
यह भी पढ़े
Extreme Heavy Rain Alert: अगले 7 दिन प्रचंड बारिश के लिए रहिए तैयार – मौसम विभाग की चेतावनी