Shantanu Deshpande’s warning: प्रोसेस्ड फूड और फास्ट डिलीवरी से सेहत को होने वाला नुकसान
Shantanu Deshpande’s warning: भारत में फूड डिलीवरी की सुविधा तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ-साथ अस्वास्थ्यकर आदतें भी बढ़ रही हैं। बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO शंतनु देशपांडे ने त्वरित फूड डिलीवरी पर सवाल उठाए हैं, खासकर प्रोसेस्ड फूड और इसकी स्वास्थ्य पर पड़ने वाली असर को लेकर। उन्होंने ताजे और पौष्टिक भोजन की आवश्यकता पर जोर दिया और लोगों से घर पर खाना बनाने की अपील की है।
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ToggleShantanu Deshpande’s warning: शंतनु देशपांडे की चिंता: क्या हम सही दिशा में जा रहे हैं?
बॉम्बे शेविंग कंपनी के संस्थापक और CEO शंतनु देशपांडे ने हाल ही में भारत में फूड डिलीवरी की बढ़ती आदतों और उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि भारत में अस्वास्थ्यकर और प्रोसेस्ड फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जो पाम ऑयल और चीनी से भरा होता है। उन्होंने यह भी कहा कि अब हमारा आहार कम पोषणकारी हो गया है क्योंकि हम ज्यादा कृषि उत्पादन की ओर बढ़े हैं, लेकिन इसकी गुणवत्ता कम हो गई है।
देशपांडे ने एक लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा कि भारत में आजकल प्रोसेस्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का चलन बढ़ता जा रहा है, जो अधिकतर पाम ऑयल और चीनी से भरे होते हैं। यह फूड पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं और इनसे कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 50 सालों में हमारे अनाजों का पोषण घट चुका है क्योंकि हम कृषि उत्पादन में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, न कि उनकी पोषण मूल्य पर।
Shantanu Deshpande’s warning: ‘कुक टाइम 2 मिनट, डिलीवरी टाइम 8 मिनट’: यह कितना सही है?
देशपांडे ने एक बात का जिक्र किया, जिसमें एक फूड डिलीवरी कंपनी के संस्थापक ने कहा था कि खाना तैयार करने में 2 मिनट और डिलीवरी में 8 मिनट लगते हैं। शंतनु ने इसका विरोध किया और कहा कि क्या ताजे, पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन को इतने कम समय में तैयार और डिलीवर किया जा सकता है? क्या यह हमारी सेहत के लिए सही है?
उनका सवाल था कि जब खाना बनाने का समय केवल 2 मिनट है और डिलीवरी में 8 मिनट लगते हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि ये भोजन पुराने और प्रोसेस्ड हैं, जिन्हें ताजगी के बजाय दिखाने के लिए बस कुछ मसाले डालकर प्रस्तुत किया जाता है। उनका मानना है कि इस तरह के भोजन से न केवल ताजगी और स्वाद कम होता है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
Shantanu Deshpande’s warning: प्रोसेस्ड फूड से बचने की जरूरत
देशपांडे ने यह भी बताया कि आजकल जो फूड डिलीवर होते हैं, उनमें अक्सर पुराने सब्ज़ियां, जमे हुए प्यूरियों और करी को गर्म करके भेजा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। उनका कहना है कि हम एक ऐसे रास्ते पर बढ़ रहे हैं, जो अमेरिका और चीन की तरह है, लेकिन हमारे पास उनके जैसे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं नहीं हैं।
देशपांडे ने यह भी कहा कि भारत में जंक फूड की आदतें बढ़ रही हैं, और यह सिर्फ फूड डिलीवरी कंपनियों का नहीं, बल्कि पूरे समाज का भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि फूड डिलीवरी कंपनियों को न केवल तेज़ी से डिलीवरी करने पर ध्यान देना चाहिए, बल्कि उनकी प्राथमिकता ताजगी और पोषण को भी बनानी चाहिए।
Shantanu Deshpande’s warning: जंक फूड की लत और इसके खतरे
उन्होंने कहा कि भारत में ₹49 की पिज़्ज़ा, ₹30 के बर्गर और ₹20 के ऊर्जा पेय ने जंक फूड की आदत को बढ़ावा दिया है। यह आदत हमें एक ऐसे रास्ते पर ले जा रही है, जो खराब स्वास्थ्य के परिणामस्वरूप हो सकता है। उनका मानना है कि अगर यह स्थिति जारी रही तो भारत में स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो सकता है, जैसा कि अमेरिका और चीन में हुआ है।
देशपांडे ने यह भी कहा कि भारत में लोग फूड डिलीवरी की आदतों में फंसे हुए हैं, लेकिन इसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने यह चेतावनी दी कि अगर यही आदतें जारी रहीं, तो यह लंबे समय में बड़े स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकती हैं।
Shantanu Deshpande’s warning: निवेशकों और संस्थापकों के लिए चेतावनी
देशपांडे ने खाद्य डिलीवरी कंपनियों और उनके निवेशकों को चेतावनी दी कि वे केवल त्वरित डिलीवरी पर ध्यान न दें, बल्कि खाने की गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अगर आप तेजी से डिलीवरी करना चाहते हैं तो कम से कम भोजन का स्वाद और ताजगी बनाए रखें।
उनका कहना था कि अगर फूड डिलीवरी कंपनियां यही गति बनाए रखेंगी, तो यह आने वाले समय में स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। शंतनु ने यह भी सुझाव दिया कि इन कंपनियों को इस प्रकार के भोजन के प्रभावों पर गहरे अध्ययन करने की आवश्यकता है और इसे सुधारने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
Shantanu Deshpande’s warning: घर पर खाना पकाने की सलाह
देशपांडे ने सभी से अपील की कि वे त्वरित फूड डिलीवरी पर निर्भर होने के बजाय घर पर ही खाना पकाएं। उनका कहना था कि कोई भी इतना व्यस्त नहीं है कि वह 10 मिनट के लिए दाल-चावल या सैंडविच न बना सके। घर का बना खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है और यह किसी भी त्वरित डिलीवरी से बेहतर है।
देशपांडे का मानना है कि खाना बनाना एक जरूरी कौशल है, जिसे हर व्यक्ति को सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस बात का बहाना नहीं बना सकता कि वह इतना व्यस्त है कि वह कुछ मिनटों के लिए खाना नहीं बना सकता। घर का बना खाना हमेशा अधिक ताजगी और पोषण देता है, जो हमारी सेहत के लिए बेहतर होता है।
Shantanu Deshpande’s warning: सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
शंतनु देशपांडे के इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। कई लोगों ने उनके विचारों का समर्थन किया और कहा कि हम केवल सुविधाजनक भोजन को देखकर अपना स्वास्थ्य खतरे में डाल रहे हैं। एक अन्य यूज़र ने यह भी कहा कि हमें एक नियामक प्राधिकरण की आवश्यकता है जो डिलीवरी कंपनियों के भोजन की गुणवत्ता की जांच करे।
कुछ यूज़र्स ने यह भी कहा कि त्वरित डिलीवरी की दौड़ में कंपनियों को अपने उत्पाद की गुणवत्ता पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यदि ये खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, तो इससे बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
Shantanu Deshpande’s warning: निष्कर्ष
शंतनु देशपांडे ने इस मुद्दे पर सवाल उठाया कि यदि त्वरित फूड डिलीवरी इतनी बुरी है, तो क्यों इसे खत्म करने की कोशिश नहीं की गई? उनका कहना है कि यह समय है जब हम अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और त्वरित फूड डिलीवरी पर निर्भर होने के बजाय ताजे और स्वस्थ विकल्प चुनें। यह ध्यान रखना जरूरी है कि त्वरित डिलीवरी का मतलब हमेशा ताजगी और पोषण नहीं होता।
उनका संदेश यह है कि हमें अपनी आदतों को बदलने की आवश्यकता है और जितना हो सके स्वस्थ, घर का बना खाना ही चुनें। यही सबसे सही तरीका है ताकि हम अपनी सेहत को बनाए रख सकें।
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